हैदराबाद : तेलंगाना पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है, जो बीमाधारक की हत्या कर पैसा हड़प लेता. इस गिरोह में शामिल कॉन्ट्रैक्ट किलर, दो बीमा एजेंट और बैंक कर्मचारी शामिल हैं.
गिरोह की नजर दूरस्थ जनजातीय इलाकों में रहने वाले लोगों पर थी. गिरोह के सदस्य पहले इलाके में रहने वाले बीमार लोगों की तलाश करते थे, फिर उनके परिजनों से बीमा करवाते, खुद ही बीमा की एक-दो किस्तें भी भर देते और फिर बीमा में नामांकित व्यक्ति के साथ 20 प्रतिशत पर एक डील भी करते.
पुलिस के अनुसार सब कुछ फाइनल होने के बाद गिरोह द्वारा मौत का खेल शुरू होता था. दरअसल, इस गिरोह के सदस्य पॉलिसी धारक की हत्या कर उसकी लाश को सड़क पर छोड़ देते और जब कोई वाहन उस शव को कुचल देता, तो ये पूरा मामला सड़क दुर्घटना दिखाया जाता. इतना ही नहीं गिरोह के सदस्य थर्ड पार्टी और बैंक के कर्मचारियों को भी बेवकूफ बनाकर पैसा मिलने के बाद 20 प्रतिशत नामांकित व्यक्ति को थमा कर सारा पैसा खुद हड़प लेते.
इसी तरह इस गिरोह के सदस्यों ने बीते 3 सालों में 6 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. हालांकि, दमचरला मंडल निवासी दो बीमा एजेंटों को इस पूरे मामले का मुख्य आरोपी बताया जा रहा है. इसके अलावा 17 अन्य लोगों पर भी हत्या के भी आरोप हैं. वहीं मामले का संज्ञान लेते हुए नालगोंड़ा के पुलिस अधीक्षक ए.वी. रंगनाथ ने संदिग्धों को हिरासत में लिया है. साथ ही पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
कैसे प्रकाश में आया पूरा मामला?
दमचरला मंडल के मूल निवासी देवी रेड्डी का शव कुछ दिनों पहले संदिग्ध परिस्थितियों में नरकटपल्ली हाईवे पर पड़ा मिला था. उनकी पत्नी ने परिजनों को ट्रैक्टर से हुए सड़क हादसे को मौत का कारण बताया. लेकिन अंतिम संस्कार के समय देवी रेड्डी के परिजनों को उनके मृत शरीर पर कुछ चोट के निशान मिले थे.
जिसके बाद पुलिस जांच के दौरान उनकी पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर घटना को अंजाम देने की बात कबूल की थी. आगे की कार्रवाई के बाद पुलिस के सामने एक चौंका देने वाला तथ्य सामने आया.
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दरअसल, मामले में आरोपी एक एजेंट ने अपने गिरोह के साथ मिलकर पांच लोगों को इसी तरह मौत के घाट उतारने की बात कबूली थी.
2018 से शुरू हुआ हत्याओं का सिलसिला
साल 2018 में पुलिस को गुंटुर जिले में सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत की खबर मिली थी. जिसके बाद पुलिस ने व्यक्ति के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा, तो उसके शरीर पर कुछ चोटों के निशान मिले.
मामले की गहराई से जांच करने पर पुलिस ने व्यक्ति के परिजन को ही घटना में आरोपी पाया. जांच के बाद पुलिस को पता चला की व्यक्ति के परिजन ने ही एक निजी बीमा एजेंट के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था.
हालांकि, मामले में पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन जमानत पर कुछ दिनों में ही ये आरोपी जेल से बाहर आ गए.