हैदराबाद: युवजन श्रमिक रायथू तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) प्रमुख वाईएस शर्मिला (YS Sharmila) को मंगलवार को हैदराबाद की नामपल्ली कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी. एक दिन पहले घर के बाहर पुलिस कर्मियों के साथ कथित रूप से मारपीट करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था. अदालत ने उन्हें 30,000 रुपये के जुर्माने के साथ-साथ जमानत देने का आदेश दिया.
अदालत ने दोनों पक्षों के वकीलों को सुना और निर्देश दिया कि अगर शर्मिला विदेश जाती हैं तो उन्हें इसकी अनुमति लेनी होगी. उनके वकील ने अदालत को बताया कि शर्मिला द्वारा पुलिसकर्मी को कथित रूप से थप्पड़ मारने के वीडियो बार-बार दिखाए गए लेकिन इससे पहले और बाद में क्या हुआ कुछ भी नहीं दिखाया गया. कोर्ट ने सोमवार को शर्मिला को 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था.
पुलिस कर्मियों की शिकायत के आधार पर, उनके खिलाफ धारा 353 (सरकारी कर्मचारी को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला), 332 (स्वेच्छा से लोक सेवक को ड्यूटी से रोकने के लिए चोट पहुंचाना), 324 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और आईपीसी की धारा 509 (शब्द, इशारा या किसी महिला की मर्यादा का अपमान करने का इरादा) का मामला दर्ज किया गया है.
तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (टीएसपीएससी) के कथित प्रश्नपत्र लीक की जांच विशेष कार्य बल (एसटीएफ) कर रहा है. शर्मिला जब एसटीएफ के कार्यालय जा रही थीं तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया. वह कथित तौर पर पुलिस कर्मियों को धक्का देते कैमरे में कैद हो गईं और कथित तौर पर उनमें से एक को थप्पड़ भी मारा था. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
वाईएसआरटीपी के नेता पिट्टा राम रेड्डी ने बाद में आरोप लगाया कि शर्मिला ने पुलिस से बदसलूकी की क्योंकि उन्होंने पूछा कि उन्हें एसटीएफ कार्यालय जाने से क्यों रोका जा रहा है. शर्मिला को पिछले महीने भी पुलिस ने हिरासत में लिया था, जब वह कथित पेपर लीक के खिलाफ टीएसपीएससी कार्यालय पहुंची थीं.