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King Charles III ताजपोशी :  ब्रिटेन के शाही परिवार का मसूरी से है खास नाता,  'राजा' की ताजपोशी पर भेजा गया बधाई संदेश

6 मई को ब्रिटेन के नए महाराज किंग्स चार्ल्स 3rd की ताजपोशी की गई. इस खास मौके पर मसूरी के प्रसिद्ध इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने एक पत्र ब्रिटेन भेजा है. जिसमें उन्होंने महाराजा को बधाई प्रेषित की है. उनके अनुसार मसूरी से ब्रिटेन के शाही परिवार का पुराना नाता रहा है.

King Charles III  ताजपोशी
King Charles III ताजपोशी
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Published : May 7, 2023, 7:23 PM IST

मसूरी से 'राजा' को भेजा गया बधाई संदेश

मसूरी(उत्तराखंड): ब्रिटेन के नए महाराजा चार्ल्स तृतीय की ताजपोशी 6 मई को की गई. इस अवसर पर मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने पत्र भेजकर ब्रिटेन के नए महाराजा चार्ल्स 3rd को बधाई दी. दरअसल, गोपाल भारद्वाज के पिता ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की जन्म कुंडली बनाई थी. उनके अनुसार ब्रिटेन के शाही परिवार का मसूरी से काफी पुराना नाता रहा है.

भव्य तरीके से की गई महाराजा की ताजपोशी: इस शाही समारोह को भव्य तरीके से आयोजित किया गया. लंदन में किंग चार्ल्स 3rd और महारानी कैमिला की ताजपोशी बड़ी धूमधाम से की गई. ब्रिटेन के महाराजा की ताजपोशी को देखते हुए पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया. इस समारोह में करीब 2 हजार से ज्यादा लोग खास मेहमान के तौर पर शामिल हुए. शाही आयोजन में दुनिया के कई देशों से लोग शामिल हुए.

शाही परिवार का मसूरी से रहा है पुराना नाता: पहाड़ों की रानी मसूरी से ब्रिटेन के नए महाराजा चार्ल्स 3rd के परिवार का पुराना नाता रहा है. इससे पूर्व मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के 70 साल का शासन पूरा होने पर उन्हें शुभकामनाएं दी थी. साथ ही महारानी के प्राइवेट सेक्रेट्री को पत्र लिखकर उनके पिता आरजीआर भारद्वाज की बनाई ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ की जन्म कुंडली की मूल कॉपी भी भेजी थी. महारानी के प्राइवेट सेक्रेट्री द्वारा उनको पत्र भेजकर महारानी की ओर से उनका धन्यवाद भी किया गया था.

गोपाल भारद्वाज ने बताया महारानी का परिवार लगातार मसूरी आता रहा है. उनके बड़े बेटे 1870 में मसूरी आए थे. तब उन्होंने मसूरी के लाल टिब्बा ग्रेवियार्ड में एक पौधा रोपित किया था, जो आज भी मौजूद है. वह प्रिंसेस ऑफ वेलस जो बाद में क्वीन मैरी बनी 1906 में मसूरी आई थी. इनके द्वारा मसूरी के गांधी चौक के पास स्थित चर्च ऑफ़ इंग्लैंड में पौधारोपण किया गया था.

यह भी पढ़ें: देहरादून में 'थैंक्यू मोदी जी फॉर जी-20 इन उत्तराखण्ड' का आयोजन, सीएम धामी ने की शिरकत

पिता ने बनाई थी क्वीन एलीजाबेथ की कुंडली: उन्होंने बताया उनके पिता ज्योतिष विद्या के विद्वान थे. उन्होंने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की 20 मई 1953 को कुंडली बनाई थी. जिसमें उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि उनका शासन ऐतिहासिक रहेगा. ब्रिटेन की महारानी का 96 साल की उम्र में देहांत हो गया था. उनके पिता आरजीआर भारद्वाज ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि महारानी एलिजाबेथ की जन्म कुंडली में खास बात यह है कि उनकी उम्र लंबी होगी. उनके शासन में किसी प्रकार की बड़ी घटना या दुर्घटना नहीं होगी. वह शांतिपूर्ण तरीके से अपने राज्य को संचालित करेंगी.

