वाशिंगटन : नासा (NASA) क्रिसमस के दिन यानी आज फ्रेंच गुएना स्थित कोरोऊ लॉन्च स्टेशन से दुनिया का सबसे बड़ा और ताकतवर जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप लॉन्च करने जा रहा है. नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने बताया कि यह एक असाधारण मिशन है. इसे एरियन-5 ईसीए रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. ट्रक के आकार के इस टेलीस्कोप को पृथ्वी से करीब 15 लाख किमी की ऊंचाई पर स्थापित करने का उद्देश्य ब्रह्मांड में और समय से आगे पीछे देखना है. इससे मीलों प्रकाशवर्ष दूर मौजूद आकाशगंगा, ऐस्टरॉइड, ब्लैक होल और 'एलियंस के दावों' पर खोज में मदद मिलेगी. यह हमारे सौर मंडल के किनारे पर चंद्रमाओं पर जमे हुए महासागरों का अध्ययन करने में सहायता करेगा.
2004 में शुरू हुआ था निर्माण : जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप दशकों पहले भेजे गए हबल टेलीस्कोप का उत्तराधिकारी है. इसे नासा, यूरोपियन स्पेस एजेंसी और कनाडाई स्पेस एजेंसी ने मिलकर बनाया है. इसके निर्माण की शुरुआत 2004 में हुई थी. 14 देशों के हजारों वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने स्पेस टेलीस्कोप के निर्माण में 40 मिलियन घंटे की मेहनत की है. इस नए टेलिस्कोप में एक गोल्डेन मिरर लगा हुआ है, जिसकी चौड़ाई करीब 21.4 फीट (6.5 मीटर) तक बढ़ाई जा सकती है है. इसे मिरर बेरिलियम से बने 18 षटकोण टुकड़ों को जोड़कर बनाया गया है. हर टुकड़े पर 48.2 ग्राम सोने की परत चढ़ी हुई है. 29 दिनों के दौरान, टेलीस्कोप अपने मिरर को पूरी तरह खोलेगा तो यह एक टेनिस कोर्ट के आकार का हो जाएगा.
नासा का दावा है कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप इंफ्रारेड रेंज में लाइट की पहचान करेगा. इससे खगोलविज्ञानी, अंतरिक्ष में धूल और गैस के बादलों के पार देख पाएंगे और स्पष्ट तस्वीरें हासिल कर पाएंगे.
जानिए किसके नाम पर रखा गया शक्तिशाली टेलीस्कोप का नाम : जेम्स वेब नासा के दूसरे निदेशक थे. वह 1961 से 1968 तक नासा के प्रशासक बने रहे. उससे पहले वह अमेरिकी विदेश विभाग में अंडर सेकेट्री के पद पर काम करते थे. नासा के तत्कालीन प्रशासक जेम्स वेब के सम्मान में निर्माणाधीन दूरबीन का नाम रखा था. पहले इसे नेक्स्ट जेनरेशन स्पेस टेलिस्कोप का नाम दिया गया था.
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