भोपाल। मध्यप्रदेश के लिए आज का दिन खुशखबरी लेकर आया है. मध्यप्रदेश को तीसरी बार टाइगर स्टेट घोषित किया गया है. केंद्रीय वन मंत्रालय ने शनिवार को साल 2022 की बाघ गणना के आंकड़े जारी किए. इसके अनुसार सबसे ज्यादा 785 टाइगर मध्य प्रदेश में हैं. इसके बाद नंबर कर्नाटक का है, जहां जहां 563 बाघ मौजदू हैं. वहीं, उत्तराखंड में कुल 560 जबकि महाराष्ट्र में 444 टाइगर पाए गए हैं. खास बात यह है कि साल 2006 में मध्यप्रदेश में कुल 300 टाइगर थे. उस समय भी मध्य प्रदेश सबसे अधिक बाघों वाला राज्य बना था. बीते 4 साल में मध्यप्रदेश में 259 बाघ बढ़े है.
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Congratulations, Madhya Pradesh!
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) July 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
With 785 tigers as per the latest tiger estimation exercise, MP is the Leading Tiger State of India!
This reflect MP’s commitment to conserving tigers through intensive protection and monitoring by involving local communities.#TigersInMP pic.twitter.com/DGYtSMjoGe
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— Bhupender Yadav (@byadavbjp) July 29, 2023
With 785 tigers as per the latest tiger estimation exercise, MP is the Leading Tiger State of India!
This reflect MP’s commitment to conserving tigers through intensive protection and monitoring by involving local communities.#TigersInMP pic.twitter.com/DGYtSMjoGeCongratulations, Madhya Pradesh!
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) July 29, 2023
With 785 tigers as per the latest tiger estimation exercise, MP is the Leading Tiger State of India!
This reflect MP’s commitment to conserving tigers through intensive protection and monitoring by involving local communities.#TigersInMP pic.twitter.com/DGYtSMjoGe
केंद्रीय वन मंत्री ने दी एमपी को बधाई : मध्यप्रदेश के फिर से टाइगर स्टेट बनने पर केंद्रीय भूपेंद्र यादव ने बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा "मध्य प्रदेश को बधाई! नई बाघ गणना के आंकड़ों में 785 बाघों के साथ मध्य प्रदेश देश का सबसे अधिक बाघ वाला राज्य बना है. यह मध्य प्रदेश की बाघों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है." वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा "अत्यंत हर्ष की बात है कि हमारे प्रदेशवासियों के सहयोग और वन विभाग के अथक प्रयासों के फलस्वरूप, चार वर्षों में हमारे प्रदेश में जंगल के राजा बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है. मैं पूरे प्रदेश की जनता को, वन एवं वन्यप्राणियों के संरक्षण में उनके सहयोग के लिए हृदय से धन्यवाद और बधाई देता हूं. आइये हम सब मिलकर अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर भावी पीढ़ियों के लिए प्रकृति संरक्षण का पुनः संकल्प लें."
एमपी में बीते 4 साल में बढ़े 259 बाघ : मध्यप्रदेश में साल 2006 से बाघों के संरक्षण के लिए ज्यादा प्रयास शुरू किए गए. इसी के बाद प्रदेश में टाइगर की संख्या लगातार बढ़ी. साल 2006 में मध्यप्रदेश में कुल 300 टाइगर थे. हालांकि साल 2010 में टाइगर की संख्या घटकर 257 हो गई. इस साल मध्य प्रदेश से टाइगर स्टेट का दर्जा छिन गया था. कर्नाटक को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला था. वहीं, साल 2014 में मध्य प्रदेश में 308 बाघ हो गए और 2018 में यह संख्या बढ़कर 526 हो गई. साल 2018 में मध्य प्रदेश ने टाइगर स्टेट का दर्जा हासिल किया. और अब 2022 के गणना के आंकड़े सामने आ गए.
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अत्यंत गर्व और हर्ष की बात है कि विगत चार वर्षों में मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है। सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
यह गौरवपूर्ण उपलब्धि वन विभाग के कर्मठ साथियों, वन्य जीव प्रेमियों और नागरिकों के योगदान से मिली है। मैं आप सबके सहयोग के लिए हृदय से… pic.twitter.com/pvEqkK5wyd
">अत्यंत गर्व और हर्ष की बात है कि विगत चार वर्षों में मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है। सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 29, 2023
यह गौरवपूर्ण उपलब्धि वन विभाग के कर्मठ साथियों, वन्य जीव प्रेमियों और नागरिकों के योगदान से मिली है। मैं आप सबके सहयोग के लिए हृदय से… pic.twitter.com/pvEqkK5wydअत्यंत गर्व और हर्ष की बात है कि विगत चार वर्षों में मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है। सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 29, 2023
यह गौरवपूर्ण उपलब्धि वन विभाग के कर्मठ साथियों, वन्य जीव प्रेमियों और नागरिकों के योगदान से मिली है। मैं आप सबके सहयोग के लिए हृदय से… pic.twitter.com/pvEqkK5wyd
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तीन प्वाइंटस पर हुए काम : बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर रहे मृदुल पाठक के मुताबिक तीन पाइंट्स पर काम करने के साथ एमपी टाइगर स्टेट बन पाया. जिसमें सबसे पहला टाइगर के लिए प्रे बेस तैयार करना यानि उनको फूड फैसिलिटी भरपूर मिले. दूसरा उनकी बीमारियों पर नियंत्रण और तीसरा शावकों की देखरेख पर पूरा फोकस. बता दें कि इन पैमानों पर मध्यप्रदेश लगातार खरा उतर रहा है. देशभर में टाइगर बढ़ने की खुशी अब एनटीसीए और टाइगर रेंज स्टेट्स की जिम्मेदारी भी बढ़ाएगी.