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राष्ट्रीय नार्को डिटेक्शन K9 पूल में पहली बार शामिल होगा 70 कुत्तों का प्रशिक्षित दस्ता

भारत में जल्द ही राष्ट्रीय नार्को कैनाइन पूल (National Norco Canine Pool) तैयार होगा. जिसमें विभिन्न नस्लों के 70 कुत्तों को विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा. ताकि वे विभिन्न परिचालन परिदृश्यों में ड्रग्स को सूंघ सकें और उसकी जानकारी मिल सके.

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नार्को डिटेंशन
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Published : Feb 28, 2022, 4:09 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) के K9 (कैनाइन) सेल को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) और आतंकवाद विरोधी बल नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (national security guard) के सहयोग से नारकोटिक्स डिटेक्शन डॉग्स (Narcotics Detection Dogs) का पूल तैयार किया जाएगा.

इस योजना को पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) द्वारा पिछले साल दिसंबर में देश में नशीले पदार्थों, नशीली दवाओं के दुरुपयोग और तस्करी के परिदृश्य पर की गई समीक्षा के दौरान इसकी अवधारणा की गई. इस अभ्यास में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय नार्को कैनाइन पूल की शुरुआत करीब 70 कुत्तों की एक इकाई के गठन के साथ होगी, जिन्हें एनसीबी में देश की विभिन्न क्षेत्रीय इकाइयों में तैनात किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य आवश्यकता के अनुसार विभिन्न राज्य सरकार की एजेंसियों और नशीली दवाओं की इकाइयों के लिए एनडीडी और नारकोटिक्स डिटेक्शन डॉग टीमों को प्रशिक्षित करना है. यह पहली बार होगा कि भारत में नशीले पदार्थों का पता लगाने वाले कुत्तों का एक राष्ट्रीय पूल होगा, जिन्हें समुद्री बंदरगाहों, हवाई अड्डों, सीमा पर स्टेशनों और यहां तक ​​​​कि बड़े ट्रकों, वाहनों को पार करने वाले बड़े शिपमेंट में आने वाले कॉन्ट्रैबेंड को सूंघने के लिए तैनात किया जा सकता है.

दूसरे अधिकारी ने कहा कि कुत्ते स्थानीय और विभिन्न प्रकार के विदेशी नस्लों से लिए जाएंगे और उन्हें अनिवार्य रूप से मारिजुआना, कोकीन, हेरोइन, मेथामफेटामाइन, एमडीएमए और ड्रग्स के बीच एक्स्टसी जैसी दवाओं का परीक्षण करने के लिए तैनात किया जाएगा. वर्तमान में छिपे हुए नशीले पदार्थों का पता लगाने में बहुत सीमित क्षमता में उपयोग किए जाते हैं. विभिन्न एजेंसियों के अलग-अलग मानक हैं. कुछ के पास नशीली दवाओं के लिए कुत्तों को तैनात करने की मानक संचालन प्रक्रिया भी नहीं है.

यह भी पढ़ें- गृह मंत्रालय की अपील, माओवादियों के खिलाफ लड़ाई में सोशल मीडिया का करें इस्तेमाल

अधिकारी ने कहा कि एनसीबी, संघीय एंटी-नारकोटिक्स एजेंसी में इन प्रशिक्षित कुत्तों की प्रतिनियुक्ति करने की योजना है. उन्होंने कहा कि इसके 30 से अधिक जोनल और उप-क्षेत्रीय कार्यालयों में से प्रत्येक में कम से कम दो प्रशिक्षित कुत्ते होंगे.

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) के K9 (कैनाइन) सेल को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) और आतंकवाद विरोधी बल नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (national security guard) के सहयोग से नारकोटिक्स डिटेक्शन डॉग्स (Narcotics Detection Dogs) का पूल तैयार किया जाएगा.

इस योजना को पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) द्वारा पिछले साल दिसंबर में देश में नशीले पदार्थों, नशीली दवाओं के दुरुपयोग और तस्करी के परिदृश्य पर की गई समीक्षा के दौरान इसकी अवधारणा की गई. इस अभ्यास में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय नार्को कैनाइन पूल की शुरुआत करीब 70 कुत्तों की एक इकाई के गठन के साथ होगी, जिन्हें एनसीबी में देश की विभिन्न क्षेत्रीय इकाइयों में तैनात किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य आवश्यकता के अनुसार विभिन्न राज्य सरकार की एजेंसियों और नशीली दवाओं की इकाइयों के लिए एनडीडी और नारकोटिक्स डिटेक्शन डॉग टीमों को प्रशिक्षित करना है. यह पहली बार होगा कि भारत में नशीले पदार्थों का पता लगाने वाले कुत्तों का एक राष्ट्रीय पूल होगा, जिन्हें समुद्री बंदरगाहों, हवाई अड्डों, सीमा पर स्टेशनों और यहां तक ​​​​कि बड़े ट्रकों, वाहनों को पार करने वाले बड़े शिपमेंट में आने वाले कॉन्ट्रैबेंड को सूंघने के लिए तैनात किया जा सकता है.

दूसरे अधिकारी ने कहा कि कुत्ते स्थानीय और विभिन्न प्रकार के विदेशी नस्लों से लिए जाएंगे और उन्हें अनिवार्य रूप से मारिजुआना, कोकीन, हेरोइन, मेथामफेटामाइन, एमडीएमए और ड्रग्स के बीच एक्स्टसी जैसी दवाओं का परीक्षण करने के लिए तैनात किया जाएगा. वर्तमान में छिपे हुए नशीले पदार्थों का पता लगाने में बहुत सीमित क्षमता में उपयोग किए जाते हैं. विभिन्न एजेंसियों के अलग-अलग मानक हैं. कुछ के पास नशीली दवाओं के लिए कुत्तों को तैनात करने की मानक संचालन प्रक्रिया भी नहीं है.

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अधिकारी ने कहा कि एनसीबी, संघीय एंटी-नारकोटिक्स एजेंसी में इन प्रशिक्षित कुत्तों की प्रतिनियुक्ति करने की योजना है. उन्होंने कहा कि इसके 30 से अधिक जोनल और उप-क्षेत्रीय कार्यालयों में से प्रत्येक में कम से कम दो प्रशिक्षित कुत्ते होंगे.

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