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उत्तराखंडः नैनीताल के आसमान में दिखा उड़न तश्तरी, एरीज के वैज्ञानिकों ने नकारा

उत्तराखंड के नैनीताल में बीती देर रात आसमान में लोगों को चमकीली वस्तु नजर आयी. जो कौतूहल का विषय बनी हुई है. जिस पर एरीज यानी आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के वैज्ञानिकों का कहना है कि उनके किसी भी संयंत्र में यूएफओ यानी उड़न तश्तरी शहर समेत क्षेत्र में आने की उपस्थिति दर्ज नहीं हुई है.

Unidentified flying object
आसमान में दिखा उड़न तश्तरी
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Published : Sep 29, 2022, 12:11 PM IST

नैनीतालः अक्सर फिल्मों में दिखाई जाने वाली उड़न तश्तरी आसमान में दिखने से नैनीताल के लोगों में कौतूहल का विषय बना हुआ है. स्थानीय लोगों को आसमान में कुछ सेकेंड के लिए उड़न तश्तरी (UFO Seen in Nainital) जैसी चमकीली चीज दिखाई दी. कथित उड़न तश्तरी कुछ देर बाद आसमान में ओझल हो गई. जिसके बाद से यूएफओ (उड़न तश्तरी) होने की चर्चाएं हो रही हैं.

नैनीताल में कौतूहल का विषय बनी उड़न तश्तरी मामले पर जब ईटीवी भारत ने आकाशगंगा समेत सौर मंडल पर अध्ययन करने वाली संस्था एरीज यानी आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (Aryabhatta Research Institute of Observational Sciences Nainital) के वैज्ञानिक डॉ बृजेश से बात की तो उन्होंने इस तरह की घटना से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि उनके किसी भी संयंत्र में यूएफओ यानी उड़न तश्तरी शहर समेत क्षेत्र में आने की उपस्थिति दर्ज नहीं हुई है.

स्थानीय लोगों के चर्चाओं के आधार पर गूगल समेत अन्य एजेंसियों से जानकारी प्राप्त की जा रही है. एरीज के वैज्ञानिक बृजेश (ARIES Scientist Brijesh) ने बताया कि उनकी ओर से आकाशगंगा पर अध्ययन (Study on Galaxy) करने वाले अन्य संस्थानों से भी जानकारी मांगी गई, लेकिन किसी ने भी नैनीताल या भारत के किसी अन्य हिस्से में यूएफओ यानी उड़न तश्तरी (Unidentified flying object) दिखने की बात से मना कर दिया.
ये भी पढ़ेंः इस नक्षत्र वेधशाला में बनी थी भारत के पहले राष्ट्रपति की जन्म कुंडली, संरक्षण की दरकार

उन्होंने बताया कि यह वस्तु अक्टूबर 2013 में बेल्फास्ट, 19 अप्रैल 2015 और चार अप्रैल 2016 को टेक्सास में देखे गए. जो यूएफओ जैसी नजर आ रही थी. डॉ. बृजेश के अनुसार ऐसी वस्तु का देखा जाना आश्चर्यजनक होने के साथ ही खतरे का सबब भी है. जिसकी व्यापक पड़ताल, गहन जांच व ट्रैकिंग आवश्यक है. उन्होंने संभावना व्यक्त करते हुए कहा कि यह किसी देश की ओर से जासूसी के लिए छोड़ा गया ऑब्जेक्ट भी हो सकता है.

उड़न तश्तरी क्या होते हैं? यूएफओ या उड़न तश्तरी ऐसी वस्तुओं को कहा जाता है, जिनके बारे में वैज्ञानिकों के पास कोई जानकारी नहीं होती है. यानी वे क्या हैं? आकाश में हजारों प्रकार के ऑब्जेक्ट्स (वस्तुएं) होते हैं. जिनमें चांद तारे और मानव निर्मित सैटेलाइट, मौसम समेत अन्य विषयों के सर्वेक्षण के लिए छोड़े गए गुब्बारे या उपकरण भी हो सकते हैं. इसके अलावा किसी पिंड का टूटा हिस्सा भी चमकदार नजर आता है.

