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मुहर्रम जुलूस की आड़ में रांची में अमन-चैन बिगाड़ने की कोशिश, तिरंगे का किया गया अपमान, प्राथमिकी दर्ज - रांची न्यूज

एक बार फिर रांची में मुहर्रम जुलूस की आड़ में अमन-चैन बिगाड़ने की कोशिश की गई. जहां पर तिरंगे का अपमना किया गया. इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

tricolor dishonored in Ranchi
national flag dishonored in Ranchi
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Published : Jul 31, 2023, 4:51 PM IST

रांची: राजधानी में 29 जुलाई की शाम मुहर्रम जुलूस की आड़ में अमन-चैन बिगाड़ने की कोशिश की गई. तिरंगे की तरह दिखने वाले झंडे पर अरबी में कलमा प्रिंट कर जमकर लहराया गया. इससे जुड़ा वीडियो वारयल होने पर रांची के डेली मार्केट थाना में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. यह प्राथमिकी मजिस्ट्रेट राणा बड़ाईक के आवेदन पर हुई है. इस मामले में आईपीसी की धारा 147, 153एस 153बी, 120बी के अलावा प्रवेंशन ऑफ नेशनल ऑनर एक्ट के सेक्सन 02 के तहत प्राथमिकी हुई है. फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी की जाएगी.

ये भी पढ़ें- मुहर्रम जुलूस में राष्ट्रीय ध्वज से की गई छेड़छाड़, 12 नामजद सहित 50 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज

यह वीडियो रांची में डेली मार्केट स्थित हनुमान मंदिर के पास का है. 29 जुलाई की शाम हाई डेसिबल में न सिर्फ धार्मिक गाने बजाए जा रहे थे बल्कि तिरंगा की तरह दिखने वाला झंडा भी लहराया जा रहा था. झंडे पर प्रिटेड शब्द के बारे में उर्दू के एक जानकार ने बताया कि उसमें अरबी में कलमा लिखा हुआ है. उसका मतलब है "ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मद उर रसूल अल्लाह". खास बात है कि इसी तरह का वीडियो पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर में मुहर्रम जुलूस के दौरान वायरल हुआ था. इस मामले में संज्ञान लेते हुए वहीं के मजिस्ट्रेट ने 12 नामजद समेत 50 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इस मामले में भी पुलिस कार्रवाई कर रही है.

national flag dishonored in Ranchi
बाबूलाल मरांडी का ट्वीट

आपको बता दें कि पिछले साल 10 जून को जुम्मे की नमाज के बाद उपद्रवी तत्वों ने मेनरोड में जमकर बवाल काटा था. उस दौरान भीड़ से फायरिंग और पथराव के जवाब में पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी. उस उपद्रव के दौरान पुलिस की गोली लगने से दो युवकों की मौत हो गई थी. उस मामले में कई आरोपी अभी भी सलाखों के पीछे हैं.

उपद्रव के दौरान रांची के तत्कालीन एसएसपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. इस मसले पर जमकर राजनीति हुई थी. हालांकि कोरोना की वजह से तीन साल बाद मुहर्रम का जुलूस निकालने की छूट दी गई थी. लेकिन इसकी आड़ में कुछ शरारती तत्वों ने अन्य समुदाय की भावना भड़काने की पूरी कोशिश की. पूरे वायरल वीडियो को गौर से देखेंगे तो समझ जाएंगे कि डेली मार्केट स्थित उसी हनुमान मंदिर के पास माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई, जहां पिछले साल उपद्रव हुआ था. अब देखना है कि रांची पुलिस इस मामले में क्या कुछ करती है.

रांची: राजधानी में 29 जुलाई की शाम मुहर्रम जुलूस की आड़ में अमन-चैन बिगाड़ने की कोशिश की गई. तिरंगे की तरह दिखने वाले झंडे पर अरबी में कलमा प्रिंट कर जमकर लहराया गया. इससे जुड़ा वीडियो वारयल होने पर रांची के डेली मार्केट थाना में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. यह प्राथमिकी मजिस्ट्रेट राणा बड़ाईक के आवेदन पर हुई है. इस मामले में आईपीसी की धारा 147, 153एस 153बी, 120बी के अलावा प्रवेंशन ऑफ नेशनल ऑनर एक्ट के सेक्सन 02 के तहत प्राथमिकी हुई है. फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी की जाएगी.

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यह वीडियो रांची में डेली मार्केट स्थित हनुमान मंदिर के पास का है. 29 जुलाई की शाम हाई डेसिबल में न सिर्फ धार्मिक गाने बजाए जा रहे थे बल्कि तिरंगा की तरह दिखने वाला झंडा भी लहराया जा रहा था. झंडे पर प्रिटेड शब्द के बारे में उर्दू के एक जानकार ने बताया कि उसमें अरबी में कलमा लिखा हुआ है. उसका मतलब है "ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मद उर रसूल अल्लाह". खास बात है कि इसी तरह का वीडियो पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर में मुहर्रम जुलूस के दौरान वायरल हुआ था. इस मामले में संज्ञान लेते हुए वहीं के मजिस्ट्रेट ने 12 नामजद समेत 50 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इस मामले में भी पुलिस कार्रवाई कर रही है.

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बाबूलाल मरांडी का ट्वीट

आपको बता दें कि पिछले साल 10 जून को जुम्मे की नमाज के बाद उपद्रवी तत्वों ने मेनरोड में जमकर बवाल काटा था. उस दौरान भीड़ से फायरिंग और पथराव के जवाब में पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी. उस उपद्रव के दौरान पुलिस की गोली लगने से दो युवकों की मौत हो गई थी. उस मामले में कई आरोपी अभी भी सलाखों के पीछे हैं.

उपद्रव के दौरान रांची के तत्कालीन एसएसपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. इस मसले पर जमकर राजनीति हुई थी. हालांकि कोरोना की वजह से तीन साल बाद मुहर्रम का जुलूस निकालने की छूट दी गई थी. लेकिन इसकी आड़ में कुछ शरारती तत्वों ने अन्य समुदाय की भावना भड़काने की पूरी कोशिश की. पूरे वायरल वीडियो को गौर से देखेंगे तो समझ जाएंगे कि डेली मार्केट स्थित उसी हनुमान मंदिर के पास माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई, जहां पिछले साल उपद्रव हुआ था. अब देखना है कि रांची पुलिस इस मामले में क्या कुछ करती है.

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