मुंबई : महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के 100 से अधिक हड़ताली कर्मचारियों ने शुक्रवार को यहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और उनके खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पवार ने उनके मुद्दों को सुलझाने के लिए कुछ नहीं किया. कर्मचारियों ने कहा कि वे राज्य सरकार के साथ निगम के विलय की अपनी मांग पर कायम हैं. प्रदर्शन के दौरान कई कर्मचारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इस संबंध में एमएसआरटीसी के 107 कर्मचारियों के खिलाफ मुंबई के गावदेवी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. इनमें से 23 महिलाएं शामिल हैं.
एमएसआरटीसी के हजारों कर्मचारी खुद को राज्य सरकार के कर्मचारियों का दर्जा देने और निगम के विलय की मांग को लेकर नवंबर 2021 से हड़ताल पर हैं. बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को हड़ताली कर्मचारियों को 22 अप्रैल तक काम पर लौटने का निर्देश दिया है. अदालत के आदेश के बाद परिवहन मंत्री ने आश्वासन दिया था कि उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर काम पर लौटने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
हालांकि शुक्रवार दोपहर प्रदर्शनकारी दक्षिण मुंबई में स्थित पवार के आवास 'सिल्वर ओक' पहुंचे और उनके खिलाफ नारेबाजी की. कुछ कर्मचारियों ने उनके आवास की ओर जूते-चप्पल भी फेंके. एमएसआरटीसी के एक हड़ताली कर्मचारी ने कहा, 'हड़ताल के दौरान एमएसआरटीसी के लगभग 120 कर्मचारी आत्महत्या कर चुके हैं. हम राज्य सरकार के साथ निगम के विलय की मांग पर कायम हैं. राकांपा प्रमुख शरद पवार ने हमारे मुद्दों को सुलझाने के लिए कुछ नहीं किया.'
एक और प्रदर्शनकारी ने कहा, 'हम बंबई उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन हम राज्य सरकार से इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं, जिसे जनता ने चुना है. चुनी हुई सरकार ने हमारे लिए कुछ नहीं किया. इस सरकार के चाणक्य शरद पवार भी हमें हुए नुकसान के लिए जिम्मेदार हैं.' पवार को महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा कांग्रेस के सत्तारूढ़ गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) का मुख्य शिल्पकार माना जाता है, जिसने 2019 में सरकार बनाई थी.
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