ETV Bharat / bharat

Rajasthan Woman Power : 50 की उम्र में शोभा माथुर ने नेशनल पावर लिफ्टिंग में जीते 4 गोल्ड मेडल, 3 साल पहले पति की हो गई थी मौत - शोभा माथुर ने नेशनल पावर लिफ्टिंग में जीते 4 गोल्ड मेडल

कहते हैं कि जज्बे के सामने न उम्र बाधा बनती है और ना ही महिला होना. इसका ताजा उदारहरण हैं राजस्थान की शोभा माथुर. 50 साल की शोभा के पति का 3 साल पहले निधन हो गया था. इससे वे डिप्रेशन में चली गईं. इसके बाद खुद को संभाला और पावर लिफ्टिंग के शौक को आगे बढ़ाया. हाल ही में शोभा ने नेशनल पावर लिफ्टिंग में 4 गोल्ड मेडल जीते (Shobha Mathur won four golds in Powerlifting) हैं. इस बात की जानकारी उनके पुत्र विशाल ने दी.

Rajasthan Woman Power
50 की उम्र में शोभा माथुर ने नेशनल पावर लिफ्टिंग में जीते 4 गोल्ड मेडल...
author img

By

Published : Jul 10, 2022, 7:53 PM IST

चित्तौड़गढ़. कुछ लोग लक्ष्य बनाते हैं, सपने देखते हैं और फिर भूल जाते हैं. कभी हालात का बहाना करते हैं, तो कभी भाग्य पर छोड़ देते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो सपने पूरे करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और सफलता हासिल करते हैं. विपरीत परिस्थितियों में ऐसी ही सफलता की कहानी लिख डाली नेशनल पावर वूमेन राजस्थान के रावतभाटा की शिक्षिका शोभा माथुर ने. 3 साल पहले पति की मौत से वह डिप्रेशन में चली गईं. इसके बाद उन्होंने खेल को अपनाया. पहले जिला स्तर, फिर राज्य और इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतकर सफलता का परचम लहरा दिया (Shobha Mathur won 4 golds in Powerlifting) है.

राजस्थान की महिला पावर लिफ्टर से पहचान बना चुकीं शोभा माथुर ने सिर्फ 2 महीने के अभ्यास से नेशनल पावर लिफ्टिंग में हैदराबाद में आयोजित प्रतियोगिता में 4 गोल्ड मेडल जीतकर रिकॉर्ड बना दिया. शोभा ने यह उपलब्धि मास्टर केटेगरी में 63 से 69 किलो वर्ग में 262.500 किलो वजन उठाकर हासिल की है. शनिवार को कोटला विजया भास्कर रेड्डी स्टेडियम, तेलंगाना में आयोजित राष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप प्रतियोगिता (National powerlifting Championship 2022 in Hyderabad) के मेडल सेरेमनी में जब शोभा को एक के बाद एक चार गोल्ड मेडल दिए गए तो हॉल तालियों से गूंज उठा. शोभा के आंखों में खुशी के आंसू आ गए. उस समय उनके साथ उनके पुत्र भी मौजूद थे.

50 की उम्र में शोभा माथुर ने नेशनल पावर लिफ्टिंग में जीते 4 गोल्ड मेडल...

पढ़ें: MP: देश का 73 साल का अनोखा साइक्लिस्ट जिसने तपती दोपहरी में तय की साइकिल से महाकाल यात्रा, सफर की दूरी जानकर उड़ जाएंगे होश!

बढ़ाती गईं ताकत, मिलता गया सोना : शोभा ने पिछले साल सितंबर में चित्तौड़गढ़ में राज्य स्तरीय बेंचप्रेस पावर लिफ्टिंग में रजत पदक हासिल किया. दिसंबर 2021 को उदयपुर में राज्य स्तरीय पावर लिफ्टिंग 220 किलो वजन उठाया गोल्ड हासिल किया. भरतपुर में मई 2022 में हुई प्रतियोगिता में 257.500 किलो वजन उठाकर गोल्ड मेडल हासिल किया. अब 262.500 किलो वजन उठाकर नेशनल में गोल्ड मेडल हासिल किया. हर बार लोहे का वजन बढ़ता गया और शोभा के गोल्ड बढ़ते गए. शोभा ने कोच अजय धमेचा, कमलजीत कौर के मार्गदर्शन में सफलता हासिल की है.

