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कभी नरेंद्र मोदी भी मनमोहन सिंह की बैठक से रहे थे नदारद

सियासी गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक फिलहाल पीएम मोदी की बैठक से गैरमौजूद रहीं ममता बनर्जी चर्चा में हैं. सियासी विरोधी उनपर निशाना साध रहे हैं. लेकिन एक वक्त वो भी था जब नरेंद्र मोदी भी मनमोहन सिंह की बैठक से नदारद थे.

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Published : May 29, 2021, 11:03 PM IST

मोदी और मनमोहन
मोदी और मनमोहन

हैदराबाद : चक्रवाती तूफान यास बंगाल में तबाही मचाकर जा चुका है, लेकिन उसके बाद आया सियासी तूफान बंगाल से लेकर दिल्ली तक के सियासी गलियारों में जस का तस बना हुआ है. दरअसल, शुक्रवार को पीएम मोदी ने बंगाल और ओडिशा के यास प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. जिसके बाद चक्रवात से हुई तबाही की समीक्षा बैठक होनी थी, लेकिन कोलकाता में हुई बैठक से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नदारद रहीं. जिसके बाद कोलकाता से दिल्ली तक सियासी वार-पलटवार का सिलसिला जारी हो गया. सोशल मीडिया पर भी इस बात की खूब चर्चा हो रही है. वहीं सोशल मीडिया पर वो बैठक भी याद दिलाई जा रही है जब मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे.

ये उन दिनों की बात है...

जब देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हुआ करते थे और नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. वाक्या 23 सितंबर, 2013 का है जब राष्ट्रीय एकीकरण परिषद (NIC) यानी नेशनल इंटीग्रेशन काउंसिल की दिल्ली में होने वाली बैठक का नरेंद्र मोदी ने बॉयकॉट किया था. इस बैठक की अध्यक्षता तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की थी. दरअसल, इस बैठक से पहले उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक दंगा हुआ था. इस बैठक में सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ाने और नफरत फैलाने वाले अभियानों पर रोक लगाने के उपायों पर चर्चा की गई थी. गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी इस बैठक में मौजूद नहीं थे.

सोशल मीडिया पर दोनों बैठकों पर सवाल
सोशल मीडिया पर दोनों बैठकों पर सवाल

सोशल मीडिया पर ममता बनर्जी के बैठक छोड़ने की चर्चा हो रही है तो कुछ लोग 23 सितंबर, 2013 की वो बैठक भी याद दिला रहे हैं. जिससे नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए दूरी बनाई थी.

2013 की वो बैठक सोशल मीडिया पर दिलाई जा रही याद
2013 की वो बैठक सोशल मीडिया पर दिलाई जा रही याद

नरेंद्र मोदी, ममता बनर्जी और प्रोटोकॉल

सियासी गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक पीएम की बैठक से नदारद रहने पर ममता बनर्जी निशाने पर हैं. कोई प्रोटोकॉल की दुहाई दे रहा है और कोई जनता की. लेकिन अगर प्रोटोकॉल नाम की चीज होती है तो वो सबके लिए होनी चाहिए. इसलिये सोशल मीडिया यूजर्स 2013 की वो बैठक याद दिला रहे हैं जो मनमोहन सिंह ने बुलाई थी लेकिन नरेंद्र मोदी बैठक में नहीं पहुंचे थे.

हालांकि, बचाव करने वालों का मत है कि मनमोहन सिंह ने जो बैठक बुलाई थी वो मुजफ्फरनगर दंगों के बाद बुलाई थी. ये मामला सिर्फ उत्तर प्रदेश से जुड़ा था. जबकि अन्य राज्यों को इस बैठक में अपने विचार रखने को बुलाया गया था. जबकि यास तूफान के बाद बुलाई गई समीक्षा बैठक के लिए पीएम मोदी खुद बंगाल पहुंचे थे और बैठक में बंगाल में यास से हुए नुकसान पर ही समीक्षा होनी थी. लेकिन बावजूद इसके मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया.

ये भी पढ़ें: मैं बंगाल के कल्याण के लिए नरेंद्र मोदी के पैर छूने को तैयार हूं : ममता

हैदराबाद : चक्रवाती तूफान यास बंगाल में तबाही मचाकर जा चुका है, लेकिन उसके बाद आया सियासी तूफान बंगाल से लेकर दिल्ली तक के सियासी गलियारों में जस का तस बना हुआ है. दरअसल, शुक्रवार को पीएम मोदी ने बंगाल और ओडिशा के यास प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. जिसके बाद चक्रवात से हुई तबाही की समीक्षा बैठक होनी थी, लेकिन कोलकाता में हुई बैठक से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नदारद रहीं. जिसके बाद कोलकाता से दिल्ली तक सियासी वार-पलटवार का सिलसिला जारी हो गया. सोशल मीडिया पर भी इस बात की खूब चर्चा हो रही है. वहीं सोशल मीडिया पर वो बैठक भी याद दिलाई जा रही है जब मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे.

ये उन दिनों की बात है...

जब देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हुआ करते थे और नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. वाक्या 23 सितंबर, 2013 का है जब राष्ट्रीय एकीकरण परिषद (NIC) यानी नेशनल इंटीग्रेशन काउंसिल की दिल्ली में होने वाली बैठक का नरेंद्र मोदी ने बॉयकॉट किया था. इस बैठक की अध्यक्षता तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की थी. दरअसल, इस बैठक से पहले उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक दंगा हुआ था. इस बैठक में सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ाने और नफरत फैलाने वाले अभियानों पर रोक लगाने के उपायों पर चर्चा की गई थी. गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी इस बैठक में मौजूद नहीं थे.

सोशल मीडिया पर दोनों बैठकों पर सवाल
सोशल मीडिया पर दोनों बैठकों पर सवाल

सोशल मीडिया पर ममता बनर्जी के बैठक छोड़ने की चर्चा हो रही है तो कुछ लोग 23 सितंबर, 2013 की वो बैठक भी याद दिला रहे हैं. जिससे नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए दूरी बनाई थी.

2013 की वो बैठक सोशल मीडिया पर दिलाई जा रही याद
2013 की वो बैठक सोशल मीडिया पर दिलाई जा रही याद

नरेंद्र मोदी, ममता बनर्जी और प्रोटोकॉल

सियासी गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक पीएम की बैठक से नदारद रहने पर ममता बनर्जी निशाने पर हैं. कोई प्रोटोकॉल की दुहाई दे रहा है और कोई जनता की. लेकिन अगर प्रोटोकॉल नाम की चीज होती है तो वो सबके लिए होनी चाहिए. इसलिये सोशल मीडिया यूजर्स 2013 की वो बैठक याद दिला रहे हैं जो मनमोहन सिंह ने बुलाई थी लेकिन नरेंद्र मोदी बैठक में नहीं पहुंचे थे.

हालांकि, बचाव करने वालों का मत है कि मनमोहन सिंह ने जो बैठक बुलाई थी वो मुजफ्फरनगर दंगों के बाद बुलाई थी. ये मामला सिर्फ उत्तर प्रदेश से जुड़ा था. जबकि अन्य राज्यों को इस बैठक में अपने विचार रखने को बुलाया गया था. जबकि यास तूफान के बाद बुलाई गई समीक्षा बैठक के लिए पीएम मोदी खुद बंगाल पहुंचे थे और बैठक में बंगाल में यास से हुए नुकसान पर ही समीक्षा होनी थी. लेकिन बावजूद इसके मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया.

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