ETV Bharat / bharat

बंदी को पीटने और जेलर को धमकाने के 23 साल पुराने मामले में मुख्तार अंसारी बरी

मुख्तार अंसारी को बड़ी राहत मिली है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने बंदी को मारने और जेलर को धमकी देने के मामले में बरी कर दिया है.

मुख्तार अंसारी
मुख्तार अंसारी
author img

By

Published : Mar 27, 2023, 8:51 PM IST

लखनऊ: लखनऊ जेल में बंद रहने के दौरान मुख्तार अंसारी और उसके गुर्गो द्वारा बंदी को मारने पीटने के साथ ही जेलर और उप जेलर को धमकी देने के 23 साल पुराने मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेम अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने आरोपी मुख्तार अंसारी, लालजी यादव, कल्लू पंडित, युसूफ चिश्ती व आलम को साक्ष्य के आभाव में बरी कर दिया है.

अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में असफल रहा है. इस मामले में आरोपी लालजी यादव, कल्लू पंडित, युसूफ चिश्ती और आलम के विरुद्ध 17 अगस्त 2021 को आरोप तय किए गए थे. जबकि मुख्तार अंसारी के विरुद्ध 28 मार्च 2022 को आरोप तय किए गए थे.
पत्रावली के अनुसार मामले की रिपोर्ट जेलर एसएन द्विवेदी और उप जेलर बैजनाथ राम ने 1 अप्रैल 2000 को थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि 29 मार्च 2000 को करीब 6:00 बजे शाम को पेशी से वापस आकर जिस समय बंदी जेल में जा रहे थे. उसी समय जिस बैरक में बंदी चांद बंद था, उसमें माफिया विधायक मुख्तार अंसारी अपने साथी युसूफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित, प्रभु जिंदर सिंह और लालजी यादव गए और सभी ने बंदी चांद को बुरी तरह से मारना शुरू कर दिया.

आरोप था कि जब जेलर और उप जेलर ने बचाने का प्रयास किया तो आरोपियों ने जेल के अधिकारियों और प्रधान बंदी रक्षक स्वामी दयाल अवस्थी पर हमला बोल दिया. यह भी आरोप था कि अलार्म होने पर आरोपी पथराव करते हुए अपने-अपने बैरक में चले गए और दोनों जेल अधिकारियों को धमकी दी थी कि उन्हें और उनके परिवार को मार दिया जाएगा. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 30 और 31 मार्च 2000 से मुख्तार अंसारी और उनके साथियों द्वारा लगातार जान से मारने की धमकी दी जा रही थी.

यह भी पढ़ें- Transport Department UP : राजस्व वसूली में मेरठ जोन टॉप पर, लखनऊ नंबर टू

लखनऊ: लखनऊ जेल में बंद रहने के दौरान मुख्तार अंसारी और उसके गुर्गो द्वारा बंदी को मारने पीटने के साथ ही जेलर और उप जेलर को धमकी देने के 23 साल पुराने मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेम अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने आरोपी मुख्तार अंसारी, लालजी यादव, कल्लू पंडित, युसूफ चिश्ती व आलम को साक्ष्य के आभाव में बरी कर दिया है.

अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में असफल रहा है. इस मामले में आरोपी लालजी यादव, कल्लू पंडित, युसूफ चिश्ती और आलम के विरुद्ध 17 अगस्त 2021 को आरोप तय किए गए थे. जबकि मुख्तार अंसारी के विरुद्ध 28 मार्च 2022 को आरोप तय किए गए थे.
पत्रावली के अनुसार मामले की रिपोर्ट जेलर एसएन द्विवेदी और उप जेलर बैजनाथ राम ने 1 अप्रैल 2000 को थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि 29 मार्च 2000 को करीब 6:00 बजे शाम को पेशी से वापस आकर जिस समय बंदी जेल में जा रहे थे. उसी समय जिस बैरक में बंदी चांद बंद था, उसमें माफिया विधायक मुख्तार अंसारी अपने साथी युसूफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित, प्रभु जिंदर सिंह और लालजी यादव गए और सभी ने बंदी चांद को बुरी तरह से मारना शुरू कर दिया.

आरोप था कि जब जेलर और उप जेलर ने बचाने का प्रयास किया तो आरोपियों ने जेल के अधिकारियों और प्रधान बंदी रक्षक स्वामी दयाल अवस्थी पर हमला बोल दिया. यह भी आरोप था कि अलार्म होने पर आरोपी पथराव करते हुए अपने-अपने बैरक में चले गए और दोनों जेल अधिकारियों को धमकी दी थी कि उन्हें और उनके परिवार को मार दिया जाएगा. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 30 और 31 मार्च 2000 से मुख्तार अंसारी और उनके साथियों द्वारा लगातार जान से मारने की धमकी दी जा रही थी.

यह भी पढ़ें- Transport Department UP : राजस्व वसूली में मेरठ जोन टॉप पर, लखनऊ नंबर टू

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.