नई दिल्ली : नगालैंड के मोन जिले के उटिंग इलाके में कथित तौर पर असम राइफल्स की गोलीबारी में 14 आम लोगों की मौत मामले में नगालैंड विधानसभा ने सोमवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया. केंद्र से पूर्वोत्तर और विशेष रूप से राज्य से आफस्पा को हटाने की मांग की गई, ताकि नगा राजनीतिक मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए चल रहे प्रयासों को मजबूत किया जा सके.
13वीं नागालैंड विधानसभा (Nagaland Legislative Assembly) का दसवां सत्र सोमवार को आयोजित किया गया. एनएलए के सदस्यों ने इस साल 4 दिसंबर को मोन जिले के ओटिंग-तिरू गांव इलाके में मारे गए 14 लोगों की स्मृति और सम्मान में दो मिनट का मौन रखा.
सदन में मांग उठाई कि इस संबंध में माफी मांगी जाए. साथ ही यह आश्वासन भी मांगा कि अमानवीय नरसंहार करने वालों और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर देश के कानूनों को लागू करके न्याय दिया जाएगा.
सदन ने मोन जिले के नागरिकों, जन आधारित संगठनों से जांच एंजेंसियों को सहयोग देने तथा शांति बनाए रखने की भी अपील की. सरकार की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया है कि 'सदन सभी वर्गों से शांति और न्याय प्रदान करने की दिशा में हमारे सामूहिक प्रयास में लोकतांत्रिक मानदंडों और अहिंसा का पालन करने की अपील करते हुए AFSPA को निरस्त करने की मांग करता है.'
बयान में कहा गया कि 'नागा लोग लंबे समय से लंबित नगा राजनीतिक मुद्दे का हल चाहते हैं. ऐसे में सदन एक बार फिर वार्ताकारों से अपील करता है- नगा राजनीतिक संवाद जल्द से जल्द एक सम्मानजनक और समावेशी समझौते पर पहुंचकर वार्ता को तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचाया जाए.'
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