सिवनी। जिले की केवलारी तहसील कार्यालय में नायब नाजिर (बाबू स्तर का पद) सचिन दहायत राहत राशि के प्रकरण के आदेश पोर्टल पर अपलोड करने का काम करता था. उसने अलग-अलग समय पर जीवित लोगों को मृत बताकर फर्जी आदेश तैयार कर उसे पोर्टल पर अपलोड कर दिया. बैंक खाते में चार-चार लाख रुपए पहुंच भी गए. जब जांच की गई तो पता लगा कि कुल 279 लोगों के नाम से 11.16 करोड़ की राशि बैंक खातों में पहुंची है. यह पूरा काम साल 2020 से अब तक किया गया.
इन प्रकरणों से ली राशि डकार गया बाबू : पानी में डूबने, आकाशीय बिजली, सर्पदंश या अन्य कारणों से हुई मौत पर राजस्व विभाग की राहत शाखा से पीड़ित के परिजन को चार लाख रुपए दिए जाते हैं. यह फर्जीवाड़ा भी इन्हीं प्रकरणों में किया गया. केवलारी थाना प्रभारी ने बताया कि सचिन के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है. केवलारी के तहसीलदार हरीश लालवानी ने बताया कि नायब नाजिर सचिन कुछ दिनों से कार्यालय नहीं आ रहा था. उसकी अलमारी में जो दस्तावेज मिले, उनकी जांच कराई तो 11.16 करोड़ की धोखाधड़ी सामने आई. उसने कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग किया है. मामला पुलिस में दर्ज कराया गया है.
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ऑडिट में हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा : राजस्व विभाग में पिछले दिनों ऑडिट की कार्रवाई हो रही थी तो सचिन ने अचानक ऑफिस आना बंद कर दिया. जब अधिकारियों ने उसकी अलमारी खुलवाई तो राहत राशि के कई आदेश पत्र मिले. इनकी जांच में पता चला कि कई ऐस लोगों के खातों में रुपए डाले गए हैं, जो पात्र ही नहीं थे. अभी तक ऐसे 40 खातों की जानकारी सामने आई है, जिसमें दो से तीन बार तक रुपए डाले गए. आठ अलग-अलग बैंकों के इन 40 खातों को फिलहाल होल्ड कर दिया गया है. आदेश पत्र में लेटर पेड, सील व हस्ताक्षर सब फर्जी थे. अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है.