श्रीनगर: कश्मीर में विभिन्न इस्लामी संगठनों की संस्था मुत्ताहिदा मजलिस उलेमा (MMU) ने शनिवार को घाटी में भाजपा सरकार के 'मुस्लिम विरोधी' कदमों और 'हिंदुत्व एजेंडा' की निंदा की. एमएमयू (MMU) के सदस्य मौलाना रहमतुल्लाह कासमी ने आरोप लगाया कि भाजपा 'सूफियों की घाटी में हिंदुत्व के एजेंडे' को आगे बढ़ा रही है.
कासमी ने एक वायरल वीडियो पर हालिया विवाद का जिक्र करते हुए कहा, 'हमारे बच्चों से सांस्कृतिक कार्यक्रमों के नाम पर भजन, योग और सूर्य नमस्कार कराया जाता है.' शिक्षक 'रघुपति राघव राजा राम' भजन गवाते हैं. इससे पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों को 'सूर्य नमस्कार' (सूर्य की पूजा) कराने का निर्देश जारी किया था.
कासमी ने शिक्षकों से सांस्कृतिक कार्यक्रमों के नाम पर सरकार के 'मुस्लिम विरोधी कदमों का विरोध करने की भी अपील की. एमएमयू ने मीरवाइज उमर फारूक को रिहा करने की अपनी मांग भी दोहराई, जो मुस्लिम निकाय के अध्यक्ष हैं.
एमएमयू के एक अन्य सदस्य खुर्शीद अहमद कानूनगो ने एलजी मनोज सिन्हा के हालिया बयान का खंडन किया कि मीरवाइज 'घर में नजरबंद नहीं थे'. एलजी ने कहा था कि मीरवाइज को खुद तय करना है कि वह क्या करना चाहते हैं. हालांकि, कानूनगो ने कहा कि मीरवाइज को अपने आवास से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी.
उन्होंने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मीरवाइज को हिरासत में नहीं लेने का बयान एक जिम्मेदार व्यक्ति (एलजी सिन्हा) की ओर से आया है. इससे जनता में भ्रम पैदा हुआ.' एमएमयू ने श्रीनगर शहर में जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज पर लगातार प्रतिबंध की भी निंदा की है.
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