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16 नवंबर 1966 को भारतीय प्रेस परिषद की हुई थी स्थापना, जानें राष्ट्रीय प्रेस दिवस का थीम

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 16, 2023, 12:01 AM IST

स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए एक निगरानी नियामक की जरूरत होती है. भारत सहित दुनिया के 50 देशों में नियामक मौजूद हैं. भारत में प्रेस के लिए नियामक संस्था भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना 16 नवंबर को हुई थी. हम इसे राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाते हैं. पढ़ें पूरी खबर..Raja Ram Mohan Roy National Award, National Press Day, National Press Day 2023, Press Council of India, Press freedom Index 2023.

National Press Day
भारतीय प्रेस परिषद

हैदराबाद : भारत के लोकतांत्रिक समाज में स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस को सम्मानित करने के लिए हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है. इस दिन भारतीय प्रेस परिषद ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक नैतिक प्रहरी के रूप में कार्य करना शुरू किया कि प्रेस उच्च मानक बनाए रखे और किसी प्रभाव या धमकी से बाधित न हो. यह उस दिन का भी स्मरण कराता है जब भारतीय प्रेस परिषद ने कार्य करना शुरू किया था.

  • Press Council of India is organizing National Press Day on the theme “Media in the Era of Artificial Intelligence” on November 16, 2023 at Vigyan Bhawan, New Delhi.

    — Press Council of India (@PressCouncil_IN) November 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इतिहास: 1956 में, पहले प्रेस आयोग ने पत्रकारिता में पेशेवर नैतिकता बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका एक वैधानिक प्राधिकरण निकाय बनाकर प्राप्त किया जा सकता है. इसमें मुख्य रूप से मीडिया उद्योग से जुड़े लोग शामिल होंगे और गतिविधियों में मध्यस्थता कर सकते हैं. इससे 1966 में भारतीय प्रेस परिषद का जन्म हुआ था. तब से 16 नवंबर 1966 को भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है.

  • P.C.I. will be observing National Press Day on November 16, 2023 at Vigyan Bhawan, New Delhi on the theme “Media in the Era of Artificial Intelligence” to be inaugurated by Hon’ble Vice-President of India, Shri Jagdeep Dhankar.

    — Press Council of India (@PressCouncil_IN) November 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार:
राष्ट्रीय प्रेस दिवस 16 नवंबर देश में एक जिम्मेदार और स्वतंत्र प्रेस का प्रतीक है. विभिन्न कार्यक्रमों के इतर पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया जाता है. इस अवसर पर स्मारिका का भी विमोचन किया जाता है. 2012 से विभिन्न क्षेत्रों में प्रिंट मीडिा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पत्रकारों को सम्मानित करने के लिए पुरस्कार दिया जाता है.

एक मुख्य पुरस्कार 'पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राजा राम मोहन राय राष्ट्रीय पुरस्कार' देश के सबसे महान सुधारक पत्रकारों में से एक के सम्मान में दिया जाता है. इसके तहत एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार, एक पट्टिका और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है. इसके अलावा हर साल तय किए गए क्षेत्रों में पुरस्कारों में पचास हजार रुपये दिए जाते हैं. प्रत्येक को, एक पट्टिका और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है. प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया जूरी/काउंसिल द्वारा चुने गए पत्रकारों को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए सम्मानित किया जाता है.

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिय की ओर से राष्ट्रीय प्रेस दिवस 2023 के लिए थीम की घोषणा कर दी गई. प्रेस काउंसिल ऑफ की ओर से कार्यक्रम का आयोजन विज्ञान भवन, नई दिल्ली में होगा. कार्यक्रम का उद्घाटन उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ करेंगे.

