हरिद्वार : उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज दो दिन से कुंभ नगरी हरिद्वार में हैं. आज निर्मल अखाड़े की धर्मध्वजा स्थापित होने के अवसर पर साक्षी महाराज ने कहा है कि ज्ञानवापी विवाद का स्थान नहीं है. यह शब्द इस्लाम में नहीं मिलेगा. इसका अर्थ ज्ञान का सरोवर है. ज्ञान के प्रदाता भगवान शिव हैं. भगवान शिव का वह स्थान है. पुरातत्व विभाग सर्वेक्षण कर रहा है और कोर्ट अपना कार्य कर रहा है.
उन्होंने कहा कि दृढ़ इच्छाशक्ति वाले प्रधानमंत्री और गृह मंत्री हैं. इसके चलते उन्हें विश्वास है कि ज्ञानवापी के साथ न्याय होगा. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी के साथ मस्जिद क्यों जोड़ दिया गया. उन्हें विश्वास है कि जिस प्रकार राममंदिर को भव्यता और दिव्यता दी जा रही है उसी तरह की भव्यता और दिव्यता ज्ञानवापी को भी मिलेगी.
बंगाल के चुनाव पर साक्षी महाराज ने कहा कि वहां की जनता ने दीदी को हटाने का मन बना लिया है. दीदी सदा के लिए विदा होने वाली हैं. मोदी और शाह सबका साथ सबका विकास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार से किसानों के लिए जो मदद दी गई थी दीदी ने वह किसानों तक नहीं पहुंचने दी. इससे वहां की जनता में भी आक्रोश है. अब थोड़ा समय बचा है. निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी.
कौन हैं साक्षी महाराज ?
स्वामी सच्चिदानंद हरि साक्षी, जिन्हें साक्षी महाराज के नाम से जाना जाता है, भाजपा से जुड़े एक धार्मिक नेता हैं. वे उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से हैं. उन्होंने उन्नाव निर्वाचन क्षेत्र से 16वीं लोक सभा का चुनाव लड़ा. 3,10,173 मतों के अंतर से जीत हासिल की. अपने साथियों के बीच साक्षी महाराज के रूप में प्रसिद्ध हैं. उन पर बलात्कार, हत्या और अपहरण से लेकर कई आपराधिक षड्यंत्रों के आरोप लगे. उन्हें कई बार गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं होने के कारण उन्हें बरी कर दिया गया था. उन्होंने 1991 में मथुरा संसदीय चुनाव और 1996 तथा 1998 में भाजपा के टिकट से फर्रूखाबाद से संसदीय चुनाव लड़ा था.
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