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2020 की प्रमुख प्राकृतिक आपदाएं, जिन्होंने दिए कभी न भरने वाले जख्म

प्राकृतिक आपदाएं दुनिया भर में सार्वभौमिक घटनाएं हैं. प्राकृतिक आपदा एक प्राकृतिक घटना है जो कि मानव गतिविधियों को प्रभावित करती है और मानव जीवन के साथ ही संपत्ति को बहुत नुकसान पहुंचाती है.

भारत के इतिहास की प्रमुख प्राकृतिक आपदाओं की सूची
भारत के इतिहास की प्रमुख प्राकृतिक आपदाओं की सूची
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Published : Dec 30, 2020, 3:25 PM IST

Updated : Jan 1, 2021, 10:00 AM IST

नई दिल्ली : क्रिश्चियन सहायता की रिपोर्ट के अनुसार इस साल भारत में बाढ़ दुनिया का पांचवीं सबसे बड़ी और खतरनाक प्राकृतिक आपदाओं में से एक है. जिस कारण देश को $ 10 बिलियन का नुकसान हुआ. भारत में जून-अक्टूबर में आई बाढ़ के कारण विस्थापन दूसरे स्थान पर रहा, जिससे अन्य 4 मिलियन लोग प्रभावित हुए. यह स्पष्ट है कि चक्रवात अम्फान के प्रभाव और भारत में बाढ़ ने दुनिया के अन्य स्थानों की तुलना में अधिकतम जीवन और आजीविका को खतरे में डाला है.

चक्रवात 2020 हवा की गति प्रभावित क्षेत्र मौत नुकसान
अम्फान मई 2020 190 kmph पश्चिम बंगाल और ओडिशा
  • अम्फान चक्रवात इस सदी का पहला प्री-मानसून सुपर साइक्लोन था और बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न हुआ था
  • इसने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भारी तबाही मचाई
  • 86 से अधिक लोगों के जीवन प्रभावित
  • पश्चिम बंगाल में 23 में से 14 जिलों और ओडिशा में कम से कम छह जिलों में फसल क्षति हुई.
  • पश्चिम बंगाल में राज्य के कृषि विभाग से आने वाली प्रारंभिक क्षति गणना लगभग 370 करोड़ रुपये है, जबकि ओडिशा में 1,20,000 हेक्टेयर से अधिक की फसलें प्रभावित हुई हैं.
  • चक्रवात ने राज्य के बड़े हिस्सों को नुकसान पहुंचाया है. कई लोगों को बेघर किया , बिजली गई, इंटरनेट कनेक्शन और अन्य संचार उपकरण खराब हुए. उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मिदनापुर, कोलकाता, हावड़ा और हुगली में बड़े पैमाने पर नुकसान की सूचना दी गई थी.
  • ओडिशा में लगभग 45 लाख लोग इस चक्रवाती तूफान से प्रभावित हुए.
निसर्ग जून 2020 110 kmph महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात
  • निसर्ग साइक्लोन जून 1891 के बाद से महाराष्ट्र को प्रभावित करने वाला सबसे शक्तिशाली चक्रवात था.
  • महाराष्ट्र के कोंकण में चक्रवात के कारण छह लोगों की जान चली गई.
  • 5,033 हेक्टेयर (12,440 एकड़) भूमि क्षतिग्रस्त हो गई.
  • राज्य सरकार ने अनुमान लगाया कि निसर्ग से 6००० करोड़ रुपये से अधिक की क्षति हुई है.
निवार नवंबर 2020 120 kmph तमिलनाडु
  • निवार ने महाबलिपुरम के करीब पुडुचेरी और चेन्नई के बीच तमिलनाडु पर अपना असर दिखाया.
  • लगभग 2.5 लाख लोगों को चक्रवात आश्रय में रखा गया था.
  • 3 लोगों की जान गई.
  • 28,161 बच्चों सहित लगभग 0.1 मिलियन लोगों को निचले इलाकों से तमिलनाडु में 1,694 राहत शिविरों में भेजा गया था.
  • लगभग 2,525 एकड़ में धान और मूंगफली की खेती की गई थी जिसमें लगभग 185 हेक्टेयर बागवानी फसल नष्ट हो गई थी.
बुवेरी दिसंबर 2020

