छिंदवाड़ा। मई महीने की भीषण गर्मी के बीच प्रदेश के कई जिलों में जल संकट की स्थिति निर्मित होने लगी है. गांव और शहर सब जगह परेशानी बढ़ रही है, जल स्रोत सूखने लगे हैं. भूमिगत जल स्तर नीचे पहुंच गया है. पेयजल के लिए ग्रामीणों को पसीना बहाना पड़ रहा है. हालात ऐसे हैं कि छिंदवाड़ा जिले की 43 नल-जल योजनाएं बंद पड़ी हैं. यहां रहने वाली करीब 50 हजार की आबादी जल संकट से जूझ रही है. ग्रामीण हैंडपंप और अन्य सोर्स से सिर पर पानी ढोने के लिए मजबूर हो रहे हैं. आलम ये है कि कई गांवों में तो महिलाएं 2 से 3 किलोमीटर पैदल चलकर पानी लाने को मजबूर हैं.
9 ब्लॉकों की 43 नल-जल योजना बंद: जिले के 9 ब्लॉक में संचालित नल-जल योजनाओं में से 43 योजनाएं बंद पड़ी हैं. ज्यादातर योजनाएं पानी के सोर्स सूखने के कारण बंद हैं. सबसे ज्यादा खराब हालात अमरवाड़ा ब्लॉक की है. यहां 12 योजनाएं बंद हो गई हैं. नल-जल योजनाएं बंद होने की वजह से ग्रामीण हैंडपंप और अन्य जल स्रोतों से सिर पर पानी ढोने के लिए मजबूर हैं.
9 करोड़ का दिया गया था प्रस्ताव: दोनों डिवीजन ने नए नलकूप खनन, कुंओं में आड़े-तिरछे बोर, राइजर पाइपलाइन बढ़ाने सहित अन्य कार्ययोजना बनाई थी. करीब 9 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत के निर्माण कार्यों का प्रस्ताव बनाकर प्रशासन को भेजा गया था. जिसमें से कुछ कामों को स्वीकृति मिली है. वहीं अधिकारियों का दावा है कि हालात बिगड़े नहीं हैं. छिंदवाड़ा डिवीजन के पीएचई विभाग के ईई मनोज बघेल का कहना है कि "जिले में कहीं भी जल परिवहन के हालात नहीं हैं. बंद हुई नल-जल योजनाओं में वैकल्पिक व्यवस्थाएं बनाई गई हैं. इनमें से ज्यादातर योजनाएं माचागोरा जल प्रदाय योजना से भी जुड़ गई है."
कुल 86 गांवों में पानी की समस्या: छिंदवाड़ा डिविजन में 70 गांव चिह्नित किए गए हैं, जिनमें छिंदवाड़ा में 15, मोहखेड़ में 16, चौरई में 11, बिछुआ में 5, सौंसर में 10, पांढुर्ना में 13 गांव पानी की समस्या से जूझ सकते हैं. इनसे निपटने के लिए विभाग ने करीब 6 करोड़ 36 लाख रुपए की लागत से 6 नए नलकूप खनन, 12 सिंगल फेस की मोटर की स्थापना, 6 कुओं में आड़े तिरछी बोर करने की प्लानिंग और निजी नलकूपों को अधिग्रहण करने की योजना बनाई है. वहीं परासिया डिवीजन में 16 गांव चिह्नित किए गए हैं. जिसमें तामिया में 4, हर्रई में 4, अमरवाड़ा में 5, आजा माही में 4 गांव चिह्नित किए गए हैं. परासिया डिवीजन में 335 हैंडपपों में राइजर पाइप बढ़ाने की जरूरत है. 125 नए हैंडपप खनन की जरूरत है. 70 हैंडपंपों में सिंगल फेस मोटर की जरूरत है तो वहीं 85 नलकूपों की सफाई की जरूरत है. इसमें करीब 2 करोड़ 47 लाख रुपए की लागत आएगी. परासिया डिविजन के प्रभारी ईई बीएल ऊइके का कहना है कि "संभावित हालातों को लेकर करीब 16 गांव चिह्नित किए गए हैं. इसके अलावा करीब 50 स्थानों पर पेयजल सप्लाई प्रभावित होने की संभावनाओं को देखते हुए कार्ययोजना बनाई है."