वहीं, किसी भी संस्थान की ओर से छोड़े गए उपकरणों की जानकारी अन्य वैज्ञानिक संस्थाओं और संबंधित देशों को रहती है. ताकि वो इनमें हस्तक्षेप न करें. जब कोई उपकरण इन श्रेणियों में नहीं होता तो वो यूएफओ कहलाता है. इस तरह की वस्तुएं अक्सर नजर आती हैं.

नैनीतालः अक्सर फिल्मों में दिखाई जाने वाली उड़न तश्तरी आसमान में दिखने से नैनीताल के लोगों में कौतूहल का विषय बना हुआ है. स्थानीय लोगों को आसमान में कुछ सेकेंड के लिए उड़न तश्तरी (UFO Seen in Nainital) जैसी चमकीली चीज दिखाई दी. कथित उड़न तश्तरी कुछ देर बाद आसमान में ओझल हो गई. जिसके बाद से यूएफओ (उड़न तश्तरी) होने की चर्चाएं हो रही हैं.

नैनीताल में कौतूहल का विषय बनी उड़न तश्तरी मामले पर जब ईटीवी भारत ने आकाशगंगा समेत सौर मंडल पर अध्ययन करने वाली संस्था एरीज यानी आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (Aryabhatta Research Institute of Observational Sciences Nainital) के वैज्ञानिक डॉ बृजेश से बात की तो उन्होंने इस तरह की घटना से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि उनके किसी भी संयंत्र में यूएफओ यानी उड़न तश्तरी शहर समेत क्षेत्र में आने की उपस्थिति दर्ज नहीं हुई है.

स्थानीय लोगों के चर्चाओं के आधार पर गूगल समेत अन्य एजेंसियों से जानकारी प्राप्त की जा रही है. एरीज के वैज्ञानिक बृजेश (ARIES Scientist Brijesh) ने बताया कि उनकी ओर से आकाशगंगा पर अध्ययन (Study on Galaxy) करने वाले अन्य संस्थानों से भी जानकारी मांगी गई, लेकिन किसी ने भी नैनीताल या भारत के किसी अन्य हिस्से में यूएफओ यानी उड़न तश्तरी (Unidentified flying object) दिखने की बात से मना कर दिया.
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उन्होंने बताया कि यह वस्तु अक्टूबर 2013 में बेल्फास्ट, 19 अप्रैल 2015 और चार अप्रैल 2016 को टेक्सास में देखे गए. जो यूएफओ जैसी नजर आ रही थी. डॉ. बृजेश के अनुसार ऐसी वस्तु का देखा जाना आश्चर्यजनक होने के साथ ही खतरे का सबब भी है. जिसकी व्यापक पड़ताल, गहन जांच व ट्रैकिंग आवश्यक है. उन्होंने संभावना व्यक्त करते हुए कहा कि यह किसी देश की ओर से जासूसी के लिए छोड़ा गया ऑब्जेक्ट भी हो सकता है.

उड़न तश्तरी क्या होते हैं? यूएफओ या उड़न तश्तरी ऐसी वस्तुओं को कहा जाता है, जिनके बारे में वैज्ञानिकों के पास कोई जानकारी नहीं होती है. यानी वे क्या हैं? आकाश में हजारों प्रकार के ऑब्जेक्ट्स (वस्तुएं) होते हैं. जिनमें चांद तारे और मानव निर्मित सैटेलाइट, मौसम समेत अन्य विषयों के सर्वेक्षण के लिए छोड़े गए गुब्बारे या उपकरण भी हो सकते हैं. इसके अलावा किसी पिंड का टूटा हिस्सा भी चमकदार नजर आता है.

वहीं, किसी भी संस्थान की ओर से छोड़े गए उपकरणों की जानकारी अन्य वैज्ञानिक संस्थाओं और संबंधित देशों को रहती है. ताकि वो इनमें हस्तक्षेप न करें. जब कोई उपकरण इन श्रेणियों में नहीं होता तो वो यूएफओ कहलाता है. इस तरह की वस्तुएं अक्सर नजर आती हैं.

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