80 kmph

तमिलनाडु केरल

  • तमिलनाडु में 9 लोगों की जान गई.
  • भारी वर्षा के कारण तिरुवरूर जिले में 1.5 लाख एकड़ से अधिक धान की फसल पानी में डूबी
  • कुड्डालोर में 50,000 लोगों को राहत शिविरों में रखा गया
  • लगभग 20,000 घरों में जलभराव हुआ

उत्तराखंड वन आग - 2020

मई में उत्तराखंड के एक जंगल की आग कुछ दिनों तक बुझी नहीं थी. आग ने 51 हेक्टेयर वन भूमि को नुकसान पहुंचाया था. जिससे वन विभाग को एक लाख से अधिक का नुकसान हुआ था और 2 लोगों की मौतें हुई थी और कई अन्य घायल भी हुए थे.

टिड्डी हमला

  • 2019 और 2020 के बीच भारत में सबसे खराब टिड्डियों का हमला हुआ था.
  • गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में टिड्डियों के दल ने हमला किया था.
  • टिड्डियों ने ईरान और पाकिस्तान से भारत में प्रवेश किया.
  • जून में, गुड़गांव, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर लाखों टिड्डियों का झुंड आया, जिससे यह रेत के तूफान की तरह दिखाई दिया था.

नुकसान की रिपोर्ट

राजस्थान सरकार ने बताया है कि 2019-20 के दौरान टिड्डी हमले से राज्य के 8 जिलों का कुल 1,79,584 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ था.

गुजरात राज्य सरकार ने बताया है कि 2 जिलों के कुल 19,313 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डियों के हमले के कारण फसल नुकसान हुआ है.

2020-21 के दौरान, 10 राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, हरियाणा और उत्तराखंड में टिड्डों के हमले की सूचना मिली थी. गुजरात, छत्तीसगढ़, पंजाब और बिहार की राज्य सरकारों ने अपने राज्यों में फसल नुकसान की सूचना नहीं दी है.

शुरुआत में मई-जून 2020 के दौरान राजस्थान सरकार ने बीकानेर में 2235 हेक्टेयर क्षेत्र, हनुमानगढ़ में 140 हेक्टेयर और श्री गंगानगर में 1027 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डियों के हमले के कारण 33% और अधिक फसल नुकसान की सूचना दी.

हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की राज्य सरकारों ने इस साल टिड्डी हमले के कारण क्रमशः 6520 हेक्टेयर, 4400 हेक्टेयर, 806 हेक्टेयर, 488 हेक्टेयर और 267 हेक्टेयर में 33% से कम फसल नुकसान की सूचना दी है.

बाढ़

असम
  • 5.69 मिलियन लोग प्रभावित
  • 30 जिलों के 5,378 गांवों में बाढ़ आई
  • 10063 घर क्षतिग्रस्त.
  • 0.26 मिलियन हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित
  • काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ के दौरान 14 एक सींग वाले गैंडों सहित 137 से अधिक जानवरों की मौत हो गई है, जबकि उनमें से 163 को बचा लिया गया.
बिहार
  • 16 जिलों के 8.36 मिलियन लोग प्रभावित हुए
  • 550,792 लोगों को बचाया गया
उत्तर प्रदेश
  • 16 जिलों के 1,090 गांव प्रभावित.
  • 19 बाढ़ग्रस्त जिलों में 1,04 562 परिवार और 38,248 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित
  • आजमगढ़, मऊ और गोंडा जिलों में तीन तटबंध क्षतिग्रस्त हुए
केरल
  • अगस्त में केरल ने मानसून के मौसम में भारी वर्षा दर्ज की गई जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 22 लोग हताहत हुए.
  • राज्य के अधिकारियों ने अनुमानित रूप से पशुधन और कृषि को 19000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया.
हैदराबाद

18 अक्टूबर को भारी बारिश से हैदराबाद के कई हिस्सों में बाढ़ आ गई.

हैदराबाद के कुछ हिस्सों में 110 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई.

बाढ़ में कम से कम 70 लोग मारे गए हैं

3,400 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए थे.

