नई दिल्ली: राज्यसभा में पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर करके उनके नाम सेलेक्ट कमिटी में प्रस्तावित करने के आरोपों से घिरे सांसद राघव चड्ढा के बचाव में सांसद संजय सिंह उतर आए हैं. संजय सिंह ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया है कि गृहमंत्री अमित शाह सदन में बौखलाए हुए थे. वह कह रहे थे कि राघव चड्ढा का नाम विशेषाधिकार समिति में भेजो. क्या उनको पता नहीं है कि सेलेक्ट कमेटी में नाम प्रस्तावित करने के लिए किसी के सिग्नेचर की ज़रूरत नहीं होती है. क्या उन्हें यह भी पता नहीं है कि जो व्यक्ति सदन का सदस्य नहीं है उसका नाम नहीं लिया जाता. जबकि वह बार बार अरविंद केजरीवाल का नाम ले रहे थे. उनकी पार्टी का काम है झूठ फैलाना. गृहमंत्री झूठ और अफ़वाह ना फैलाएं. अगर वे चाहते हैं कि विपक्ष को खत्म कर दें तो वे कर दें न.
राघव चढ्ढा के पीछे पड़ गए हैं अमित शाह: संजय सिंह
संजय सिंह ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह, राघव चड्ढा के पीछे पड़ गए हैं. जैसे झूठे और बेबुनियाद मामले में राहुल गांधी की सदस्यता छीन ली गई, वैसे ही वे राघव की सदस्यता छीनना चाहते हैं. वे बहुत खतरनाक लोग हैं. वे कुछ भी कर सकते हैं लेकिन हम आम आदमी के सिपाही हैं. हम उनसे नहीं डरते, हम उनसे लड़ते रहे हैं और लड़ते रहेंगे. अगर राघव की सदस्यता छीनी गई तो वह निर्वाचित होकर वापस आएंगे और उनके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.
दिल्ली सर्विस बिल पास होते ही विवादों में फंस गए राघव चढ्ढा
दिल्ली सर्विस बिल सोमवार को राज्यसभा से भी पास हो गया. बिल पास होते ही आप सांसद राघव चढ्ढा विवादों में फंस गए हैं. राज्यसभा के पांच सांसदों ने सोमवार को आप सांसद के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की मांग की. सांसदों ने आरोप लगाया है कि राघव चढ्ढा द्वारा राज्यसभा में पेश प्रस्ताव में उनका ग़लत तरीक़े से नाम इस्तेमाल किया गया है. इस मामले आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चढ्ढा के ख़िलाफ़ एफआईआर भी की जा सकती है.
प्रस्ताव पर सांसदों के हस्ताक्षर फर्जी पाए गए तो सांसदों की ओर से चेयर को एफआईआर दर्ज कराने की शिकायत दी जाएगी. चेयर की अनुमति से राघव चड्ढा पर एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने शिकायतों की जांच की घोषणा की है. बिल की जांच के लिए राज्य सभा में राघव चड्ढा ने सेलेक्ट कमेटी का प्रस्ताव रखा था.
जाली हस्ताक्षर को लेकर अन्नाद्रमुक सांसद एम. थंबीदुरई ने सभापति को दिया पत्र
दिल्ली सेवा विधेयक को प्रवर समिति को भेजने के लिए आप सांसद राघव चढ्ढा द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर अपने फर्जी हस्ताक्षर का आरोप लगाते हुए अन्नाद्रमुक सांसद एम. थंबीदुरई ने कहा है कि उन्होंने विशेषाधिकार समिति का हवाला देते हुए राज्यसभा के सभापति को एक पत्र दिया है कि प्रस्ताव में उनका नाम कैसे शामिल किया गया. क्योंकि उन्होंने किसी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर नहीं किए थे. ट्वीट करके उन्होंने कहा है किसी ने उनके जाली हस्ताक्षर किए होंगे.
वहीं, वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी ने चार सांसदों के उस आरोप पर बात की जिसमें दावा किया गया था कि दिल्ली एनसीआर संशोधन विधेयक को उनकी सहमति के बिना चयन समिति को भेजने के प्रस्ताव पर उनके नामों का उल्लेख किया गया था. यह प्रस्ताव आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने पेश किया था. उनका कहना है कि "यह विशेषाधिकार हनन का सवाल है. इसकी जांच होनी चाहिए और जो भी ज़िम्मेदार है उसे सदन से बर्खास्त किया जाना चाहिए."
बीजेडी सांसद डॉ. सस्मित पात्रा ने कहा है कि जिस समय सदन में प्रस्ताव पेश किए जा रहे थे (दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा के दौरान), उन्होंने सुना कि राघव चड्ढा द्वारा पेश किए गए एक प्रस्ताव में उनके नाम का उल्लेख किया गया था. पूर्व सहमति के बिना उनका नाम प्रस्ताव में नहीं डाला जा सकता. उम्मीद है कि सदन के सभापति कार्रवाई करेंगे. पात्रा ने शिकायत दे दी है. उन्होंने कहा कि यह विशेषाधिकार का मामला है. सभी ने अपनी-अपनी शिकायतें दर्ज़ कराई हैं.
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