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दिल्ली पुलिस ने करंट से हुई मौत के मामले में एफआईआर दर्ज की

दिल्ली पुलिस ने बिजली के करंट से हुई मौत के मामले में एफआईआर दर्ज की, एक महीने में चार्जशीट दाखिल होगी. हाईकोर्ट ने एटीआर मांगी.

करंट से हुई मौत के मामले में एफआईआर दर्ज की
करंट से हुई मौत के मामले में एफआईआर दर्ज की (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 9, 2024, 4:50 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि उसने कालकाजी मंदिर में बिजली के खुले तार की वजह से एक लड़के की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. साथ ही कहा कि वह एक महीने के भीतर आरोप पत्र दाखिल करेगी. इसके बाद हाईकोर्ट ने पुलिस से कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल स्टेट्स रिपोर्ट और महंत सुरेंद्र नाथ द्वारा दाखिल हलफनामे पर गौर किया. दिल्ली पुलिस के स्थायी वकील संजय लाऊ ने कहा कि स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है. लापरवाही से हुई मौत से संबंधित धारा के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. लाऊ ने यह भी कहा कि बहुत सारे खुले तार हैं और अब उन्हें ढंक दिया गया है. घटनास्थल परिसर में 15 मीटर दूर था, 500 मीटर दूर नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि मृतक के अलावा कुछ अन्य श्रद्धालु भी घायल हुए हैं.

सुविधाओं का ध्यान रखना प्रबंधन समिति की जिम्मेदारी: उन्होंने कहा कि लाइट और अन्य सुविधाओं का ध्यान रखना प्रबंधन समिति की जिम्मेदारी है. अदालत ने पूछा कि क्या मृतक के परिवार ने कोई मुआवजा दिया है. महंत सुरेन्द्र नाथ की ओर से अधिवक्ता ध्रुव गुप्ता पेश हुए और कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर निर्देश लेने हैं. न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, "हमारी चिंता यह है कि भविष्य में ऐसा न हो. पिछले साल भी ऐसा हुआ था. प्रबंधन समिति को जिम्मेदारी लेनी होगी, वे पीछे नहीं हट सकते." महंत के वकील ने कहा कि वे पीछे नहीं हट रहे हैं.

हाईकोर्ट को यह भी बताया गया कि सीमांकन पूरा हो चुका है. पुलिस ने यह भी कहा कि जांच चल रही है और एक महीने के भीतर आरोप पत्र दाखिल कर दिया जाएगा. हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आरोप पत्र दाखिल करने के बाद कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी. हाईकोर्ट ने 4 अक्टूबर को कालकाजी मंदिर में कल खुले तार की वजह से हुई मौत का संज्ञान लेते हुए दिल्ली से स्थिति रिपोर्ट तलब की थी.

पिछले साल भी ऐसी ही घटना हुई: नवरात्रि के आयोजन के प्रबंधन पर उठाए गए कदमों पर महंत सुरेन्द्र नाथ से भी रिपोर्ट तलब की गई है. खुले तार की वजह से 17 वर्षीय किशोर की मौत पर भी दिल्ली पुलिस से स्थिति रिपोर्ट तलब की गई. महंत सुरेन्द्र नाथ को उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट पेश करने को भी कहा गया है. न्यायमूर्ति सिंह ने युवक की मौत की घटना पर संज्ञान लेते हुए कहा, "पिछले साल भी ऐसी ही घटना हुई थी."

भीड़ के प्रबंधन के लिए उठाए गए कदमों पर मांगी रिपोर्ट: हाईकोर्ट ने कहा कि प्रबंधन समिति ने प्रशासक को कोर्ट द्वारा पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया है. वर्तमान में कोई प्रशासक नहीं है. हाईकोर्ट को बताया गया कि महंत सुरेन्द्र नाथ प्रबंधन समिति में हैं. हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि महंत सुरेन्द्र नाथ भीड़ के प्रबंधन के लिए उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट पेश करें. दिल्ली पुलिस को कल खुले तार से करंट लगने से हुई मौत के संबंध में भी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया. कालकाजी मंदिर में पुनर्विकास का काम चल रहा है और हाईकोर्ट ने तीन साल पहले प्रशासक नियुक्त किया था.

