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मुंबई की अदालत ने लोकल ट्रेन में महिला से छेड़छाड़ के आरोपी को सुनाई महज एक दिन की सजा

महाराष्ट्र में मुंबई की एक अदालत ने एक महिला के साथ छेड़छाड़ के मामले में हैरान करने वाली सजा सुनाई. अदालत ने आरोपी व्यक्ति को महज एक दिन की सजा सुनाई, जबकि मामला साल 2019 से अदालत में लंबित था. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट बीके गवांडे ने कहा कि अपराध जघन्य प्रकृति का है और इसलिए आरोपी को परिवीक्षा का लाभ नहीं दिया जा सकता है. molesting a woman in a local train, Mumbai court

Punishment for the accused of molesting a woman
महिला से छेड़छाड़ के आरोपी को सजा
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By PTI

Published : Dec 10, 2023, 7:21 PM IST

मुंबई: महाराष्ट्र में मुंबई की एक अदालत ने साल 2019 में एक उपनगरीय लोकल ट्रेन में एक महिला के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में 49 वर्षीय व्यक्ति को बड़ी ही हैरान करने वाली सजा सुनाई है. अदालत ने उस व्यक्ति को दोषी पाया और सिर्फ एक दिन की सजा सुनाई. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट बीके गवांडे ने चार दिसंबर के अपने आदेश में कहा कि यह जघन्य अपराध है.

मामले के अनुसार, 13 अगस्त 2019 को जब महिला पश्चिम रेलवे की एक लोकल ट्रेन में यात्रा कर रही थी, तब आरोपी ने उसके साथ कई बार छेड़छाड़ की. इसके बाद महिला और उसके भाई ने आरोपी को डांटा और वे उसे बांद्रा रेलवे पुलिस थाने ले गए.

अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला और अन्य गवाहों की गवाही से यह साबित हो जाता है कि यह घटना हुई थी. अदालत ने कहा कि 'शिकायतकर्ता (महिला) द्वारा दिए गए साक्ष्य से यह बात स्पष्ट है कि आरोपी ने उक्त कृत्य (छेड़छाड़) यह जानते हुए और इस इरादे से किया कि ऐसा करने से शिकायतकर्ता का निश्चित रूप से शीलभंग होगा.'

इसमें कहा गया है कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में कामयाब रहा कि आरोपी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला का शीलभंग करना) के तहत अपराध को अंजाम दिया. इस दोष सिद्धि के बाद अदालत ने आरोपी को एक दिन की सजा सुनाते हुए, एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

मुंबई: महाराष्ट्र में मुंबई की एक अदालत ने साल 2019 में एक उपनगरीय लोकल ट्रेन में एक महिला के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में 49 वर्षीय व्यक्ति को बड़ी ही हैरान करने वाली सजा सुनाई है. अदालत ने उस व्यक्ति को दोषी पाया और सिर्फ एक दिन की सजा सुनाई. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट बीके गवांडे ने चार दिसंबर के अपने आदेश में कहा कि यह जघन्य अपराध है.

मामले के अनुसार, 13 अगस्त 2019 को जब महिला पश्चिम रेलवे की एक लोकल ट्रेन में यात्रा कर रही थी, तब आरोपी ने उसके साथ कई बार छेड़छाड़ की. इसके बाद महिला और उसके भाई ने आरोपी को डांटा और वे उसे बांद्रा रेलवे पुलिस थाने ले गए.

अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला और अन्य गवाहों की गवाही से यह साबित हो जाता है कि यह घटना हुई थी. अदालत ने कहा कि 'शिकायतकर्ता (महिला) द्वारा दिए गए साक्ष्य से यह बात स्पष्ट है कि आरोपी ने उक्त कृत्य (छेड़छाड़) यह जानते हुए और इस इरादे से किया कि ऐसा करने से शिकायतकर्ता का निश्चित रूप से शीलभंग होगा.'

इसमें कहा गया है कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में कामयाब रहा कि आरोपी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला का शीलभंग करना) के तहत अपराध को अंजाम दिया. इस दोष सिद्धि के बाद अदालत ने आरोपी को एक दिन की सजा सुनाते हुए, एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

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