लखनऊ : बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को शुक्रवार को गैंगस्टर एक्ट में 10 साल की सजा सुनाई गई, इसके अलावा पांच लाख का जुर्माना भी ठोंका गया. मुख्तार को यह सजा गाजीपुर में 19 अप्रैल 2009 को हुए कपिल देव सिंह हत्याकांड और 24 नवंबर 2009 को मीर हसन अटैक केस में गैंगस्टर के मुकदमे को लेकर सुनाई गई. बीते एक वर्ष में मुख्तार को यह छठी बार सजा सुनाई गई है, हालांकि मुख्तार एंड कंपनी पर कार्रवाईयों का दौर बीते सात वर्षों से जारी है, जिसने उसके पूरे साम्राज्य को जमींदोज कर दिया है. आइए जानते हैं योगी राज में कभी पूर्वांचल समेत पूरे राज्य में आतंक का दूसरा नाम कहे जाने वाले मुख्तार अंसारी पर क्या कार्रवाई हुई, उसके कितने गुर्गों का एनकाउंटर हुआ, कितने जेल में हैं और उसकी काली कमाई पर कितने बुलडोजर चले.
अब तक छह मामलों में हो चुकी है सजा, 17 में है बाकी : मुख्तार अंसारी बीते 18 वर्षों से देश की अलग-अलग जेलों में बंद रहा है. उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में 59 मुकदमें दर्ज हैं, इसमें 17 तो ऐसे मुकदमे हैं, जिनका कोर्ट में ट्रायल चल रहा है. बांदा जेल में बंद मुख्तार को अब तक छह मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है, वो भी बीते एक वर्षों में ही. जिन मामलों में मुख्तार को अब तक सजा सुनाई गई है, उनमें 21 सितंबर 2022 को लखनऊ के आलमबाग थाने में दर्ज मामले में अंसारी को सात साल की कैद और 37 हजार रुपए जुर्माना, 23 सितंबर 2022 को लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में भी पांच साल की कैद और 50 हजार रुपए जुर्माना, 15 दिसंबर 2022 को गाजीपुर के थाना कोतवाली में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में मुख्तार अंसारी को 10 साल की कैद और 5 लाख रुपए जुर्माना, 29 अप्रैल 2023 को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में गैंगस्टर एक्ट के मामले में मुख्तार को 10 साल की कैद व 5 लाख का जुर्माना, 5 जून 2023 को वाराणसी के चेतगंज थाने में दर्ज हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा और एक लाख रुपए का जुर्माना और बीती 27 नवंबर को गाजीपुर के थाना करंडा में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमें में दस साल की सजा और पांच लाख रुपए जुर्माना लगाया गया.
मुख्तार के छह शूटर्स ढेर हुए, 182 भेजे गए जेल के अंदर : मुख्तार को सजा मिलने का दौर भले ही बीते एक वर्ष में शुरू हुआ हो, लेकिन उसके साम्राज्य पर योगी आदित्यनाथ सरकार का कहर बीते सात वर्षों से टूट रहा है. अंसारी सहयोगियों व उसके गुर्गों पर हुई कार्रवाई की बात करें तो अब तक 288 गुर्गों पर यूपी पुलिस कार्रवाई कर चुकी है, जिसमें कुल 156 मुकदमें भी दर्ज किए गए हैं. मुख्तार के 182 गुर्गों और उसके गैंग IS 191 के सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इतना ही नहीं उसके पांच शार्प शूटर्स को एनकाउंटर ढेर किया गया है, जबकि 22 गुर्गों ने यूपी पुलिस के दहशत से खुद थाने जाकर सरेंडर किया है. 175 असलहों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं तो 164 के खिलाफ गैंगेस्टर और छह पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) की कार्रवाई की गई है.
मुख्तार की 6 अरब की संपत्ति पर चला योगी का बुलडोजर : उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते सात वर्षों में मुख्तार के 83 गुर्गों की हिस्ट्रीशीट खोली, 57 को जिलाबदर किया है. योगी सरकार ने मुख्तार और उसके कुनबे की लगभग 6 अरब 5 करोड़ की संपत्ति या तो जब्त किया है या फिर बुलडोजर चलाया गया है. यही नहीं मुख्तार एंड कंपनी पर हुई कार्रवाई से बंद पड़े उसके अवैध धंधों से कमाए जाने वाले 2 अरब 15 करोड़ का भी नुकसान हुआ है. मुख्तार के खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों मे कुल 59 मुकदमे दर्ज हैं. यूपी की बात करें तो गाजीपुर में सबसे अधिक 23, मऊ में 8, लखनऊ व वाराणासी में 7-7, आजमगढ़ व बाराबंकी में 2-2 और चंदौली, आगरा व सोनभद्र में 1-1 मुकदमे दर्ज हैं, जबकि दिल्ली में 5 तो पंजाब में एक मुकदमा दर्ज है.