नासिक: आरएच सपत इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने मोबाइल रिमोटनेस (remoteness) के साथ ड्रोन नेविगेशन सिस्टम बनाया है. ये शरीर की गतिविधियों को समझकर उसके मुताबिक संचालित होता है. दूसरे शब्दों में कहें तो ये आपके हाथों के इशारे समझकर उसके मुताबिक संचालित होता है. छात्रों ने अपने उत्कृष्ट नवाचार के लिए कई पुरस्कार भी जीते हैं.
नासिक में गोखले एजुकेशन सोसाइटी द्वारा संचालित आरएच सपत इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोजेक्ट एटॉमिक पावर एंड टेलीकम्युनिकेशन के अंतिम वर्ष के छात्र अभिषेक दीक्षित, मानस जकातदार और संपदा राउत ने ऐसा ड्रोन सिस्टम विकसित किया है जो हाथ की गतिविधियों के मुताबिक नियंत्रित होता है. ये आपके हाथों के इशारे समझकर उसके मुताबिक संचालित होता है (drone which can move with palm of hand). कंप्यूटर विज़न और ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग जैसी प्रणाली के साथ ड्रोन बेस आर्म पर टिक सकता है. इसकी मदद से तस्वीरें ली जा सकती हैं, अन्य काम किए जा सकते हैं.
हाथ के इशारे की पहचान उन्नत अनुसंधानों में से एक है, जो मानव-मशीन संपर्क के लिए मार्ग प्रशस्त करता है. हाथ के हावभाव की पहचान मानव-कंप्यूटर संपर्क (HCI) के लिए काफी अहम है. इसमें चेहरे और हाथ के इशारे पहचानना शामिल है. बटन और टॉगल, मोशन सेंसर, कीबोर्ड और टच स्क्रीन से लेकर मानव-मशीन इंटरफ़ेस (HMI) आने वाले समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. प्रोफेसर राहुल शिम्पी ने कहा कि अंतिम लक्ष्य मानव और प्राकृतिक कंप्यूटरों के साथ-साथ मानव संपर्क के बीच बातचीत करना है. अब तक उऩके प्रोजेक्ट ने तीन पुरस्कार जीते हैं.
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