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राजस्थान : नायब सूबेदार नरेश शर्मा सड़क हादसे में हुए शहीद

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Published : Mar 12, 2021, 12:59 PM IST

उदयपुरवाटी के मणकसास के एक और जांबाज ने देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी है. मणकसास के सैनिक पंजाब के बठिंडा में तैनात नायब सूबेदार नरेश शर्मा शहीद हो गए हैं. नरेश 6 दिन पहले ही ड्यूटी पर गए थे.

नरेश शर्मा
नरेश शर्मा

जयपुर : राजस्थान के उदयपुरवाटी के मणकसास का एक और जांबाज ने देश के लिए सबसे बड़ी कुर्बानी दी है. पंजाब के बठिंडा में कार्यरत मणकसास निवासी नायब सूबेदार नरेश कुमार शर्मा बुधवार देर रात को ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए. वहीं, शुक्रवार को उनकी राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि होगी.

शहीद नायब सूबेदार नरेश शर्मा 111 आरकेटी में पंजाब के बठिंडा में तैनात थे. 10 मार्च की रात वह सड़क हादसे में शहीद हो गए. उनका पार्थिव देह गांव लाया जा रहा है, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंंतिम संस्कार होगा. शहादत का समाचार परिवार के मौजूद लोगों को लग चुका है.

परिजनों ने बताया कि नायब सूबेदार नरेश शर्मा 36 आर्मी के एजुकेशन कोर में थे. वह गांव में छुट्टी बिताकर 6 मार्च को ड्यूटी पर गए थे. उनका बठिंडा से नागपुर में तबादला होने पर वे बच्चों को घर पर छोड़ कर गए थे. नागपुर एक-दो दिन में जाने ही वाले थे. नायब सूबेदार नरेश कुमार शर्मा दो भाई थे. छोटा भाई सोनू शर्मा है. उनके पिता प्रभु दयाल शर्मा कई वर्षों पहले दिमागी संतुलन बिगड़ने पर घर से निकल गए थे, जिनका अभी तक कोई पता नहीं लगा.

पढ़ें :- चाईबासा में IED ब्लास्ट में तीन जवान शहीद, तीन घायल

वहीं, माता विनोद देवी, पत्नी के छोटे दो बच्चों का पालन पोषण कर बड़ा किया था. पत्नी निशा शर्मा के दो बच्चे हैं. बड़ी लड़की खुशी 6 वर्ष की और छोटा बच्चा 4 वर्ष का है. छोटे भाई सोनू शर्मा की अभी शादी नहीं हुई है. नरेश शर्मा 2008 में आर्मी की भर्ती हुए थे, साथ में कई वर्षों से अपनी ननिहाल में रह रहा था, मूलनिवासी मंडावरा के हैं.

जयपुर : राजस्थान के उदयपुरवाटी के मणकसास का एक और जांबाज ने देश के लिए सबसे बड़ी कुर्बानी दी है. पंजाब के बठिंडा में कार्यरत मणकसास निवासी नायब सूबेदार नरेश कुमार शर्मा बुधवार देर रात को ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए. वहीं, शुक्रवार को उनकी राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि होगी.

शहीद नायब सूबेदार नरेश शर्मा 111 आरकेटी में पंजाब के बठिंडा में तैनात थे. 10 मार्च की रात वह सड़क हादसे में शहीद हो गए. उनका पार्थिव देह गांव लाया जा रहा है, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंंतिम संस्कार होगा. शहादत का समाचार परिवार के मौजूद लोगों को लग चुका है.

परिजनों ने बताया कि नायब सूबेदार नरेश शर्मा 36 आर्मी के एजुकेशन कोर में थे. वह गांव में छुट्टी बिताकर 6 मार्च को ड्यूटी पर गए थे. उनका बठिंडा से नागपुर में तबादला होने पर वे बच्चों को घर पर छोड़ कर गए थे. नागपुर एक-दो दिन में जाने ही वाले थे. नायब सूबेदार नरेश कुमार शर्मा दो भाई थे. छोटा भाई सोनू शर्मा है. उनके पिता प्रभु दयाल शर्मा कई वर्षों पहले दिमागी संतुलन बिगड़ने पर घर से निकल गए थे, जिनका अभी तक कोई पता नहीं लगा.

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वहीं, माता विनोद देवी, पत्नी के छोटे दो बच्चों का पालन पोषण कर बड़ा किया था. पत्नी निशा शर्मा के दो बच्चे हैं. बड़ी लड़की खुशी 6 वर्ष की और छोटा बच्चा 4 वर्ष का है. छोटे भाई सोनू शर्मा की अभी शादी नहीं हुई है. नरेश शर्मा 2008 में आर्मी की भर्ती हुए थे, साथ में कई वर्षों से अपनी ननिहाल में रह रहा था, मूलनिवासी मंडावरा के हैं.

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