भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की 3 दिसंबर को मतगणना के पहले डाक मत पत्रों को लेकर घमासान मचा हुआ है. चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों के डाक मत पत्रों के बाद बालाघाट मामले को लेकर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी सक्रिय हो गया है. कांग्रेस के सीनियर लीडर अभिषेक मनु सिंघवी, सलमान खुर्शीद ने इस मामले में चुनाव आयोग से भी शिकायत की है. कांग्रेस ने शिकायत में 11000 डाक मत पत्रों के गायब होने को लेकर भी आयोग में शिकायत की है. कांग्रेस ने निर्वाचन कार्यालय पर आरोप लगाया है कि डाक मत पत्रों के आंकड़ों को उनके द्वारा छुपाया जा रहा है.
कांग्रेस का सवाल आखिर कहां है 11354 डाक मत पत्र का रिकॉर्ड: दरअसल विधानसभा चुनाव की ड्यूटी में कुल मिलाकर 3 लाख 34 हजार 354 कर्मचारी ड्यूटी में तैनात थे. जिसमें से 25850 रिजर्व कर्मचारी 50 हजार सुरक्षाकर्मी और बाकी 2 लाख 58 हजार 508 सामान्य कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में लगे थे. इन सभी कर्मचारियों को 334354 डाक मत पत्र जारी किए गए थे. कांग्रेस का आरोप है कि 3.23 लाख कर्मचारियों ने डाक मत पत्रों का प्रयोग किया, लेकिन 11 हजार 354 डाक मत पत्रों का रिकॉर्ड चुनाव आयोग में नहीं है.
खंडवा में भी मामला आया सामने: इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. गोविंद सिंह गड़बड़ी की आशंका जाता चुके हैं. पिछले दिनों उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर मत पत्रों की अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी. उन्होंने कहा है कि 'उनके विधानसभा क्षेत्र के दिव्यांग और शासकीय कर्मचारी के डाक मत पत्रों में गड़बड़ी की आशंका है. डाक मत पत्रों को लेकर लगातार नए विवाद सामने आ रहे हैं. खंडवा में 17 नवंबर को मतदान के तीन दिन बाद 20 नवंबर को 123 पुलिसकर्मियों से डाक मत पत्रों से मतदान कराया गया था. इसकी शिकायत आयुक्त तक पहुंची और इसके बाद इन डाक मत पत्रों को निरस्त कर दिया गया.
डाक मत पत्रों को लेकर ताजा विवाद बालाघाट में भी सामने आया है. हालांकि इस मामले में नोडल अधिकारी हिम्मत सिंह को निलंबित किया जा चुका है लेकिन कांग्रेस इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है.
क्या बोले मुख्य चुनाव पदाधिकारी: उधर राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन का कहना है कि 3.23 लाख कर्मचारियों ने डाक मत पत्रों से मतदान किया है और सभी के मत पत्र वापस आ चुके हैं.