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नगालैंड गोलीबारी : सेना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया

नगालैंड के मोन जिले में चार दिसंबर को हुई गोलीबारी (Nagaland firing) की घटना के बाद सेना ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में तैनात एक मेजर जनरल के नेतृत्व में 'कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी' का आदेश दिया था. नगालैंड में उग्रवाद-रोधी अभियान के दौरान 15 आम नागरिकों की मौत हो गई थी, जिसके बाद राज्य में भारी आक्रोश पैदा हो गया था.

Nagaland Shootout
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Published : Dec 29, 2021, 10:05 PM IST

कोहिमा : नगालैंड गोलीबारी (Nagaland firing) मामले की जांच के लिए गठित सेना की 'कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी' (सीओआई) (court of inquiry) टीम ने बुधवार को तिरु-ओटिंग इलाके में घटनास्थल का निरीक्षण किया. हालांकि, स्थानीय लोगों ने उनके साथ सहयोग करने से इंकार किया.

नगालैंड के मोन जिले में चार दिसंबर को हुई गोलीबारी (Nagaland firing) की घटना के बाद सेना ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में तैनात एक मेजर जनरल के नेतृत्व में 'कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी' का आदेश दिया था. नगालैंड में उग्रवाद-रोधी अभियान के दौरान 15 आम नागरिकों की मौत हो गई थी, जिसके बाद राज्य में भारी आक्रोश पैदा हो गया था.

मोन जिले के पुलिस एवं प्रशासन के प्रतिनिधि भी टीम के साथ मौजूद रहे. गोलीबारी की घटना में कथित तौर पर शामिल रहे सुरक्षा बलों के कम से कम तीन कर्मी भी मौके पर मौजूद रहे.

सूत्रों ने बताया कि मोन जिले में आदिवासी समुदाय के शीर्ष संगठन कोन्याक संघ द्वारा लिए गए निर्णय का अनुसरण करते हुए मारे गए लोगों के परिजनों और ग्राम परिषद के सदस्यों ने टीम से मुलाकात नहीं की.

पढ़ेंः नगालैंड में फायरिंग में 15 की मौत, इलाके में तनाव, गृह मंत्री ने जताया दुख

कोन्याक संघ के अध्यक्ष होइंग कोन्याक ने दोहराया कि न्याय मिलने तक सेना के साथ असहयोग जारी रहेगा. इस बीच, कोहिमा के जनसंपर्क अधिकारी (रक्षा) लेफ्टिनेंट कर्नल सुमित शर्मा ने बुधवार शाम को एक बयान में कहा कि मोन घटना की जांच के लिए सेना द्वारा गठित सीओआई ने ओटिंग गांव में घटनास्थल का दौरा किया.

(पीटीआई-भाषा)

कोहिमा : नगालैंड गोलीबारी (Nagaland firing) मामले की जांच के लिए गठित सेना की 'कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी' (सीओआई) (court of inquiry) टीम ने बुधवार को तिरु-ओटिंग इलाके में घटनास्थल का निरीक्षण किया. हालांकि, स्थानीय लोगों ने उनके साथ सहयोग करने से इंकार किया.

नगालैंड के मोन जिले में चार दिसंबर को हुई गोलीबारी (Nagaland firing) की घटना के बाद सेना ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में तैनात एक मेजर जनरल के नेतृत्व में 'कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी' का आदेश दिया था. नगालैंड में उग्रवाद-रोधी अभियान के दौरान 15 आम नागरिकों की मौत हो गई थी, जिसके बाद राज्य में भारी आक्रोश पैदा हो गया था.

मोन जिले के पुलिस एवं प्रशासन के प्रतिनिधि भी टीम के साथ मौजूद रहे. गोलीबारी की घटना में कथित तौर पर शामिल रहे सुरक्षा बलों के कम से कम तीन कर्मी भी मौके पर मौजूद रहे.

सूत्रों ने बताया कि मोन जिले में आदिवासी समुदाय के शीर्ष संगठन कोन्याक संघ द्वारा लिए गए निर्णय का अनुसरण करते हुए मारे गए लोगों के परिजनों और ग्राम परिषद के सदस्यों ने टीम से मुलाकात नहीं की.

पढ़ेंः नगालैंड में फायरिंग में 15 की मौत, इलाके में तनाव, गृह मंत्री ने जताया दुख

कोन्याक संघ के अध्यक्ष होइंग कोन्याक ने दोहराया कि न्याय मिलने तक सेना के साथ असहयोग जारी रहेगा. इस बीच, कोहिमा के जनसंपर्क अधिकारी (रक्षा) लेफ्टिनेंट कर्नल सुमित शर्मा ने बुधवार शाम को एक बयान में कहा कि मोन घटना की जांच के लिए सेना द्वारा गठित सीओआई ने ओटिंग गांव में घटनास्थल का दौरा किया.

(पीटीआई-भाषा)

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