मुंबई : शिवसेना पार्टी और सिंबल मिलने के बाद शिंदे गुट ने मंगलवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अहम बैठक हुई. महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने बताया कि 'हमने सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बैठक की. एकनाथ शिंदे हमारी शिवसेना पार्टी के प्रमुख होंगे. हम उन्हें शिवसेना के नेता के रूप में स्वीकार करते हैं.'
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Today we held a meeting under the leadership of CM Eknath Shinde. Eknath Shinde will be the chief of our Shiv Sena party. We accept him as the leader of Shiv Sena: Maharashtra Industries Minister Uday Samant pic.twitter.com/1BFwbvgxWI
— ANI (@ANI) February 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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एक तरफ जहां 16 विधायकों की अयोग्यता की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, वहीं चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट को शिवसेना का नाम और सिंबल देने का फैसला किया है.
आयोग के इस फैसले के खिलाफ शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उधर, सुप्रीम कोर्ट तीन दिनों तक राज्य में सत्ता संघर्ष की सुनवाई करेगा. लेकिन आयोग का फैसला आते ही शिंदे समूह ने शिवसेना के दफ्तरों पर कब्जा करना शुरू कर दिया. साथ ही शिंदे सेना के पदाधिकारियों की बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है.
शिवसेना भवन, या उद्धव गुट से जुड़ी कोई और सम्पत्ति नहीं चाहते: हालांकि महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री दीपक केसरकर ने मंगलवार को कहा कि एकनाथ शिंदे गुट मुंबई में शिवसेना भवन या राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी खेमे से जुड़ी किसी भी अन्य संपत्ति को लेने में दिलचस्पी नहीं रखता. केसरकर ने दावा किया कि ठाकरे का नेतृत्व वाला प्रतिद्वंद्वी गुट निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद इस मुद्दे पर सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रहा है.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के प्रवक्ता केसरकर ने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा उनके गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे चुनाव चिह्न धनुष और तीर आवंटित करने के बाद उसकी पार्टी कोष पर दावा करने में भी कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने कहा कि शिंदे ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनका गुट शिवसेना भवन, मध्य मुंबई के दादर स्थित पार्टी मुख्यालय, या ठाकरे समूह से जुड़ी किसी भी संपत्ति पर दावा करने में दिलचस्पी नहीं रखता तथा दिवंगत बाल ठाकरे द्वारा दिये गए विचार उनकी असली संपत्ति है.
यहां पत्रकारों से बात करते हुए केसरकर ने कहा, 'यह गलत धारणा है कि हम शिवसेना भवन या उद्धव ठाकरे से जुड़ी किसी अन्य संपत्ति को अपने कब्जे में लेने जा रहे हैं। हमें पार्टी कोष में भी कोई दिलचस्पी नहीं है.' उन्होंने कहा, 'उद्धव ठाकरे इस मुद्दे से सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। हमें कुछ नहीं चाहिए क्योंकि हमारे पास दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के विचार हैं.'
इन खबरों के बारे में पूछे जाने पर कि निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद ठाकरे गुट के सदस्यों द्वारा पार्टी कोष कुछ अन्य बैंक खातों में अंतरित किए जा रहे हैं, केसरकर ने कहा, 'कुछ व्यक्तिगत बैंक खातों में पैसा अंतरित करना गलत है। ये कोष आम पार्टी कार्यकर्ताओं के योगदान से जुटाया गया था.'
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(पीटीआई-भाषा)