चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में अंतर्कलह खत्म नहीं हो रही है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Chief Minister Captain Amarinder Singh) के खिलाफ हमेशा मोर्चा खोले रहने वाले अमृतसर से विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ( Navjot Singh Sidhu) ने कहा है कि वह इलेक्शन में इस्तेमाल होने वाले शोपीस नहीं हैं.
एक इंटरव्यू में उन्होंने यह बात कही. साथ ही कहा कि वह बाहरी नहीं हैं वह पक्के कांग्रेसी है, सिद्धू ने फिर कहा उनकी लड़ाई मुद्दों की है न कि ओहदों की. सिद्धू ने कहा कि 'उप मुख्यमंत्री के ओहदे की मुझे कोई जरूरत नहीं है.' साथ ही सिद्धू ने दावा किया कि प्रशांत किशोर 60 बार उनके पास आए हैं.
विधायक पुत्रों को नौकरी देने पर साधा निशाना
सिद्धू ने कहा कि अपने एजेंडे क्लीयर कर कांग्रेस में आया प्रचार किया और कांग्रेस ने जीत भी हासिल की. सिद्धू ने विधायक पुत्रों को नौकरी दिए जाने पर भी निशाना साधा. हाई कमान की ओर से दिल्ली न बलाए जाने पर उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में फिर मीडिया के सामने अपनी बात रखेंगे.
तीन सदस्यीय समिति का हुआ था गठन
पिछले सप्ताह विवाद को निपटाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था, जिसके बाद कमेटी ने सभी विधायकों के साथ बैठक कर सभी मुद्दों पर चर्चा की थी.
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कमेटी ने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी थी. पैनल ने अपनी रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की है कि पंजाब में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह का कोई विकल्प नहीं है और इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव (2022) उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा. हालांकि सूत्रों का कहना है कि उस कमेटी में सिद्धू के मुद्दे पर मतभेद था.
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