मुंबई : शरद पवार ने शुक्रवार को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उस वक्त उन्होंने एलान किया था कि वे एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस ले रहे हैं. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनसीपी के कुछ नए चेहरे सामने आए हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक रोहित पवार, विधायक संदीप क्षीरसागर, एनसीपी की युवा महिला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया दूहन और विधायक संग्राम जगताप शरद पवार के पीछे बैठे नजर आ रहे हैं.
शरद पवार के साथ दिखी यंग ब्रिगेड: आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक रोहित पवार, विधायक संदीप क्षीरसागर, संग्राम जगताप, संजय बंसोडे और सोनिया दूहन शरद पवार के पीछे बैठे नजर आए. अभी तक शरद पवार जब भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते थे तो उनके साथ एनसीपी के कई बड़े नेता बैठे नजर आते थे. छगन भुजबल, सुप्रिया सुले, अजीत पवार, प्रफुल्ल पटेल, जयंत पाटिल जैसे कई नाम हैं. हालांकि इस बार इन वरिष्ठ नेताओं में शरद पवार के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिर्फ जयंत पाटिल और प्रफुल्ल पटेल ही मौजूद थे. अजित पवार इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में नजर नहीं आये. अब सवाल यह उठता है कि शरद पवार की इस प्रेस कांफ्रेंस के क्या मायने निकाले जाने चाहिए.
रोहित पवार : आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोहित पवार, शरद पवार के ठीक पीछे बैठे थे. रोहित पवार शरद पवार के पोते हैं. वह कर्जत जमखेड विधानसभा क्षेत्र के विधायक भी हैं. 34 वर्षीय रोहित पवार आक्रामक लेकिन मृदुभाषी युवा नेता के रूप में जाने जाते हैं. रोहित पवार ने मुंबई विश्वविद्यालय से बिजनेस मैनेजमेंट में डिग्री ली है. वह शरद पवार के बाद राजनीति में आने वाले पवार परिवार के पांचवें सदस्य हैं. एक ओर जहां पवार परिवार में फूट के चर्चे हो रहे हैं. वहीं वहीं रोहित पवार अपने दादा के साथ मजबूती से खड़े नजर आ रहे हैं.
सोनिया दूहन : इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने वाली एक और युवा नेता एनसीपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया दूहन थीं. सोनिया उस समिति की सदस्य भी हैं जिसने आज शरद पवार का इस्तीफा नामंजूर कर दिया था. समिति ने आज एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया और पवार से फैसला वापस लेने का अनुरोध किया. सोनिया दूहन को 2019 में हरियाणा के गुरुग्राम से राकांपा विधायकों को वापस लाने के लिए जाना जाता है. ये विधायक अजीत पवार के साथ गुट बना कर देवेंद्र फडणवीस की सरकार में शामिल होने वाले थे. फिर जब महाविकास अघाड़ी सरकार मुश्किल में पड़ी तो उन्होंने फिर से कमान संभाली और बागी विधायकों से सूरत से गुवाहाटी और फिर गोवा तक संपर्क बनाये रखने की कोशिश की.
संदीप क्षीरसागर : जैसे बीड की राजनीति मुंडे और क्षीरसागर परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है. क्षीरसागर परिवार शुरू में कांग्रेस पार्टी से जुड़ा था फिर एनसीपी में आ गया. 2019 के चुनाव में जयदत्त क्षीरसागर ने एनसीपी से इस्तीफा दे दिया और शिवसेना में शामिल हो गए. वहीं, भतीजे संदीप क्षीरसागर को एनसीपी ने बीड से प्रत्याशी बनाया. इस चुनाव में संदीप क्षीरसागर ने अपने चाचा को हराकर जीत हासिल की थी. आज संदीप क्षीरसागर शरद पवार के करीबी लोगों में शामिल हैं. जब भी पार्टी संकट में होती है तो वह मजबूती से शरद पवार के पीछे खड़े रहते हैं.
संग्राम जगताप : महाराष्ट्र की राजनीति में संग्राम जगताप एक बड़ा नाम है. संग्राम जगताप वर्तमान में महाराष्ट्र विधानसभा में विधायक हैं और उनके पिता भी पहले विधान परिषद में विधायक थे. संग्राम जगताप अजीत पवार के करीबी माने जाते हैं. लेकिन एनसीपी में मौजूदा घटनाक्रम को देखकर लग रहा है कि संग्राम जगताप शरद पवार के साथ हैं.
संजय बंसोडे : संजय बंसोडे वर्तमान में विधायक हैं और महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान राज्य मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं. लातूर के उदगीर विधानसभा क्षेत्र से विधायक संजय बंसोडे कभी अजित पवार के गुट के माने जाते थे. 2019 में जब देवेंद्र फडणवीस के साथ अजित पवार सरकार बनाने की तैयारी कर रहे थे, तब एनसीपी के बागी विधायकों में संजय बंसोडे का नाम भी था.