नागपुर : अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति द्वारा शिकायत के मामले में बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को नागपुर पुलिस ने क्लीनचिट दे दी है. पुलिस ने कहा है कि वीडियो में देखने में अंधश्रद्धा या अंधविश्वास जैसा कुछ नहीं है. इस बारे में सीपी अमितेश कुमार ने जानकारी दी. पुलिस ने अपना लिखित जवाब अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष और शिकायतकर्ता श्याम मानव को भेजा है. दरअसल, धीरेंद्र शास्त्री की नागपुर में श्रीराम चरित्र चर्चा आयोजित हुई थी. इसके खिलाफ महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने नागपुर पुलिस से शिकायत की थी.
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Maharashtra | Police have done a detailed analysis of the videos of his program held in Nagpur. It has been concluded that no superstition was being spread during his program in Nagpur: Amitesh Kumar CP Nagpur on Dhirendra Shastri of Bageshwar Dham pic.twitter.com/NFYQ4HIras
— ANI (@ANI) January 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) January 25, 2023
समिति ने धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास और जादू-टोना को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था. इस शिकायत पर नागपुर पुलिस ने जांच के बाद अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को जवाब भेजा है. नागपुर पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वीडियो में देखने पर स्पष्ट हुआ है कि इसमें धर्म के प्रचार से जुड़ी सामग्री है, इसमें अंधश्रद्धा जैसी कोई चीज नजर नहीं आई. बता दें कि बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित है. यहां के महाराज धीरेंद्र शास्त्री दिव्य चमत्कारी दरबार लगाते हैं. यहां वो दावा करते हैं कि उन्हें आपके बारे में सब पता है. वहां आने वाले लोग पर्ची में अपनी समस्या लिखते हैं और धीरेंद्र शास्त्री उनके बताए बिना ही अपनी पर्ची में उनकी समस्या लिख देते हैं.
धीरेंद्र शास्त्री ने जनवरी में श्रीराम चरित्र चर्चा नागपुर में आयोजित की थी. ये कथा 13 जनवरी तक चलनी थी. लेकिन 11 जनवरी को ही खत्म हो गई थी. कहा जा रहा था कि महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की शिकायत के चलते ऐसा हुआ. समिति ने धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास और जादू-टोना को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था. समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा था, धीरेंद्र शास्त्री दिव्य दरबार और प्रेत दरबार की आड़ में जादू-टोना को बढ़ावा देते हैं. उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री पर आम लोगों को लूटने, धोखाधड़ी करने और उनका शोषण करने का आरोप भी लगाया.
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