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MP: चालान नहीं, जान बचाएं...बेटे की तेरहवीं पर नर्मदापुरम में परिजनों ने बांटे हेलमेट, दी ये सीख

मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम के 21 वर्षीय युवक चंद्रशेखर की एक्सीडेंट में मौत के बाद परिजनों ने कांपते हाथों से अंतिम संस्कार कराया. तेरहवीं के दिन परिवार ने संकल्प लिया कि ऐसी लापरवाही से अब वो किसी और की जान नहीं जाने देंगे.

Narmadapuram
नर्मदापुरम
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Published : Jan 24, 2023, 4:57 PM IST

नर्मदापुरम। सड़क दुर्घटना में बेटे को खो देने के बाद मेहर परिवार ने सामाजिक पहल की जिससे किसी और के बेटे-बेटी की जान बचाई जा सके. बेटे की तेरहवीं पर मेहर परिवार ने उसके दोस्तों को हेलमेट बांटे. जिससे किसी और परिवार को इस तरह का दुख ना सहन करना पड़े. साथ ही वाहन चलाते समय ट्रैफिक नियमों का पालन करने, हेलमेट लगाने और सावधानी से वाहन चलाने की अपील की.

अगर हेलमेट पहना होता..तो जिंदा होता: सड़क दुर्घटना में मेहर परिवार ने अपने युवा बेटे चंद्रशेखर को खो दिया. दुर्घटना में मृत्यु का कारण सर पर चोट लगना था. अगर मृतक ने हेलमेट पहना होता तो शायद आज वह जिंदा होता. बेटे की मौत के वज्रपात से पूरा परिवार गहरे शोक और सदमे में है. मृतक के पिता का कहना है कि, हमारे घर में एक युवा की हानि हो चुकी है,हम चाहते हैं कि, दूसरे लोग इस घटना से सीख ले. दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहने, ताकि इस तरह की कोई घटना ना हो. उनके बालक की उम्र 21 साल थी. इसलिए उन्होंने 21 हेलमेट का वितरण किया.

हेलमेट पर लिखा मृतक का नाम: तेरहवीं कार्यक्रम में यातायात उप पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्रा भी उपस्थित थे. उन्होंने इस परिवार द्वारा की जा रही सार्थक पहल का स्वागत किया. माताओं एवं बहनों से भी अपने बच्चों और परिजनों से हेलमेट अनिवार्यता के संबंध में पहल करने के लिए अनुरोध किया. जिस हेलमेट को यातायात के उप पुलिस अधीक्षक द्वारा वितरित कराया गया उसमें मृतक का नाम लिखा गया, जिससे हेलमेट धारण करने वाले युवा अपने मित्र को याद कर सकें.

सड़क हादसे में एक ही परिवार के 6 सदस्यों की मौत, एक साथ किया गया अंतिम संस्कार

चालान नहीं जान बचाएं: ट्रैफिक डीएसपी संतोष मिश्रा ने बताया कि, 9 जनवरी की रात माता मंदिर के पास चंद्रशेखर मेहर का एक्सीडेंट हुआ था. उसके सिर में अंदरूनी चोट आई थी. इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी. युवक की तेरहवीं में परिजनों ने सार्थक पहल की है. क्योंकि दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का उपयोग करना चाहिए. हेलमेट आपकी जान बचाने के लिए है ना कि, चालान बचाने के लिए.

नर्मदापुरम। सड़क दुर्घटना में बेटे को खो देने के बाद मेहर परिवार ने सामाजिक पहल की जिससे किसी और के बेटे-बेटी की जान बचाई जा सके. बेटे की तेरहवीं पर मेहर परिवार ने उसके दोस्तों को हेलमेट बांटे. जिससे किसी और परिवार को इस तरह का दुख ना सहन करना पड़े. साथ ही वाहन चलाते समय ट्रैफिक नियमों का पालन करने, हेलमेट लगाने और सावधानी से वाहन चलाने की अपील की.

अगर हेलमेट पहना होता..तो जिंदा होता: सड़क दुर्घटना में मेहर परिवार ने अपने युवा बेटे चंद्रशेखर को खो दिया. दुर्घटना में मृत्यु का कारण सर पर चोट लगना था. अगर मृतक ने हेलमेट पहना होता तो शायद आज वह जिंदा होता. बेटे की मौत के वज्रपात से पूरा परिवार गहरे शोक और सदमे में है. मृतक के पिता का कहना है कि, हमारे घर में एक युवा की हानि हो चुकी है,हम चाहते हैं कि, दूसरे लोग इस घटना से सीख ले. दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहने, ताकि इस तरह की कोई घटना ना हो. उनके बालक की उम्र 21 साल थी. इसलिए उन्होंने 21 हेलमेट का वितरण किया.

हेलमेट पर लिखा मृतक का नाम: तेरहवीं कार्यक्रम में यातायात उप पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्रा भी उपस्थित थे. उन्होंने इस परिवार द्वारा की जा रही सार्थक पहल का स्वागत किया. माताओं एवं बहनों से भी अपने बच्चों और परिजनों से हेलमेट अनिवार्यता के संबंध में पहल करने के लिए अनुरोध किया. जिस हेलमेट को यातायात के उप पुलिस अधीक्षक द्वारा वितरित कराया गया उसमें मृतक का नाम लिखा गया, जिससे हेलमेट धारण करने वाले युवा अपने मित्र को याद कर सकें.

सड़क हादसे में एक ही परिवार के 6 सदस्यों की मौत, एक साथ किया गया अंतिम संस्कार

चालान नहीं जान बचाएं: ट्रैफिक डीएसपी संतोष मिश्रा ने बताया कि, 9 जनवरी की रात माता मंदिर के पास चंद्रशेखर मेहर का एक्सीडेंट हुआ था. उसके सिर में अंदरूनी चोट आई थी. इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी. युवक की तेरहवीं में परिजनों ने सार्थक पहल की है. क्योंकि दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का उपयोग करना चाहिए. हेलमेट आपकी जान बचाने के लिए है ना कि, चालान बचाने के लिए.

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