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Punjab: ड्रग तस्कर की बैरक में रखे गये नवजोत सिंह सिद्धू, सुरक्षा पर उठे सवाल - जेल में सिद्धू के बैरक में ड्रग तस्कर

हाल के दिनों में नवजोत सिंह सिद्धू का ट्वीटर अकाउंट नशे की बीमारी के खिलाफ पोस्ट से भरी पड़ी है. लेकिन यह शायद उन्होंने भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन उन्हें किसी नशा तस्कर के साथ ही जेल में बंद कर दिया जाएगा. हालांकि अब यह मामला काफी चर्चा में है.

Navjot
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Published : May 22, 2022, 1:36 PM IST

पटियाला: रोड रेज मामले में पटियाला जेल में बंद नवजोत सिद्धू की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेल प्रशासन ने सिद्धू को ड्रग मामले में बर्खास्त पुलिस कॉन्स्टेबल इंद्रजीत सिंह के साथ बैरक में रखा है. पुलिस ने इंद्रजीत के पास से नशीली दवाओं के साथ एक एके-47 भी बरामद की थी.

जानकारी के मुताबि जब इस बात का पता चला तो बर्खास्त इंस्पेक्टर के बैरक को तुरंत बदल दिया गया. सिद्धू के लिए यह महत्वपूर्ण है क्योंकि वह अपने राजनीतिक जीवन में लगातार मादक पदार्थों के तस्करों के खिलाफ बोलते रहे हैं. मामला जेल के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद लापरवाही की जांच शुरू कर दी गई है.

अफसर उठा रहे सवाल: नवजोत सिद्धू को शुक्रवार को जब इंद्रजीत सिंह के साथ बंद किया गया तो जेल कर्मचारी भी अधिकारियों के इस फैसले से हैरान रह गए. सिद्धू लगातार ड्रग तस्करों के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं. वे नशा तस्करों की हिट लिस्ट में हैं.

जान को खतरा हो सकता है: पुलिस अधिकारियों का यह भी मानना ​​है कि सिद्धू को पंजाब के एक ड्रग तस्कर के पास रखने से उसकी जान को खतरा हो सकता है. इसे बिक्रम मजीठिया के लिए भी खतरा माना जा रहा है. अधिकारियों ने यह भी सवाल उठाया कि सिद्धू की ड्रग्स के खिलाफ आवाज को देखते हुए उन्हें ड्रग मामलों में एक साथ नहीं रखा जाना चाहिए था. जेल अधिकारियों को अपनी गलती का अहसास होते ही इंद्रजीत सिंह की बैरक बदल दी लेकिन इस घटना ने एक बार फिर जेल में सुरक्षा व्यवस्था की ढीली पोल खोल दी है. नवजोत सिंह सिद्धू अक्सर ड्रग्स के खिलाफ बोलते रहे हैं और उनके बैरक में एक ड्रग डीलर की मौजूदगी खुद ही जेल प्रशासन के प्रदर्शन पर सवाल खड़ा कर रही है.

कौन हैं इंद्रजीत सिंह: इंद्रजीत सिंह कपूरथला पुलिस में सीआईए इंस्पेक्टर थे. स्पेशल टास्क फोर्स ने 2017 में उसके घर से एक एके-47 भी बरामद किया था. इसके अलावा उसके पास से 4 किलो हेरोइन, 3 किलो स्मैक और विदेशी हथियार भी बरामद किए गए थे. उनके साथ कई अन्य पुलिस अधिकारी भी इसमें शामिल थे.

रोड रेज मामले में सिद्धू को जेल: सुप्रीम कोर्ट ने 34 साल पुराने रोड रेज मामले में नवजोत सिद्धू को एक साल कैद की सजा सुनाई है. जिसके बाद सिद्धू ने शुक्रवार को पटियाला कोर्ट में सरेंडर कर दिया. सिद्धू का 1988 में पटियाला में बुजुर्ग गुरनाम सिंह से पार्किंग को लेकर झगड़ा हो गया था. इसके बाद बुजुर्ग की मौत हो गई. इससे पहले शीर्ष अदालत ने सिद्धू पर सिर्फ 1000 रुपये का जुर्माना लगाया था. हालांकि पीड़ित परिवार ने एक समीक्षा याचिका दायर की थी. जिसमें उन्हें अब एक साल की सजा सुनाई गई है.

