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राष्ट्रीय एकता दिवस : अमित शाह बोले, देशभक्ति का तीर्थ स्थल है केवडिया

महान स्वतंत्रता सेनानी और आजाद भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की आज (31 अक्टूबर) जयंती है. इस दिन को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाया जाता है और देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह केवडिया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में आयोजित 'राष्ट्रीय एकता दिवस' समारोह में सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी.

सरदार पटेल जयंती
सरदार पटेल जयंती
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Published : Oct 31, 2021, 8:00 AM IST

Updated : Oct 31, 2021, 10:34 AM IST

अहमदाबाद : सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर गुजरात के नर्मदा जिले के केवडिया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'राष्ट्रीय एकता दिवस' परेड आयोजित की गई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह केवडिया पहुंच कर राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में शामिल हुए और सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, आज केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) पर राष्ट्रीय एकता के प्रतीक सरदार वल्लभभाई पटेल जी की जयंती पर उनके चरणों में नमन कर पुष्पांजलि अर्पित की.

राष्ट्रीय एकता दिवस परेड

राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह का संबोधित करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा, 'आजादी के बाद अंग्रेजों ने जाते-जाते देश के टुकड़े-टुकड़े करने का षड्यंत्र किया था, भारत, पाकिस्तान और 550 से ज्यादा राजे-रजवाड़ों को अलग कर देश को खंड-खंड करने की योजना थी. उस योजना को विफल करते हुए सरदार वल्लभभाई ने एक अखंड भारत बनाने का संकल्प लिया था.

राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह

उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की दी हुई प्रेरणा ने ही आज देश को एक और अक्षुण्ण रखने का कार्य किया है. आज उनकी प्रेरणा देश को आगे ले जाने में, हमें एकजुट रखने में सफल हुई है.

शाह ने कहा कि केवडिया किसी जगह का नाम नहीं है, ये तीर्थ स्थान बन गया है. राष्ट्र की एकता का तीर्थ स्थान, देश भक्ति का तीर्थ स्थल और आज ये आसमान को छूने वाली स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पूरी दुनिया को संदेश दे रही है कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है. भारत की एकता और अखंडता को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता.

  • आज केवड़िया में ‘Statue of Unity’ पर राष्ट्रीय एकता के प्रतीक सरदार वल्लभभाई पटेल जी की जयंती पर उनके चरणों में नमन कर पुष्पांजलि अर्पित की। #NationalUnityDay pic.twitter.com/716PhBWyuC

    — Amit Shah (@AmitShah) October 31, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इससे पहले, अमित शाह ने ट्वीट कर सरदार पटेल को नमन किया. शाह ने लिखा, 'सरदार पटेल का जीवन हमें बताता है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, लौह नेतृत्व और अदम्य राष्ट्रप्रेम से देश के भीतर की सभी विविधताओं को एकता में बदल कर एक अखंड राष्ट्र का स्वरूप दे सकता है. सरदार साहब ने देश के एकीकरण के साथ आजाद भारत की प्रशासनिक नींव रखने का भी काम किया.'

  • सरदार पटेल का जीवन हमें बताता है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, लौह नेतृत्व और अदम्य राष्ट्रप्रेम से देश के भीतर की सभी विविधताओं को एकता में बदल कर एक अखंड राष्ट्र का स्वरूप दे सकता है। सरदार साहब ने देश के एकीकरण के साथ आजाद भारत की प्रशासनिक नींव रखने का भी काम किया। pic.twitter.com/QDLxDCodkd

    — Amit Shah (@AmitShah) October 31, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, 'मातृभूमि के लिए सरदार साहब का समर्पण, निष्ठा, संघर्ष और त्याग हर भारतवासी को देश की एकता व अखंडता के लिए खुद को समर्पित करने की प्रेरणा देता है. अखंड भारत के ऐसे महान शिल्पी की जयंती पर उनके चरणों में वंदन व समस्त देशवासियों को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' की शुभकामनाएं.'

स्टैच्यू आफ यूनिटी का अनावरण 2018 में किया गया था. सरदार पटेल की यह प्रतिमा 182 मीटर ऊंची है और यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है.

शाह ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने बाद परेड की सलामी ली, जिसमें अर्द्धसैनिक बल और गुजरात पुलिस के जवान शामिल थे.

आईटीबीपी, एसएसबी, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ और बीएसएफ के 75 साइकिल चालक तथा त्रिपुरा, तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर एवं गुजरात के पुलिस बलों के 101 मोटरसाइकिल चालक ने भी इस परेड में हिस्सा लिया. साइकिल चालक जवानों ने देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 9,000 किलोमीटर की जबकि मोटरसाइिकल सवारों ने 9,200 किलोमीटर की दूरी तय की है.

इसके अलावा ओलंपिक, एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में 23 पदक विजेता भी परेड में शामिल हुए.

सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 में नडियाद (गुजरात) में हुआ था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा घर पर हुई थी. लंदन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे. महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर वह भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए.

यह भी पढ़ें- आजादी का अमृत महोत्सव : स्वतंत्रता सेनानियों की सेवा करने वाले डॉक्टरों की कहानी

भारत की स्वतंत्रता के बाद उन्होंने देश के पहले उप-प्रधानमंत्री का पद संभाला. सरदार पटेल भारतीय गणराज्य के संस्थापक पिता कहे जाते हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और एक एकीकृत, स्वतंत्र राष्ट्र में अपने एकीकरण का मार्गदर्शन किया.

