मुंबई: आर्थिक राजधानी मुंबई में एक कपड़ा व्यापारी की हत्या के मामले में 20 साल बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है. बता दें कि वर्ष 2003 में मुंबई के सांताक्रुज पुलिस स्टेशन में कपड़ा व्यापारी दीपक राठौड़ की हत्या का मामला दर्ज किया गया था. इसमें आरोपी रुपेश हत्या करने के बाद से फरार हो गया था और वह विभिन्न राज्यों में पहचान बदलकर रहता था.
घटना के मुताबिक 2 अप्रैल 2003 से 3 अप्रैल 2003 के बीच सांताक्रुज पुलिस थाने की सीमा के भीतर होटल नेस्ट में 23 वर्षीय कपड़ा व्यापारी दीपक उर्फ देवा मुनव्वर राठौड़ की हत्या कर दी गई थी. मामले में होटल नेस्ट में रूम अटेंडेंट दिनकर विठ्ठल शेट्टी शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया था कि होटल में 31 मार्च 2003 को कमरा नंबर 108 में दो व्यक्ति ठहरे थे. इसी क्रम में 3 अप्रैल को सुबह 10 बजे जब उक्त कमरे का दरवाजा खटखटाया गया तो किसी ने दरवाजा नहीं खोलने पर इसकी सूचना होटल मैनेजर को दी गई. इसके बाद मास्टर चाबी से कमरे का दरवाजा खोला गया. तब चारपाई पर चादर ओढ़े एक व्यक्ति सोता हुआ मिला था. लेकिन उसे हिलाकर जगाने की कोशिश की गई परंतु जब वह नहीं उठा तो उन्होंने उसके शरीर से चादर हटाया तो उसका शरीर खून से लथपथ मिला.
इस बारे में मुंबई पुलिस के ज्वाइंट लॉ एंड ऑर्डर अधिकारी सत्या नारायण चौधरी ने बताया कि आरोपी 2003 में हुई हत्या के बाद वह फरार हो गया था. मामला दर्ज करने के बाद पुलिस टीम उसकी तलाश में उसके पैतृक बिहार गई थी. लेकिन वह अपने गृहनगर में नहीं था. उसके बाद भी सांताक्रुज थाने की पुलिस टीम 12 बार उसके गृहनगर गई, लेकिन आरोपी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने पर अदालत की अनुमति से अपराध की जांच अस्थायी रूप से बंद कर दी गई थी.
इसके बाद, इस अपराध के संबंध में सहायक पुलिस निरीक्षक तुषार सावत और अपराध जांच दल अभियुक्तों का पता लगाने के लिए बिहार राज्य के मुजफ्फरनगर गए. इस दौरान बिहार मुजफ्फरपुर के औराई थाना की पुलिस की मदद से आरोपी के परिजनों की गतिविधियों पर नजर रखने और वहां गोपनीय जांच करने पर पता चला कि आरोपी ने अपना मूल नाम बदल लिया है और वर्तमान में मजीवाड़ा में एक मिठाई की दुकान में काम कर रहा है. इसके बाद आरोपी को हिरासत में ले लिया गया. वहीं आरोपी ने जुर्म कबूल कर लिया. साथ ही उसने बताया कि उसने दीपक राठौड़ की हत्या कर दी थी और बैग से 1 लाख 30 हजार रुपये नकद लेकर वह बिहार भाग गया था.
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