गोपाल भारद्वाज ने बताया उनके परिवार में 500 साल से ज्योतिष का काम किया जा रहा है. उनके पास 300 साल पुरानी श्रीरामचंद्र, कृष्ण भगवान, गुरुनानक देव की जन्म कुंडली भी है. उनके पिता ने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, मोतीलाल नेहरू, मदन मोहन मालवीय की जन्म कुंडली भी बनाई थी, जो उनके पास आज भी मौजूद है. उन्होंने बताया उनके पास कई महत्वपूर्ण इतिहास के दस्तावेज हैं, जिन्हें सरकार को संरक्षित करना चाहिए.

मसूरी से 'राजा' को भेजा गया बधाई संदेश

मसूरी(उत्तराखंड): ब्रिटेन के नए महाराजा चार्ल्स तृतीय की ताजपोशी 6 मई को की गई. इस अवसर पर मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने पत्र भेजकर ब्रिटेन के नए महाराजा चार्ल्स 3rd को बधाई दी. दरअसल, गोपाल भारद्वाज के पिता ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की जन्म कुंडली बनाई थी. उनके अनुसार ब्रिटेन के शाही परिवार का मसूरी से काफी पुराना नाता रहा है.

भव्य तरीके से की गई महाराजा की ताजपोशी: इस शाही समारोह को भव्य तरीके से आयोजित किया गया. लंदन में किंग चार्ल्स 3rd और महारानी कैमिला की ताजपोशी बड़ी धूमधाम से की गई. ब्रिटेन के महाराजा की ताजपोशी को देखते हुए पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया. इस समारोह में करीब 2 हजार से ज्यादा लोग खास मेहमान के तौर पर शामिल हुए. शाही आयोजन में दुनिया के कई देशों से लोग शामिल हुए.

शाही परिवार का मसूरी से रहा है पुराना नाता: पहाड़ों की रानी मसूरी से ब्रिटेन के नए महाराजा चार्ल्स 3rd के परिवार का पुराना नाता रहा है. इससे पूर्व मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के 70 साल का शासन पूरा होने पर उन्हें शुभकामनाएं दी थी. साथ ही महारानी के प्राइवेट सेक्रेट्री को पत्र लिखकर उनके पिता आरजीआर भारद्वाज की बनाई ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ की जन्म कुंडली की मूल कॉपी भी भेजी थी. महारानी के प्राइवेट सेक्रेट्री द्वारा उनको पत्र भेजकर महारानी की ओर से उनका धन्यवाद भी किया गया था.

गोपाल भारद्वाज ने बताया महारानी का परिवार लगातार मसूरी आता रहा है. उनके बड़े बेटे 1870 में मसूरी आए थे. तब उन्होंने मसूरी के लाल टिब्बा ग्रेवियार्ड में एक पौधा रोपित किया था, जो आज भी मौजूद है. वह प्रिंसेस ऑफ वेलस जो बाद में क्वीन मैरी बनी 1906 में मसूरी आई थी. इनके द्वारा मसूरी के गांधी चौक के पास स्थित चर्च ऑफ़ इंग्लैंड में पौधारोपण किया गया था.

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पिता ने बनाई थी क्वीन एलीजाबेथ की कुंडली: उन्होंने बताया उनके पिता ज्योतिष विद्या के विद्वान थे. उन्होंने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की 20 मई 1953 को कुंडली बनाई थी. जिसमें उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि उनका शासन ऐतिहासिक रहेगा. ब्रिटेन की महारानी का 96 साल की उम्र में देहांत हो गया था. उनके पिता आरजीआर भारद्वाज ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि महारानी एलिजाबेथ की जन्म कुंडली में खास बात यह है कि उनकी उम्र लंबी होगी. उनके शासन में किसी प्रकार की बड़ी घटना या दुर्घटना नहीं होगी. वह शांतिपूर्ण तरीके से अपने राज्य को संचालित करेंगी.

गोपाल भारद्वाज ने बताया उनके परिवार में 500 साल से ज्योतिष का काम किया जा रहा है. उनके पास 300 साल पुरानी श्रीरामचंद्र, कृष्ण भगवान, गुरुनानक देव की जन्म कुंडली भी है. उनके पिता ने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, मोतीलाल नेहरू, मदन मोहन मालवीय की जन्म कुंडली भी बनाई थी, जो उनके पास आज भी मौजूद है. उन्होंने बताया उनके पास कई महत्वपूर्ण इतिहास के दस्तावेज हैं, जिन्हें सरकार को संरक्षित करना चाहिए.

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