पढ़ें: SPECIAL: जज्बा हो तो ऐसा...अपनी मेहनत और जेब खर्च की बदौलत सॉफ्टबॉल ग्राउंड बनाने में जुटे ये खिलाड़ी

विपरीत परिस्थितियां में नहीं हारी हिम्मत : 50 साल की शोभा के दो बच्चे हैं. इस उम्र में नेशनल प्रतियोगिता में 4 गोल्ड मेडल हासिल कर शोभा ने बता दिया कि जज्बा हो तो न उम्र आड़े आती है और ना ही व्यक्तिगत पेरशानियां. शोभा पावर लिफ्टर मीराबाई चानू, कर्नम मल्लेश्वरी से प्रेरित हैं. शिक्षिका शोभा माथुर रावतभाटा के आरपीएस बाल्मिकी बस्ती में शिक्षिका हैं. न्यायालय में कार्यरत शोभा के पति धर्मेंद्र माथुर का 3 साल पहले निधन हो गया था.

पढ़ें: स्पेशलः रामलाल जाट का बेमिसाल जज्बा...खुद अनपढ़ हैं, लेकिन बच्चों को देतें हैं कंप्यूटर की शिक्षा

हादसे से टूट चुकी, डिप्रेशन की हुई शिकार : पति की मौत के बाद शोभा डिप्रेशन की शिकार हो गईं. डॉक्टर ने बच्चों से पूछा कि इन्हें क्या पसंद है तो बच्चों ने कहा कि मां को पावर लिफ्टिंग करना पसंद है. डॉक्टर ने कहा कि मां का शौक पूरा कराओ. खेल डिप्रेशन से उभरने का सबसे अच्छा तरीका है. शोभा ने बताया कि वह बचपन से खो-खो खेला करती थीं और स्टेट खेल चुकी हैं. परिवार में खेल का माहौल था. पावर लिफ्टिंग करती थी. शादी के बाद प्रैक्टिस जारी रही. इसी बीच पति का निधन हो गया. पावर लिफ्टिंग के बाद धीरे-धीरे वे डिप्रेशन से उभरने लगीं. खेल में अच्छा लगने लगा. नेशनल में पदक जीतने के बाद एशियन गेम में पदक हासिल करना ही मेरा लक्ष्य है.

चित्तौड़गढ़. कुछ लोग लक्ष्य बनाते हैं, सपने देखते हैं और फिर भूल जाते हैं. कभी हालात का बहाना करते हैं, तो कभी भाग्य पर छोड़ देते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो सपने पूरे करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और सफलता हासिल करते हैं. विपरीत परिस्थितियों में ऐसी ही सफलता की कहानी लिख डाली नेशनल पावर वूमेन राजस्थान के रावतभाटा की शिक्षिका शोभा माथुर ने. 3 साल पहले पति की मौत से वह डिप्रेशन में चली गईं. इसके बाद उन्होंने खेल को अपनाया. पहले जिला स्तर, फिर राज्य और इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतकर सफलता का परचम लहरा दिया (Shobha Mathur won 4 golds in Powerlifting) है.

राजस्थान की महिला पावर लिफ्टर से पहचान बना चुकीं शोभा माथुर ने सिर्फ 2 महीने के अभ्यास से नेशनल पावर लिफ्टिंग में हैदराबाद में आयोजित प्रतियोगिता में 4 गोल्ड मेडल जीतकर रिकॉर्ड बना दिया. शोभा ने यह उपलब्धि मास्टर केटेगरी में 63 से 69 किलो वर्ग में 262.500 किलो वजन उठाकर हासिल की है. शनिवार को कोटला विजया भास्कर रेड्डी स्टेडियम, तेलंगाना में आयोजित राष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप प्रतियोगिता (National powerlifting Championship 2022 in Hyderabad) के मेडल सेरेमनी में जब शोभा को एक के बाद एक चार गोल्ड मेडल दिए गए तो हॉल तालियों से गूंज उठा. शोभा के आंखों में खुशी के आंसू आ गए. उस समय उनके साथ उनके पुत्र भी मौजूद थे.

