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अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित करने के लिए ओंकारेश्वर से लाए गए नर्मदेश्वर महादेव, अभिषेक व पूजन-अर्चन

अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर में स्थापित करने के लिए ओंकारेश्वर से नर्मदेश्वर महादेव को लाया गया. इस मौके पर ट्रस्ट की ओर से शिवलिंग का विधि-विधान से पूजन अर्जन कर आरती उतारी गई.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 23, 2023, 1:40 PM IST

अयोध्या में एमपी से लाए गए नर्मदेश्वर महादेव का पूजन-अर्चन किया गया.

अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर परिसर में स्थापित किए जाने के लिए मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर से नर्वदेश्वर महादेव का विशालकाय शिवलिंग लाया गया है. यह शिवलिंग की पांच दिन की यात्रा के बाद अयोध्या पहुंचा है. अयोध्या पहुंचने पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने धार्मिक अनुष्ठान करते हुए रुद्राभिषेक किया और इसके उपरांत शिवलिंग को स्वीकार किया. शिवलिंग को कारसेवक पुरम में रखा गया है. शिवलिंग के साथ सैकड़ो की संख्या में लोग रामनगरी पहुंचे है.

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शिवलिंग की विशेषता.


श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को नर्मदेश्वर महादेव का शिवलिंग समर्पित करने वाले महंत अवधूत नर्मदानंद बापू जी ने बताया कि नर्मदा नदी का हर कंकड़ शंकर है. नर्मदा नदी में प्रकट हुआ शिवलिंग को अयोध्या के राम मंदिर में विराजमान कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि 18 अगस्त को यात्रा ओंकारेश्वर से प्रारंभ हुई थी और कल देर रात अयोध्या पहुंची है. नर्मदेश्वर महादेव की स्थापना भगवान राम के परकोटे में होगी, जहां गणेश जी, सूर्य भगवान, मां जगदंबा और महादेव का मंदिर बनाया जाएगा. मध्य में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर रहेगा उसके आसपास अन्य मंदिर बनाए जाएंगे.

उन्होंने बताया कि इस शिवलिंग का वजन 600 किलो है. यह शिवलिंग 48 इंच का है. इसमें कोई भी निशान नहीं है. शिवलिंग नर्मदा नदी के किनारे प्राप्त हुआ है. 3 माह में नर्मदेश्वर महादेव का शिवलिंग पूजन-अर्चन कर तैयार किया गया. वहीं, राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि नर्मदा नदी के मध्य से शिवलिंग को निकालकर साधना करके रामलला की नगर में लाया गया है.

ओंकारेश्वर के नर्मदा से ले गए नर्मदेश्वर महादेव के शिवलिंग को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव संपत राय ने स्वीकार किया है. अभी शिवलिंग को कार सेवक पुरम में उचित स्थान पर रखा गया है. इसके बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इस शिवलिंग को स्थापित करने को लेकर विचार करेगा.


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अयोध्या में एमपी से लाए गए नर्मदेश्वर महादेव का पूजन-अर्चन किया गया.

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शिवलिंग की विशेषता.


श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को नर्मदेश्वर महादेव का शिवलिंग समर्पित करने वाले महंत अवधूत नर्मदानंद बापू जी ने बताया कि नर्मदा नदी का हर कंकड़ शंकर है. नर्मदा नदी में प्रकट हुआ शिवलिंग को अयोध्या के राम मंदिर में विराजमान कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि 18 अगस्त को यात्रा ओंकारेश्वर से प्रारंभ हुई थी और कल देर रात अयोध्या पहुंची है. नर्मदेश्वर महादेव की स्थापना भगवान राम के परकोटे में होगी, जहां गणेश जी, सूर्य भगवान, मां जगदंबा और महादेव का मंदिर बनाया जाएगा. मध्य में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर रहेगा उसके आसपास अन्य मंदिर बनाए जाएंगे.

उन्होंने बताया कि इस शिवलिंग का वजन 600 किलो है. यह शिवलिंग 48 इंच का है. इसमें कोई भी निशान नहीं है. शिवलिंग नर्मदा नदी के किनारे प्राप्त हुआ है. 3 माह में नर्मदेश्वर महादेव का शिवलिंग पूजन-अर्चन कर तैयार किया गया. वहीं, राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि नर्मदा नदी के मध्य से शिवलिंग को निकालकर साधना करके रामलला की नगर में लाया गया है.

ओंकारेश्वर के नर्मदा से ले गए नर्मदेश्वर महादेव के शिवलिंग को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव संपत राय ने स्वीकार किया है. अभी शिवलिंग को कार सेवक पुरम में उचित स्थान पर रखा गया है. इसके बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इस शिवलिंग को स्थापित करने को लेकर विचार करेगा.


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