समस्तीपुर: रविवार को मुंबई में निर्माणाधीन इमारत की 40वीं मंजिल से कंस्ट्रक्शन लिफ्ट गिरने से 7 मजूदरों की मौत हो गई थी. मृतकों में बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले 4 मजदूर भी शामिल थे. ये लोग जिले के विभूतिपुर थाना क्षेत्र के तभका गांव के रहने वाले थे. बुधवार की दोपहर सभी के शवों को महाराष्ट्र एंबुलेंस के जरिए उनके पैतृक गांव लाया गया.
मुंबई से चारों मजदूरों के शव समस्तीपुर लाए गए: एक ही गांव में चार युवाओं की लाश जैसे ही पहुंची, हर तरफ चित्कार मच गया. इस हादसे में अपनों को खोने वाले तमाम परिवारों का हाल बेहाल था. मां-बाप, भाई-बहन, पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है. पूरे गांव में पिछले चार दिनों से मातम पसरा हुआ है. एक-दूसरे को ढांढस दे रहे हैं. वहीं सभी शवों का अयोध्या घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया है.
"कारी दास काफी समय से मुंबई में मकान निर्माण कार्य में राजमिस्त्री का काम करते थे. एक सप्ताह पहले ही कारी अपने साथ रुपेश और सुनील को भी मुंबई लेकर गए थे. मंजेश पहले से वहां रहता था. किसी को क्या पता था कि ऐसा कुछ हो जाएगा"- स्थानीय ग्रामीण
कौन थे मरने वाले चारों?: मुंबई में जिन चारों मजदूरों की लिफ्ट हादसे में मौत हुई है, वे सभी समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर थाना क्षेत्र के टभका गांव के रहने वाले थे. इनमें उमेश दास के बेटे सुनील कुमार दास (35 वर्ष), होरिल दास के बेटे रुपेश दास (23 वर्ष), धनपत दास के बेटे मंजेश चौपाल (35 वर्ष) और योगेंद्र दास के 35 वर्षीय पुत्र कारी दास शामिल हैं. राज मिस्त्री कारी दास के साथ रुपेश और सुनील पिछले हफ्ते ही मुंबई गए थे. तीन महीने पहले ही रुपेश की शादी हुई थी.
कैसे हुआ था हादसा?: बताया जाता है कि सभी मजदूर वाटर प्रूफिंग का काम करने के बाद 40वीं मंजिल पर लिफ्ट में घुसे ही थे कि तभी लिफ्ट अचानक से टूट गई और अंडरग्राउंड पार्किंग में आकर गिर गई. इस हादसे में लिफ्ट पर सवार सभी सातों मजदूरों की मौत हो गई.
नीतीश कुमार ने 2-2 लाख का दिया मुआवजा: उधर इस घटना के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी दुख जताया था. सीएम ने मृत मजदूरों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया था.