  • 2023 : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में मीडिया (Media in the Era of Artificial Intelligence)
  • 2022 : राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका (Role of Media in Nation Building)
  • 2021 : डिजिटल घेराबंदी के तहत पत्रकारिता (Journalism under Digital Siege)
  • 2020 : सार्वजनिक भलाई के रूप में सूचना (Information as a Public Good)

राष्ट्रीय प्रेस दिवस का महत्व:

  1. राष्ट्रीय प्रेस दिवस लोकतंत्र के सिद्धांतों को बनाए रखने में प्रेस द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की एक महत्वपूर्ण याद दिलाता है.
  2. स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रेस किसी भी लोकतांत्रिक प्रणाली के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में कार्य करता है, नागरिकों को सूचना तक पहुंच प्रदान करता है. भ्रष्टाचार को उजागर करता है और गलत काम और बेजुबानों को आवाज देना.
  3. भारत में, प्रेस ने देश की आजादी की लड़ाई और उसके बाद एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
  4. प्रेस का लक्ष्य लोगों के साथ होने वाले किसी भी अन्याय को सामने लाना और व्यवस्था की खामियों को उजागर करना है.

भारत में प्रेस की स्वतंत्रता:

भारत पत्रकारों के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है, जिस पर हर तरह के हमले होते हैं. जिसमें पत्रकारों के खिलाफ पुलिस की हिंसा, राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा घात लगाकर हमला और आपराधिक समूहों या भ्रष्ट स्थानीय अधिकारियों द्वारा उकसाए गए प्रतिशोध शामिल हैं. -रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स

  1. प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2023: वैश्विक मीडिया निगरानी संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) के अनुसार, भारत की रैंकिंग 180 देशों में से 161 पर आ गई है.
  2. विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2023 में देश दूसरी ओर, पाकिस्तान 150वें स्थान पर है, जो पिछले वर्ष की 157वीं रैंक से सुधार है.
  3. विश्व प्रेस स्वतंत्रता 2022 सूचकांक में भारत 150वें स्थान पर था.
  4. भारत में प्रेस संबंधी अधिनियम: भारत में प्रेस की स्वतंत्रता काफी हद तक भारत के संविधान के तहत संरक्षित है. विशेष रूप से अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत: जो स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है, जिसके तहत भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है.
  5. भारतीय प्रेस परिषद अधिनियम 1978: प्रेस परिषद अधिनियम, 1978 प्रेस की स्वतंत्रता को संरक्षित करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की स्थापना करने वाला एक अधिनियम है. भारत में समाचार पत्रों और समाचार एजेंसियों के मानकों को बनाए रखना और उनमें सुधार करना है.

दुनिया की बड़ी हस्तियों के नजर में प्रेस की स्वतंत्रता

प्रेस की स्वतंत्रता एक अनमोल विशेषाधिकार है जिसे कोई भी देश छोड़ नहीं सकता.-महात्मा गांधी

'प्रेस आधुनिक जीवन के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, खासकर लोकतंत्र में, प्रेस के पास जबरदस्त शक्तियां और जिम्मेदारियां हैं. प्रेस का सम्मान किया जाना चाहिए और इसमें सहयोग भी होना चाहिए.' जवाहरलाल नेहरू

लोकतांत्रिक व्यवस्था में हमें प्रेस की स्वतंत्रता, बोलने की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संघ की स्वतंत्रता और सभी प्रकार की स्वतंत्रता.-सरदार वल्लभभाई पटेल

स्वतंत्रता को कभी भी हल्के में नहीं लिया जा सकता। प्रत्येक पीढ़ी को इसकी रक्षा करनी चाहिए और इसे बढ़ाओ. आपके माता-पिता और बड़ों ने बहुत बलिदान दिया ताकि आपको आजादी मिले. बिना कष्ट सहे कि उन्होंने क्या किया. अंधकार को सुनिश्चित करने के लिए इस अनमोल अधिकार का प्रयोग करें. अतीत कभी वापस नहीं आता है.-नेल्सन मंडेला

यदि बोलने की आजादी छीन ली गई, तो हमें मूर्ख और मौन बना दिया जाएगा, जैसे वध के लिए भेड़ें.-जॉर्ज वाशिंगटन

