आइजोल : म्यांमार में सेना द्वारा लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को बेदखल करने और लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के खिलाफ कार्रवाई के बाद फरवरी के अंत से महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 383 म्यांमार के नागरिक शरण लेने के मकसद से मिजोरम पहुंच चुके हैं. यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को दी.
अधिकारी ने बताया कि मिजोरम आने वाले म्यांमार के तकरीबन 98 प्रतिशत नागरिकों का दावा है कि वे पुलिस बल और दमकल सेवा से जुड़े हुए हैं.
उन्होंने बताया कि उनके पास अपने दावों के समर्थन में कोई दस्तावेज़ी प्रमाण नहीं है.
अधिकारी ने कहा कि 383 विदेशी नागरिकों में से 297 का सत्यापन किया जा चुका है जबकि 86 का सत्यापन किया जाना है.
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, 'राज्य के गृह विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, सोमवार तक म्यांमार से 383 लोग मिजोरम के पांच जिलों में आ चुके हैं और उनमें से 86 का सत्यापन किया जाना है.'
मिजोरम के पांच जिलों की म्यांमार से 510 किलोमीटर लंबी सीमा मिलती है.
उन्होंने कहा कि स्थानीय बाशिंदों ने मिजो परंपरा के तहत पड़ोसी देश से आए अधिकतर लोगों की मेहमानाों के तौर पर रहने व्यवस्था कर दी है.
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राज्य सरकार और असम राइफल्स अवैध प्रवासियों को रोकने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन खुली सीमा होने की वजह से पहले ही राज्य में आ चुके म्यांमार के नागरिकों को रोका नहीं जा सका.
म्यांमार में एक फरवरी को वहां की सेना ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार का तख्ता पलट दिया था और सत्ता की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी.