मैसूर : कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिला स्थित एक प्रमुख मठ के स्वामीजी पर शिष्याओं ने यौन उत्पीड़न जैसा संगीन आरोप (Students accused Swamiji of sexually harassment) लगाया है. इस आरोप के बाद शिष्याओं का कथित रूप से यौन उत्पीड़न करने को लेकर ‘बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस सूत्रों ने शनिवार को बताया कि जिला बाल संरक्षण इकाई के एक अधिकारी की शिकायत के आधार पर नजरबाद थाने में यह शिकायत दर्ज की गई. उनके अनुसार, मठ द्वारा संचालित छात्रावास का वार्डन भी आरोपियों में शामिल है.
सूत्रों के मुताबिक, मैसुरु पुलिस ने प्राथमिक कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर ली है और अब इस मामले को चित्रदुर्ग में क्षेत्राधिकार वाले थाने को स्थानांतरित किया जाएगा, क्योंकि यह कथित अपराध वहां हुआ है. इससे पहले शिष्याओं ने स्वामीजी के खिलाफ महिला सुविधा और बाल आवासीय केंद्र, मैसूर के ओदानदी सेवा ट्रस्ट में शुक्रवार को शिकायत दर्ज कराई है. एनजीओ 'ओदानदी' के कर्मचारियों ने शुक्रवार दोपहर को शिष्याओं की काउंसिलिंग की. इसके बाद उन्हें मैसूर में बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया.
शिष्याओं ने काउंसिलिंग में बताया कि वे मठ द्वारा संचालित कन्या आश्रम में पढ़ती हैं और इन्हें मठ के ही नि:शुल्क छात्रावास में ठहराया गया है. शिष्याओं के मुताबिक, सप्ताह में एक बार स्वामीजी आशीर्वाद के नाम पर उन्हें अकेले कमरे में बुलाते थे और यौन शोषण करते थे. यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने पर हॉस्टल वार्डन और अन्य स्टाफ उनके साथ मारपीट करते थे. इतना ही नहीं, शिष्याओं को जुलाई के आखिरी सप्ताह में हॉस्टल से निकाल दिया.
छात्रावास से बाहर निकाले जाने के बाद, शिष्याओं ने अपने घर लौटने के बजाय बैंगलुरू में अपने रिश्तेदार के घर जाने का फैसला किया. बैंगलोर में एक ऑटो चालक को स्वामी जी के कुकर्मों के बारे जब बताया, तब ऑटो चालक उन्हें कॉटन थाने ले गया. उसके बाद पुलिस ने शिष्याओं को उनके माता-पिता के पास भेज दिया. इधर, शिष्याओं के माता-पिता ने अपने बेटी के साथ हुए अत्याचार के खिलाफ स्थानीय प्रतिनिधि से शिकायत की.
ओदानदी सेवा संस्थान के निदेशक स्टालिन ने इस मामले के बारे में कहा कि यह एक संवेदनशील और एक मठ के स्वामीजी से जुड़ा मामला है. इसलिए मामले की पूरी जानकारी देना संभव नहीं है. हालांकि, उन्होंने बताया कि यह मामला पॉक्सो एक्ट के तहत आता है, इसलिए लड़कियों को पहले काउंसिलिंग किया गया और बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया. ओदानदी सेवा संस्थान के एक अन्य निदेशक परशुराम ने जानकारी दी है कि मैसूर जिला पुलिस अधीक्षक चेतन को शिष्याओं द्वारा स्वामीजी के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के बारे में सूचित किया गया है. इस मामले को लेकर जिला बाल संरक्षण इकाई के कानूनी एवं निरीक्षण अधिकारी चंद्रकुमार ने पांच लोगों के खिलाफ पॉक्सो के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.