ETV Bharat / bharat

भगोड़ा हीरा व्यापारी नीरव मोदी की संपत्ति कुर्की के आदेश - mumbai court Nirav Modi

भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी और उसकी बहन पूर्वी मेहता को मुंबई कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. विशेष जज वी.सी. बर्डे का कहना है कि दोनों भाई-बहन और कानून के तहत अन्य समूह की कंपनियों की संपत्तियों को जब्त क्यों नहीं करना चाहिए.

nirav
nirav
author img

By

Published : May 13, 2021, 5:15 PM IST

Updated : May 13, 2021, 5:30 PM IST

मुंबई : भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव डी. मोदी के लिए कानूनी मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. मोदी अभी यूके कोर्ट में प्रत्यर्पण की कार्रवाई का सामना कर रहा है. साथ ही जमानत मिलने की लड़ाई लड़ रहा है.

भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत एक विशेष अदालत ने नीरव मोदी और उसकी बहन पूर्वी मेहता को नोटिस जारी किया है, जो पांच महीने पहले सरकारी गवाह बनी थी. विशेष जज वी.सी. बर्डे ने मुंबई में 11 जून को पेश होने का नोटिस दिया है.

बर्डे ने उन्हें यह बताने के लिए भी कहा है कि विशेष अदालत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 2018 की शुरुआत में दायर किए गए एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दोनों भाई-बहनों और कानून के तहत अन्य समूह की कंपनियों की संपत्तियों को जब्त क्यों नहीं करना चाहिए.

न्यायालय ने यह आदेश नीरव मोदी, उनके परिवार के कई सदस्यों, उनके मामा मेहुल सी चोकसी और अन्य के खिलाफ पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से लगभग 14,000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी का आरोप लगाने के ठीक साढ़े तीन साल बाद दिया है.

फरवरी 2018 में, मुंबई के एक मजिस्ट्रेट ने मोदी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट का आदेश दिया, जून 2018 में, इंटरपोल ने एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया, इससे बाद भारत ने ब्रिटेन के अधिकारियों से अगस्त 2018 में उसके प्रत्यर्पण की मांग की. मार्च 2019 में नीरव मोदी की गिरफ्तारी हुई.

मुंबई : भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव डी. मोदी के लिए कानूनी मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. मोदी अभी यूके कोर्ट में प्रत्यर्पण की कार्रवाई का सामना कर रहा है. साथ ही जमानत मिलने की लड़ाई लड़ रहा है.

भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत एक विशेष अदालत ने नीरव मोदी और उसकी बहन पूर्वी मेहता को नोटिस जारी किया है, जो पांच महीने पहले सरकारी गवाह बनी थी. विशेष जज वी.सी. बर्डे ने मुंबई में 11 जून को पेश होने का नोटिस दिया है.

बर्डे ने उन्हें यह बताने के लिए भी कहा है कि विशेष अदालत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 2018 की शुरुआत में दायर किए गए एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दोनों भाई-बहनों और कानून के तहत अन्य समूह की कंपनियों की संपत्तियों को जब्त क्यों नहीं करना चाहिए.

न्यायालय ने यह आदेश नीरव मोदी, उनके परिवार के कई सदस्यों, उनके मामा मेहुल सी चोकसी और अन्य के खिलाफ पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से लगभग 14,000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी का आरोप लगाने के ठीक साढ़े तीन साल बाद दिया है.

फरवरी 2018 में, मुंबई के एक मजिस्ट्रेट ने मोदी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट का आदेश दिया, जून 2018 में, इंटरपोल ने एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया, इससे बाद भारत ने ब्रिटेन के अधिकारियों से अगस्त 2018 में उसके प्रत्यर्पण की मांग की. मार्च 2019 में नीरव मोदी की गिरफ्तारी हुई.

पढ़ेंः 'ममता' पर भारी शौक : कार खरीदने के लिए मां ने बेच दिया तीन माह का बेटा

Last Updated : May 13, 2021, 5:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.