केंद्र सरकार ने 2014 में, 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया था.

अहमदाबाद : सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर गुजरात के नर्मदा जिले के केवडिया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'राष्ट्रीय एकता दिवस' परेड आयोजित की गई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह केवडिया पहुंच कर राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में शामिल हुए और सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, आज केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) पर राष्ट्रीय एकता के प्रतीक सरदार वल्लभभाई पटेल जी की जयंती पर उनके चरणों में नमन कर पुष्पांजलि अर्पित की.

राष्ट्रीय एकता दिवस परेड

राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह का संबोधित करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा, 'आजादी के बाद अंग्रेजों ने जाते-जाते देश के टुकड़े-टुकड़े करने का षड्यंत्र किया था, भारत, पाकिस्तान और 550 से ज्यादा राजे-रजवाड़ों को अलग कर देश को खंड-खंड करने की योजना थी. उस योजना को विफल करते हुए सरदार वल्लभभाई ने एक अखंड भारत बनाने का संकल्प लिया था.

राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह

उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की दी हुई प्रेरणा ने ही आज देश को एक और अक्षुण्ण रखने का कार्य किया है. आज उनकी प्रेरणा देश को आगे ले जाने में, हमें एकजुट रखने में सफल हुई है.

शाह ने कहा कि केवडिया किसी जगह का नाम नहीं है, ये तीर्थ स्थान बन गया है. राष्ट्र की एकता का तीर्थ स्थान, देश भक्ति का तीर्थ स्थल और आज ये आसमान को छूने वाली स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पूरी दुनिया को संदेश दे रही है कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है. भारत की एकता और अखंडता को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता.

  • आज केवड़िया में ‘Statue of Unity’ पर राष्ट्रीय एकता के प्रतीक सरदार वल्लभभाई पटेल जी की जयंती पर उनके चरणों में नमन कर पुष्पांजलि अर्पित की। #NationalUnityDay pic.twitter.com/716PhBWyuC

    — Amit Shah (@AmitShah) October 31, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इससे पहले, अमित शाह ने ट्वीट कर सरदार पटेल को नमन किया. शाह ने लिखा, 'सरदार पटेल का जीवन हमें बताता है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, लौह नेतृत्व और अदम्य राष्ट्रप्रेम से देश के भीतर की सभी विविधताओं को एकता में बदल कर एक अखंड राष्ट्र का स्वरूप दे सकता है. सरदार साहब ने देश के एकीकरण के साथ आजाद भारत की प्रशासनिक नींव रखने का भी काम किया.'

  • सरदार पटेल का जीवन हमें बताता है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, लौह नेतृत्व और अदम्य राष्ट्रप्रेम से देश के भीतर की सभी विविधताओं को एकता में बदल कर एक अखंड राष्ट्र का स्वरूप दे सकता है। सरदार साहब ने देश के एकीकरण के साथ आजाद भारत की प्रशासनिक नींव रखने का भी काम किया। pic.twitter.com/QDLxDCodkd

    — Amit Shah (@AmitShah) October 31, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, 'मातृभूमि के लिए सरदार साहब का समर्पण, निष्ठा, संघर्ष और त्याग हर भारतवासी को देश की एकता व अखंडता के लिए खुद को समर्पित करने की प्रेरणा देता है. अखंड भारत के ऐसे महान शिल्पी की जयंती पर उनके चरणों में वंदन व समस्त देशवासियों को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' की शुभकामनाएं.'

स्टैच्यू आफ यूनिटी का अनावरण 2018 में किया गया था. सरदार पटेल की यह प्रतिमा 182 मीटर ऊंची है और यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है.

शाह ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने बाद परेड की सलामी ली, जिसमें अर्द्धसैनिक बल और गुजरात पुलिस के जवान शामिल थे.

आईटीबीपी, एसएसबी, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ और बीएसएफ के 75 साइकिल चालक तथा त्रिपुरा, तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर एवं गुजरात के पुलिस बलों के 101 मोटरसाइकिल चालक ने भी इस परेड में हिस्सा लिया. साइकिल चालक जवानों ने देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 9,000 किलोमीटर की जबकि मोटरसाइिकल सवारों ने 9,200 किलोमीटर की दूरी तय की है.

इसके अलावा ओलंपिक, एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में 23 पदक विजेता भी परेड में शामिल हुए.

सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 में नडियाद (गुजरात) में हुआ था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा घर पर हुई थी. लंदन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे. महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर वह भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए.

यह भी पढ़ें- आजादी का अमृत महोत्सव : स्वतंत्रता सेनानियों की सेवा करने वाले डॉक्टरों की कहानी

भारत की स्वतंत्रता के बाद उन्होंने देश के पहले उप-प्रधानमंत्री का पद संभाला. सरदार पटेल भारतीय गणराज्य के संस्थापक पिता कहे जाते हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और एक एकीकृत, स्वतंत्र राष्ट्र में अपने एकीकरण का मार्गदर्शन किया.

केंद्र सरकार ने 2014 में, 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया था.

Last Updated : Oct 31, 2021, 10:34 AM IST
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