प्रेस की स्वतंत्रता, अगर इसका कोई मतलब है, तो इसका मतलब आलोचना करने की स्वतंत्रता है और विरोध करो. - जॉर्ज ऑरवेल

हमें स्वतंत्र प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखना होगा - क्योंकि, अंततः, झूठ ही होता है और गलत सूचना का सत्य से कोई मुकाबला नहीं है. -बराक ओबामा

जो कोई भी किसी राष्ट्र की स्वतंत्रता को उखाड़ फेंकेगा, उसे उसे अधीन करके शुरुआत करनी होगी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता.-बेंजामिन फ्रैंकलिन

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  • Press Council of India is organizing National Press Day on the theme “Media in the Era of Artificial Intelligence” on November 16, 2023 at Vigyan Bhawan, New Delhi.

    — Press Council of India (@PressCouncil_IN) November 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इतिहास: 1956 में, पहले प्रेस आयोग ने पत्रकारिता में पेशेवर नैतिकता बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका एक वैधानिक प्राधिकरण निकाय बनाकर प्राप्त किया जा सकता है. इसमें मुख्य रूप से मीडिया उद्योग से जुड़े लोग शामिल होंगे और गतिविधियों में मध्यस्थता कर सकते हैं. इससे 1966 में भारतीय प्रेस परिषद का जन्म हुआ था. तब से 16 नवंबर 1966 को भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है.

  • P.C.I. will be observing National Press Day on November 16, 2023 at Vigyan Bhawan, New Delhi on the theme “Media in the Era of Artificial Intelligence” to be inaugurated by Hon’ble Vice-President of India, Shri Jagdeep Dhankar.

    — Press Council of India (@PressCouncil_IN) November 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार:
राष्ट्रीय प्रेस दिवस 16 नवंबर देश में एक जिम्मेदार और स्वतंत्र प्रेस का प्रतीक है. विभिन्न कार्यक्रमों के इतर पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया जाता है. इस अवसर पर स्मारिका का भी विमोचन किया जाता है. 2012 से विभिन्न क्षेत्रों में प्रिंट मीडिा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पत्रकारों को सम्मानित करने के लिए पुरस्कार दिया जाता है.

एक मुख्य पुरस्कार 'पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राजा राम मोहन राय राष्ट्रीय पुरस्कार' देश के सबसे महान सुधारक पत्रकारों में से एक के सम्मान में दिया जाता है. इसके तहत एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार, एक पट्टिका और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है. इसके अलावा हर साल तय किए गए क्षेत्रों में पुरस्कारों में पचास हजार रुपये दिए जाते हैं. प्रत्येक को, एक पट्टिका और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है. प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया जूरी/काउंसिल द्वारा चुने गए पत्रकारों को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए सम्मानित किया जाता है.

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिय की ओर से राष्ट्रीय प्रेस दिवस 2023 के लिए थीम की घोषणा कर दी गई. प्रेस काउंसिल ऑफ की ओर से कार्यक्रम का आयोजन विज्ञान भवन, नई दिल्ली में होगा. कार्यक्रम का उद्घाटन उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ करेंगे.

  • 2023 : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में मीडिया (Media in the Era of Artificial Intelligence)
  • 2022 : राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका (Role of Media in Nation Building)
  • 2021 : डिजिटल घेराबंदी के तहत पत्रकारिता (Journalism under Digital Siege)
  • 2020 : सार्वजनिक भलाई के रूप में सूचना (Information as a Public Good)

राष्ट्रीय प्रेस दिवस का महत्व:

  1. राष्ट्रीय प्रेस दिवस लोकतंत्र के सिद्धांतों को बनाए रखने में प्रेस द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की एक महत्वपूर्ण याद दिलाता है.
  2. स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रेस किसी भी लोकतांत्रिक प्रणाली के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में कार्य करता है, नागरिकों को सूचना तक पहुंच प्रदान करता है. भ्रष्टाचार को उजागर करता है और गलत काम और बेजुबानों को आवाज देना.
  3. भारत में, प्रेस ने देश की आजादी की लड़ाई और उसके बाद एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
  4. प्रेस का लक्ष्य लोगों के साथ होने वाले किसी भी अन्याय को सामने लाना और व्यवस्था की खामियों को उजागर करना है.

