कोल्हापुर : सांसद संभाजी राजे ने अपने पत्र में कहा है कि मुझे पता चला है कि छत्रपति शिवाजी महाराज के 'स्वराज्य' का जिक्र कर नक्सली संगठन मराठा समुदाय को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. नक्सलियों ने भी कहा है कि मराठा, हम आपका इंतजार कर रहे हैं.
लेकिन मराठा समुदाय के सदस्य और छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज के रूप में मैं नक्सलियों से लोकतंत्र की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील करता हूं. हम उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं. संभाजी राजे ने कहा कि भारत ने एक लोकतांत्रिक प्रणाली को अपनाया है.
इस पत्र में उन्होंने आगे कहा कि जब उन्होंने शिवाजी महाराज के शासन को करीब से देखा तो उन्होंने 'अष्ट प्रधान मंडल' की स्थापना करके लोकतंत्र के बीज बोए थे. उनके नौवें वंशज राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज को 'अष्ट प्रधान मंडल' में से एक के रूप में उद्धृत किया गया था.
डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर द्वारा भारतीय लोकतंत्र के स्तंभ, मैं आपसे उनके (शाहू महाराज) रक्त और वैचारिक उत्तराधिकारी के रूप में अपील करना चाहता हूं. डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर ने भारत में लोकतांत्रिक राज्य प्रणाली को इस के नागरिकों की संस्कृति के अनुसार लागू किया. उन्होंने आगे कहा कि मराठा समुदाय ने शिवाजी महाराज के स्वराज्य की स्थापना में भूमिका निभाई थी.
उनके बाद भी मराठा समुदाय ने लगातार अपना बलिदान दिया है. विदेशी शक्तियों को हराने के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा निर्धारित आदर्श स्वतंत्रता के बाद भी कायम है. आज भी मराठा समाज लोकतंत्र की रक्षा करने में सबसे आगे है. महाराष्ट्र के ये 'सह्याद्री सपूत' हिमालय की रक्षा के लिए सीमा पर खड़े हैं.
पत्र में लिखा है कि मैं मानता हूं कि आजादी के बाद से मराठा समुदाय के साथ अन्याय होता रहा है. इस संबंध में हम इस लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोकतांत्रिक तरीके से अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं. हम कोर्ट की लड़ाई, आंदोलन, मार्च, चर्चा, लंबी मार्च आदि कर रहे हैं.
यहां तक कि दुनिया ने हमारे मूक मोर्चों पर ध्यान दिया है. संभाजी राजे ने पत्र में कहा कि शिवाजी महाराज का स्वराज्य सभी जातियों का था. हम सभी के साथ आगे बढ़ते रहेंगे. हमें विश्वास है कि हमें आरक्षण मिलेगा और समाज की अन्य समस्याओं का समाधान होगा.
आपने मराठा समुदाय के प्रति जो सहानुभूति दिखाई है उसके लिए हम आपका सम्मान करते हैं. लेकिन अगर आप शिवाजी के सच्चे वैचारिक अनुयायी हैं तो मैं आपसे मुख्य धारा में आने की अपील करता हूं. संभाजी राजे ने अपने पत्र में कहा है कि कोई भी सिस्टम परफेक्ट नहीं होता और उसमें कमियां होती हैं.
लोकतंत्र पर कुछ लोगों के विचार अलग हो सकते हैं लेकिन वह प्रणाली आज पूरी दुनिया में स्वीकार की जाती है. भारत ने भी इसे सफलतापूर्वक स्वीकार किया है. हम एक सफल यात्रा कर रहे हैं. आज भी कुछ कमियां हैं लेकिन उन्हें दूर करने का प्रयास करना होगा.
क्रांति का विचार अच्छा है लेकिन यह रचनात्मक होनी चाहिए. हो सकता है कुछ लोग इस लोकतांत्रिक व्यवस्था में अच्छे न हों लेकिन पूरी व्यवस्था अप्रभावी नहीं है. संभाजी राजे ने अपने पत्र में कहा कि बैलेट पेपर का उपयोग करके लोगों को शिक्षित करना और उन्हें अच्छे और बुरे के बारे में जागरूक करना पूरे देश के हित में है.