ये भी पढ़ें : दिल्ली हाईकोर्ट से गायक दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट की टिकटों की कालाबाजारी पर रोक की मांग

ये भी पढ़ें : दिल्ली पुलिस ने 21 बच्चों को छुड़ाया, मजदूरी के लिए ले जा रहे थे

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि उसने कालकाजी मंदिर में बिजली के खुले तार की वजह से एक लड़के की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. साथ ही कहा कि वह एक महीने के भीतर आरोप पत्र दाखिल करेगी. इसके बाद हाईकोर्ट ने पुलिस से कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल स्टेट्स रिपोर्ट और महंत सुरेंद्र नाथ द्वारा दाखिल हलफनामे पर गौर किया. दिल्ली पुलिस के स्थायी वकील संजय लाऊ ने कहा कि स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है. लापरवाही से हुई मौत से संबंधित धारा के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. लाऊ ने यह भी कहा कि बहुत सारे खुले तार हैं और अब उन्हें ढंक दिया गया है. घटनास्थल परिसर में 15 मीटर दूर था, 500 मीटर दूर नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि मृतक के अलावा कुछ अन्य श्रद्धालु भी घायल हुए हैं.

सुविधाओं का ध्यान रखना प्रबंधन समिति की जिम्मेदारी: उन्होंने कहा कि लाइट और अन्य सुविधाओं का ध्यान रखना प्रबंधन समिति की जिम्मेदारी है. अदालत ने पूछा कि क्या मृतक के परिवार ने कोई मुआवजा दिया है. महंत सुरेन्द्र नाथ की ओर से अधिवक्ता ध्रुव गुप्ता पेश हुए और कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर निर्देश लेने हैं. न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, "हमारी चिंता यह है कि भविष्य में ऐसा न हो. पिछले साल भी ऐसा हुआ था. प्रबंधन समिति को जिम्मेदारी लेनी होगी, वे पीछे नहीं हट सकते." महंत के वकील ने कहा कि वे पीछे नहीं हट रहे हैं.

हाईकोर्ट को यह भी बताया गया कि सीमांकन पूरा हो चुका है. पुलिस ने यह भी कहा कि जांच चल रही है और एक महीने के भीतर आरोप पत्र दाखिल कर दिया जाएगा. हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आरोप पत्र दाखिल करने के बाद कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी. हाईकोर्ट ने 4 अक्टूबर को कालकाजी मंदिर में कल खुले तार की वजह से हुई मौत का संज्ञान लेते हुए दिल्ली से स्थिति रिपोर्ट तलब की थी.

पिछले साल भी ऐसी ही घटना हुई: नवरात्रि के आयोजन के प्रबंधन पर उठाए गए कदमों पर महंत सुरेन्द्र नाथ से भी रिपोर्ट तलब की गई है. खुले तार की वजह से 17 वर्षीय किशोर की मौत पर भी दिल्ली पुलिस से स्थिति रिपोर्ट तलब की गई. महंत सुरेन्द्र नाथ को उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट पेश करने को भी कहा गया है. न्यायमूर्ति सिंह ने युवक की मौत की घटना पर संज्ञान लेते हुए कहा, "पिछले साल भी ऐसी ही घटना हुई थी."

भीड़ के प्रबंधन के लिए उठाए गए कदमों पर मांगी रिपोर्ट: हाईकोर्ट ने कहा कि प्रबंधन समिति ने प्रशासक को कोर्ट द्वारा पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया है. वर्तमान में कोई प्रशासक नहीं है. हाईकोर्ट को बताया गया कि महंत सुरेन्द्र नाथ प्रबंधन समिति में हैं. हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि महंत सुरेन्द्र नाथ भीड़ के प्रबंधन के लिए उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट पेश करें. दिल्ली पुलिस को कल खुले तार से करंट लगने से हुई मौत के संबंध में भी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया. कालकाजी मंदिर में पुनर्विकास का काम चल रहा है और हाईकोर्ट ने तीन साल पहले प्रशासक नियुक्त किया था.

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