तुएनसांग: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि नगा शांति वार्ता जारी है और उम्मीद है कि नगालैंड में स्थायी शांति कायम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल रंग लाएगी. तुएनसांग में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि पूर्वी नगालैंड के विकास और अधिकारों से जुड़े कुछ मुद्दे हैं और विधानसभा चुनाव के बाद इनका समाधान किया जाएगा.
शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर में उग्रवाद कम हो रहा है. उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासनकाल में इस क्षेत्र में हिंसक घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर में हिंसा में 70 प्रतिशत, सुरक्षा कर्मियों की मौत के मामलों में 60 फीसद और आम लोगों की मौत के मामलों में 83 प्रतिशत कमी आई है.
शाह ने कहा कि भाजपा सरकार ने नगालैंड के बड़े हिस्से से सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 हटा लिया है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि अगले तीन-चार वर्ष में पूरे राज्य से अधिनियम हटा दिया जाएगा. नगालैंड की 60 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए 27 फरवरी को मतदान होना है. मतगणना दो मार्च को होगी.
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इससे पहले केंद्रीय अमित शाह ने सोमवार को नगालैंड के लोगों को आश्वासन दिया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार दशकों पुरानी नगा शांति वार्ता का जल्द समाधान चाहती हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि अलग राज्य की मांग कर रहे ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) के मुद्दों को सुलझाना अगली नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी)-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की जिम्मेदारी होगी. शाह ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'चुनाव के बाद नगालैंड में एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन की सरकार बनेगी. हम राज्य की सभी समस्याओं का समाधान करेंगे.'एनडीपीपी-भाजपा 40-20 सीट के बंटवारे के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ रही है.
(पीटीआई-भाषा)