तेलंगाना प्रशासन ने अनुमानित रूप से 5000 करोड़ रुपये की क्षति का अनुमान लगाया था

भूस्खलन

6 अगस्त को इडुक्की जिले में मुन्नार के पास राजमाला में पेटीमुडी बस्ती में भूस्खलन होने से 52 लोगों की जान चली गई थी और 19 लोग लापता हो गए थे.

नई दिल्ली : क्रिश्चियन सहायता की रिपोर्ट के अनुसार इस साल भारत में बाढ़ दुनिया का पांचवीं सबसे बड़ी और खतरनाक प्राकृतिक आपदाओं में से एक है. जिस कारण देश को $ 10 बिलियन का नुकसान हुआ. भारत में जून-अक्टूबर में आई बाढ़ के कारण विस्थापन दूसरे स्थान पर रहा, जिससे अन्य 4 मिलियन लोग प्रभावित हुए. यह स्पष्ट है कि चक्रवात अम्फान के प्रभाव और भारत में बाढ़ ने दुनिया के अन्य स्थानों की तुलना में अधिकतम जीवन और आजीविका को खतरे में डाला है.

चक्रवात 2020 हवा की गति प्रभावित क्षेत्र मौत नुकसान
अम्फान मई 2020 190 kmph पश्चिम बंगाल और ओडिशा
  • अम्फान चक्रवात इस सदी का पहला प्री-मानसून सुपर साइक्लोन था और बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न हुआ था
  • इसने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भारी तबाही मचाई
  • 86 से अधिक लोगों के जीवन प्रभावित
  • पश्चिम बंगाल में 23 में से 14 जिलों और ओडिशा में कम से कम छह जिलों में फसल क्षति हुई.
  • पश्चिम बंगाल में राज्य के कृषि विभाग से आने वाली प्रारंभिक क्षति गणना लगभग 370 करोड़ रुपये है, जबकि ओडिशा में 1,20,000 हेक्टेयर से अधिक की फसलें प्रभावित हुई हैं.
  • चक्रवात ने राज्य के बड़े हिस्सों को नुकसान पहुंचाया है. कई लोगों को बेघर किया , बिजली गई, इंटरनेट कनेक्शन और अन्य संचार उपकरण खराब हुए. उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मिदनापुर, कोलकाता, हावड़ा और हुगली में बड़े पैमाने पर नुकसान की सूचना दी गई थी.
  • ओडिशा में लगभग 45 लाख लोग इस चक्रवाती तूफान से प्रभावित हुए.
निसर्ग जून 2020 110 kmph महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात
  • निसर्ग साइक्लोन जून 1891 के बाद से महाराष्ट्र को प्रभावित करने वाला सबसे शक्तिशाली चक्रवात था.
  • महाराष्ट्र के कोंकण में चक्रवात के कारण छह लोगों की जान चली गई.
  • 5,033 हेक्टेयर (12,440 एकड़) भूमि क्षतिग्रस्त हो गई.
  • राज्य सरकार ने अनुमान लगाया कि निसर्ग से 6००० करोड़ रुपये से अधिक की क्षति हुई है.
निवार नवंबर 2020 120 kmph तमिलनाडु
  • निवार ने महाबलिपुरम के करीब पुडुचेरी और चेन्नई के बीच तमिलनाडु पर अपना असर दिखाया.
  • लगभग 2.5 लाख लोगों को चक्रवात आश्रय में रखा गया था.
  • 3 लोगों की जान गई.
  • 28,161 बच्चों सहित लगभग 0.1 मिलियन लोगों को निचले इलाकों से तमिलनाडु में 1,694 राहत शिविरों में भेजा गया था.
  • लगभग 2,525 एकड़ में धान और मूंगफली की खेती की गई थी जिसमें लगभग 185 हेक्टेयर बागवानी फसल नष्ट हो गई थी.
बुवेरी दिसंबर 2020

80 kmph

तमिलनाडु केरल

  • तमिलनाडु में 9 लोगों की जान गई.
  • भारी वर्षा के कारण तिरुवरूर जिले में 1.5 लाख एकड़ से अधिक धान की फसल पानी में डूबी
  • कुड्डालोर में 50,000 लोगों को राहत शिविरों में रखा गया
  • लगभग 20,000 घरों में जलभराव हुआ

उत्तराखंड वन आग - 2020

मई में उत्तराखंड के एक जंगल की आग कुछ दिनों तक बुझी नहीं थी. आग ने 51 हेक्टेयर वन भूमि को नुकसान पहुंचाया था. जिससे वन विभाग को एक लाख से अधिक का नुकसान हुआ था और 2 लोगों की मौतें हुई थी और कई अन्य घायल भी हुए थे.