50 की उम्र में शोभा माथुर ने नेशनल पावर लिफ्टिंग में जीते 4 गोल्ड मेडल...

पढ़ें: MP: देश का 73 साल का अनोखा साइक्लिस्ट जिसने तपती दोपहरी में तय की साइकिल से महाकाल यात्रा, सफर की दूरी जानकर उड़ जाएंगे होश!

बढ़ाती गईं ताकत, मिलता गया सोना : शोभा ने पिछले साल सितंबर में चित्तौड़गढ़ में राज्य स्तरीय बेंचप्रेस पावर लिफ्टिंग में रजत पदक हासिल किया. दिसंबर 2021 को उदयपुर में राज्य स्तरीय पावर लिफ्टिंग 220 किलो वजन उठाया गोल्ड हासिल किया. भरतपुर में मई 2022 में हुई प्रतियोगिता में 257.500 किलो वजन उठाकर गोल्ड मेडल हासिल किया. अब 262.500 किलो वजन उठाकर नेशनल में गोल्ड मेडल हासिल किया. हर बार लोहे का वजन बढ़ता गया और शोभा के गोल्ड बढ़ते गए. शोभा ने कोच अजय धमेचा, कमलजीत कौर के मार्गदर्शन में सफलता हासिल की है.

पढ़ें: SPECIAL: जज्बा हो तो ऐसा...अपनी मेहनत और जेब खर्च की बदौलत सॉफ्टबॉल ग्राउंड बनाने में जुटे ये खिलाड़ी

विपरीत परिस्थितियां में नहीं हारी हिम्मत : 50 साल की शोभा के दो बच्चे हैं. इस उम्र में नेशनल प्रतियोगिता में 4 गोल्ड मेडल हासिल कर शोभा ने बता दिया कि जज्बा हो तो न उम्र आड़े आती है और ना ही व्यक्तिगत पेरशानियां. शोभा पावर लिफ्टर मीराबाई चानू, कर्नम मल्लेश्वरी से प्रेरित हैं. शिक्षिका शोभा माथुर रावतभाटा के आरपीएस बाल्मिकी बस्ती में शिक्षिका हैं. न्यायालय में कार्यरत शोभा के पति धर्मेंद्र माथुर का 3 साल पहले निधन हो गया था.

पढ़ें: स्पेशलः रामलाल जाट का बेमिसाल जज्बा...खुद अनपढ़ हैं, लेकिन बच्चों को देतें हैं कंप्यूटर की शिक्षा

हादसे से टूट चुकी, डिप्रेशन की हुई शिकार : पति की मौत के बाद शोभा डिप्रेशन की शिकार हो गईं. डॉक्टर ने बच्चों से पूछा कि इन्हें क्या पसंद है तो बच्चों ने कहा कि मां को पावर लिफ्टिंग करना पसंद है. डॉक्टर ने कहा कि मां का शौक पूरा कराओ. खेल डिप्रेशन से उभरने का सबसे अच्छा तरीका है. शोभा ने बताया कि वह बचपन से खो-खो खेला करती थीं और स्टेट खेल चुकी हैं. परिवार में खेल का माहौल था. पावर लिफ्टिंग करती थी. शादी के बाद प्रैक्टिस जारी रही. इसी बीच पति का निधन हो गया. पावर लिफ्टिंग के बाद धीरे-धीरे वे डिप्रेशन से उभरने लगीं. खेल में अच्छा लगने लगा. नेशनल में पदक जीतने के बाद एशियन गेम में पदक हासिल करना ही मेरा लक्ष्य है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.