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Varanasi News : ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे के लिए समय बढ़ाने की मांग पर मुस्लिम पक्ष की आपत्ति, कहा बिना इजाजत टीम कर रही खुदाई

ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे के लिए समय बढ़ाने की मांग पर जुमन इंतजामियां ने आपत्ति दर्ज कराई है. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि आठ सप्ताह का समय और बढ़ाने संबंधी प्रार्थना पत्र पर कोर्ट अपना निर्णय जल्द दे और समय को बढ़ाया न जाए.

ज्ञानवापी शृंगार गौरी में ASI सर्वे.
ज्ञानवापी शृंगार गौरी में ASI सर्वे.
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 5, 2023, 11:40 AM IST

वाराणसी : ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले में चल रहे एएसआई सर्वे के समय को आठ सप्ताह बढ़ाने की याचिका पर आठ सितंबर को कोर्ट सुनवाई करेगा, लेकिन इसके पहले मुस्लिम पक्ष ने इस मामले में कोर्ट में आपत्ति दाखिल करते हुए सर्वे की मियाद को आगे न बढ़ाए जाने के अपील की है. मुस्लिम पक्ष ने यह भी कहा है कि एएसआई का सर्वे सिर्फ वहां मौजूद स्ट्रक्चर की जांच पड़ताल और अन्य चीजों को लेकर है, लेकिन सर्वे की कार्रवाई बिना अनुमति के खुदाई को आगे बढ़ाने और मलबे को हटाने को लेकर भी की जा रही है, जबकि यह उचित नहीं है. इससे स्ट्रक्चर को खतरा हो सकता है. इसलिए कोर्ट से अपील की जा रही है कि आठ सप्ताह का समय एएसआई की टीम को न दिया जाए.

ज्ञानवापी शृंगार गौरी में ASI सर्वे.
ज्ञानवापी शृंगार गौरी में ASI सर्वे.


इस संदर्भ में सोमवार को अंजुमन इंतजामियां की तरफ से दाखिल की गई आपत्ति में यह कहा गया है कि ज्ञानवापी परिसर में पश्चिमी दीवार से लेकर नीचे तहखाना में काफी मालवा इकट्ठा है. इस मलबे को हटाने के आदेश कोर्ट की तरफ से नहीं दिए गए थे. इसके बाद भी परिसर का मालवा ढांचे के पश्चिमी दीवार पर जो इकट्ठा था और तहखाना में था. एएसआई की टीम के द्वारा मलबा हटाकर जांच आगे बढ़ाई जा रही है.

ज्ञानवापी शृंगार गौरी में ASI सर्वे.
ज्ञानवापी शृंगार गौरी में ASI सर्वे.

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अंजुमन ने यह आपत्ति दर्ज कराई है कि आठ सप्ताह का समय और बढ़ाने संबंधी प्रार्थना पत्र पर कोर्ट अपना निर्णय जल्द दे और समय को बढ़ाया न जाए. प्रतिवादी पक्ष की तरफ से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में टीम के द्वारा दिए गए शपथ पत्र में स्पष्ट तौर पर यह कहा गया है कि वैज्ञानिक तरीके से सर्वे किया जाएगा. एएसआई को 2 सितंबर को सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने का समय दिया गया था और एएसआई ने अपने प्रार्थना पत्र में मलबा व कचरा वगैरा हटाकर सर्वे की बात स्वीकार की है, जबकि सिर्फ वैज्ञानिक पद्धति व जीपीआर विधि से सर्वे के लिए आदेशित किया गया था. अंजुमन ने कहा है कि एएसआई वहां मलबा या कचरे की सफाई के बाद सर्वे करने के लिए अधिकृत नहीं है. इसलिए एएसआई को इसके लिए आदेशित करते हुए समय दिया जाना उचित नहीं है. यह कोर्ट के आदेश के खिलाफ कि जा रही कार्रवाई है. इसलिए रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा जाना न्यायोचित नहीं है और टीम को समय नहीं दिया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें : ज्ञानवापी परिसर के कई हिस्सों का सर्वे होना बाकी, एएसआई टीम ने मांगा अतिरिक्त समय, 8 को होगी सुनवाई

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ज्ञानवापी शृंगार गौरी में ASI सर्वे.
ज्ञानवापी शृंगार गौरी में ASI सर्वे.


इस संदर्भ में सोमवार को अंजुमन इंतजामियां की तरफ से दाखिल की गई आपत्ति में यह कहा गया है कि ज्ञानवापी परिसर में पश्चिमी दीवार से लेकर नीचे तहखाना में काफी मालवा इकट्ठा है. इस मलबे को हटाने के आदेश कोर्ट की तरफ से नहीं दिए गए थे. इसके बाद भी परिसर का मालवा ढांचे के पश्चिमी दीवार पर जो इकट्ठा था और तहखाना में था. एएसआई की टीम के द्वारा मलबा हटाकर जांच आगे बढ़ाई जा रही है.

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अंजुमन ने यह आपत्ति दर्ज कराई है कि आठ सप्ताह का समय और बढ़ाने संबंधी प्रार्थना पत्र पर कोर्ट अपना निर्णय जल्द दे और समय को बढ़ाया न जाए. प्रतिवादी पक्ष की तरफ से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में टीम के द्वारा दिए गए शपथ पत्र में स्पष्ट तौर पर यह कहा गया है कि वैज्ञानिक तरीके से सर्वे किया जाएगा. एएसआई को 2 सितंबर को सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने का समय दिया गया था और एएसआई ने अपने प्रार्थना पत्र में मलबा व कचरा वगैरा हटाकर सर्वे की बात स्वीकार की है, जबकि सिर्फ वैज्ञानिक पद्धति व जीपीआर विधि से सर्वे के लिए आदेशित किया गया था. अंजुमन ने कहा है कि एएसआई वहां मलबा या कचरे की सफाई के बाद सर्वे करने के लिए अधिकृत नहीं है. इसलिए एएसआई को इसके लिए आदेशित करते हुए समय दिया जाना उचित नहीं है. यह कोर्ट के आदेश के खिलाफ कि जा रही कार्रवाई है. इसलिए रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा जाना न्यायोचित नहीं है और टीम को समय नहीं दिया जाना चाहिए.

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