टिड्डी हमला

  • 2019 और 2020 के बीच भारत में सबसे खराब टिड्डियों का हमला हुआ था.
  • गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में टिड्डियों के दल ने हमला किया था.
  • टिड्डियों ने ईरान और पाकिस्तान से भारत में प्रवेश किया.
  • जून में, गुड़गांव, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर लाखों टिड्डियों का झुंड आया, जिससे यह रेत के तूफान की तरह दिखाई दिया था.

नुकसान की रिपोर्ट

राजस्थान सरकार ने बताया है कि 2019-20 के दौरान टिड्डी हमले से राज्य के 8 जिलों का कुल 1,79,584 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ था.

गुजरात राज्य सरकार ने बताया है कि 2 जिलों के कुल 19,313 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डियों के हमले के कारण फसल नुकसान हुआ है.

2020-21 के दौरान, 10 राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, हरियाणा और उत्तराखंड में टिड्डों के हमले की सूचना मिली थी. गुजरात, छत्तीसगढ़, पंजाब और बिहार की राज्य सरकारों ने अपने राज्यों में फसल नुकसान की सूचना नहीं दी है.

शुरुआत में मई-जून 2020 के दौरान राजस्थान सरकार ने बीकानेर में 2235 हेक्टेयर क्षेत्र, हनुमानगढ़ में 140 हेक्टेयर और श्री गंगानगर में 1027 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डियों के हमले के कारण 33% और अधिक फसल नुकसान की सूचना दी.

हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की राज्य सरकारों ने इस साल टिड्डी हमले के कारण क्रमशः 6520 हेक्टेयर, 4400 हेक्टेयर, 806 हेक्टेयर, 488 हेक्टेयर और 267 हेक्टेयर में 33% से कम फसल नुकसान की सूचना दी है.

बाढ़

असम
  • 5.69 मिलियन लोग प्रभावित
  • 30 जिलों के 5,378 गांवों में बाढ़ आई
  • 10063 घर क्षतिग्रस्त.
  • 0.26 मिलियन हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित
  • काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ के दौरान 14 एक सींग वाले गैंडों सहित 137 से अधिक जानवरों की मौत हो गई है, जबकि उनमें से 163 को बचा लिया गया.
बिहार
  • 16 जिलों के 8.36 मिलियन लोग प्रभावित हुए
  • 550,792 लोगों को बचाया गया
उत्तर प्रदेश
  • 16 जिलों के 1,090 गांव प्रभावित.
  • 19 बाढ़ग्रस्त जिलों में 1,04 562 परिवार और 38,248 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित
  • आजमगढ़, मऊ और गोंडा जिलों में तीन तटबंध क्षतिग्रस्त हुए
केरल
  • अगस्त में केरल ने मानसून के मौसम में भारी वर्षा दर्ज की गई जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 22 लोग हताहत हुए.
  • राज्य के अधिकारियों ने अनुमानित रूप से पशुधन और कृषि को 19000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया.
हैदराबाद

18 अक्टूबर को भारी बारिश से हैदराबाद के कई हिस्सों में बाढ़ आ गई.

हैदराबाद के कुछ हिस्सों में 110 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई.

बाढ़ में कम से कम 70 लोग मारे गए हैं

3,400 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए थे.

तेलंगाना प्रशासन ने अनुमानित रूप से 5000 करोड़ रुपये की क्षति का अनुमान लगाया था

भूस्खलन

6 अगस्त को इडुक्की जिले में मुन्नार के पास राजमाला में पेटीमुडी बस्ती में भूस्खलन होने से 52 लोगों की जान चली गई थी और 19 लोग लापता हो गए थे.

Last Updated : Jan 1, 2021, 10:00 AM IST
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