यह भी पढ़ें- West Bengal: भाजपा छोड़ेंगे अर्जुन सिंह, टीएमसी में जाने की संभावना

पटियाला: रोड रेज मामले में पटियाला जेल में बंद नवजोत सिद्धू की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेल प्रशासन ने सिद्धू को ड्रग मामले में बर्खास्त पुलिस कॉन्स्टेबल इंद्रजीत सिंह के साथ बैरक में रखा है. पुलिस ने इंद्रजीत के पास से नशीली दवाओं के साथ एक एके-47 भी बरामद की थी.

जानकारी के मुताबि जब इस बात का पता चला तो बर्खास्त इंस्पेक्टर के बैरक को तुरंत बदल दिया गया. सिद्धू के लिए यह महत्वपूर्ण है क्योंकि वह अपने राजनीतिक जीवन में लगातार मादक पदार्थों के तस्करों के खिलाफ बोलते रहे हैं. मामला जेल के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद लापरवाही की जांच शुरू कर दी गई है.

अफसर उठा रहे सवाल: नवजोत सिद्धू को शुक्रवार को जब इंद्रजीत सिंह के साथ बंद किया गया तो जेल कर्मचारी भी अधिकारियों के इस फैसले से हैरान रह गए. सिद्धू लगातार ड्रग तस्करों के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं. वे नशा तस्करों की हिट लिस्ट में हैं.

जान को खतरा हो सकता है: पुलिस अधिकारियों का यह भी मानना ​​है कि सिद्धू को पंजाब के एक ड्रग तस्कर के पास रखने से उसकी जान को खतरा हो सकता है. इसे बिक्रम मजीठिया के लिए भी खतरा माना जा रहा है. अधिकारियों ने यह भी सवाल उठाया कि सिद्धू की ड्रग्स के खिलाफ आवाज को देखते हुए उन्हें ड्रग मामलों में एक साथ नहीं रखा जाना चाहिए था. जेल अधिकारियों को अपनी गलती का अहसास होते ही इंद्रजीत सिंह की बैरक बदल दी लेकिन इस घटना ने एक बार फिर जेल में सुरक्षा व्यवस्था की ढीली पोल खोल दी है. नवजोत सिंह सिद्धू अक्सर ड्रग्स के खिलाफ बोलते रहे हैं और उनके बैरक में एक ड्रग डीलर की मौजूदगी खुद ही जेल प्रशासन के प्रदर्शन पर सवाल खड़ा कर रही है.

कौन हैं इंद्रजीत सिंह: इंद्रजीत सिंह कपूरथला पुलिस में सीआईए इंस्पेक्टर थे. स्पेशल टास्क फोर्स ने 2017 में उसके घर से एक एके-47 भी बरामद किया था. इसके अलावा उसके पास से 4 किलो हेरोइन, 3 किलो स्मैक और विदेशी हथियार भी बरामद किए गए थे. उनके साथ कई अन्य पुलिस अधिकारी भी इसमें शामिल थे.

रोड रेज मामले में सिद्धू को जेल: सुप्रीम कोर्ट ने 34 साल पुराने रोड रेज मामले में नवजोत सिद्धू को एक साल कैद की सजा सुनाई है. जिसके बाद सिद्धू ने शुक्रवार को पटियाला कोर्ट में सरेंडर कर दिया. सिद्धू का 1988 में पटियाला में बुजुर्ग गुरनाम सिंह से पार्किंग को लेकर झगड़ा हो गया था. इसके बाद बुजुर्ग की मौत हो गई. इससे पहले शीर्ष अदालत ने सिद्धू पर सिर्फ 1000 रुपये का जुर्माना लगाया था. हालांकि पीड़ित परिवार ने एक समीक्षा याचिका दायर की थी. जिसमें उन्हें अब एक साल की सजा सुनाई गई है.

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