भारत में प्रेस की स्वतंत्रता:

भारत पत्रकारों के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है, जिस पर हर तरह के हमले होते हैं. जिसमें पत्रकारों के खिलाफ पुलिस की हिंसा, राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा घात लगाकर हमला और आपराधिक समूहों या भ्रष्ट स्थानीय अधिकारियों द्वारा उकसाए गए प्रतिशोध शामिल हैं. -रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स

  1. प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2023: वैश्विक मीडिया निगरानी संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) के अनुसार, भारत की रैंकिंग 180 देशों में से 161 पर आ गई है.
  2. विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2023 में देश दूसरी ओर, पाकिस्तान 150वें स्थान पर है, जो पिछले वर्ष की 157वीं रैंक से सुधार है.
  3. विश्व प्रेस स्वतंत्रता 2022 सूचकांक में भारत 150वें स्थान पर था.
  4. भारत में प्रेस संबंधी अधिनियम: भारत में प्रेस की स्वतंत्रता काफी हद तक भारत के संविधान के तहत संरक्षित है. विशेष रूप से अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत: जो स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है, जिसके तहत भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है.
  5. भारतीय प्रेस परिषद अधिनियम 1978: प्रेस परिषद अधिनियम, 1978 प्रेस की स्वतंत्रता को संरक्षित करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की स्थापना करने वाला एक अधिनियम है. भारत में समाचार पत्रों और समाचार एजेंसियों के मानकों को बनाए रखना और उनमें सुधार करना है.

दुनिया की बड़ी हस्तियों के नजर में प्रेस की स्वतंत्रता

प्रेस की स्वतंत्रता एक अनमोल विशेषाधिकार है जिसे कोई भी देश छोड़ नहीं सकता.-महात्मा गांधी

'प्रेस आधुनिक जीवन के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, खासकर लोकतंत्र में, प्रेस के पास जबरदस्त शक्तियां और जिम्मेदारियां हैं. प्रेस का सम्मान किया जाना चाहिए और इसमें सहयोग भी होना चाहिए.' जवाहरलाल नेहरू

लोकतांत्रिक व्यवस्था में हमें प्रेस की स्वतंत्रता, बोलने की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संघ की स्वतंत्रता और सभी प्रकार की स्वतंत्रता.-सरदार वल्लभभाई पटेल

स्वतंत्रता को कभी भी हल्के में नहीं लिया जा सकता। प्रत्येक पीढ़ी को इसकी रक्षा करनी चाहिए और इसे बढ़ाओ. आपके माता-पिता और बड़ों ने बहुत बलिदान दिया ताकि आपको आजादी मिले. बिना कष्ट सहे कि उन्होंने क्या किया. अंधकार को सुनिश्चित करने के लिए इस अनमोल अधिकार का प्रयोग करें. अतीत कभी वापस नहीं आता है.-नेल्सन मंडेला

यदि बोलने की आजादी छीन ली गई, तो हमें मूर्ख और मौन बना दिया जाएगा, जैसे वध के लिए भेड़ें.-जॉर्ज वाशिंगटन

प्रेस की स्वतंत्रता, अगर इसका कोई मतलब है, तो इसका मतलब आलोचना करने की स्वतंत्रता है और विरोध करो. - जॉर्ज ऑरवेल

हमें स्वतंत्र प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखना होगा - क्योंकि, अंततः, झूठ ही होता है और गलत सूचना का सत्य से कोई मुकाबला नहीं है. -बराक ओबामा

जो कोई भी किसी राष्ट्र की स्वतंत्रता को उखाड़ फेंकेगा, उसे उसे अधीन करके शुरुआत करनी होगी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता.-बेंजामिन फ्रैंकलिन

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