दमोह। अपनी दबंग स्वभाव और बेवाक के लहजे के लिए मशहूर पथरिया की एकमात्र बसपा विधायक रामबाई परिहार ने सागर में स्थित सागर श्री हॉस्पिटल के बहाने मंत्रियों और प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरा है, रामबाई ने आरोप लगाया कि "सागर श्री हॉस्पिटल में मंत्रियों की हिस्सेदारी है, मंत्रियों के इशारे पर वहां पर गलत रिपोर्ट तैयार की जाती है." (MP Political News) (Rambai slams Gopal Bhargava)
क्या है मामला: मीडिया से चर्चा में रामबाई ने कहा कि "मेरे विधानसभा क्षेत्र के पंकज खटीक नामक युवक के साथ चुनाव के दौरान 7- 8 तारीख को मारपीट की गई थी, जिसके बाद परिजनों ने उसे इलाज के लिए सागर श्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. इस दौरान वहां के डॉक्टर ने उसे न केवल किसी मंत्री के कहने पर डिस्चार्ज कर दिया, बल्कि उसकी माइनर चोटों की गलत रिपोर्ट तैयार दी. युवक की हालत ऐसी है कि वह हाथ भी नहीं उठा पा रहा है, वह कुछ भी बोलता रहता है. डिस्चार्ज होने के बाद युवक को उसके परिजन ग्वालियर उपचार के लिए ले गए, मारपीट के कारण युवक की मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं है. आश्चर्य की बात यह है कि सागर श्री हॉस्पिटल के डॉक्टर ने वही माइनर चोटों की रिपोर्ट पुलिस थाने में पेश कर दी."
मंत्रियों के इशारे पर बनी गलत रिपोर्ट: पथरिया विधायक ने आरोप लगाया कि, यहां के मंत्रियों के इशारे पर रिपोर्ट कमजोर बनाई गई है, (मंत्रियों से उनका इशारा प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव की तरफ था). बता दें कि गोपाल भार्गव और रामबाई के बीच लंबे समय से तकरार चल रही है, हालांकि रामबाई ने गोपाल भार्गव का नाम तो नहीं लिया, लेकिन जिस तरह से उन्होंने बार-बार मंत्रियों शब्द इस्तेमाल किया, उससे इशारा स्पष्ट हो गया क्योंकि गोपाल भार्गव की सागर श्री हॉस्पिटल में भागीदारी की बात किसी से छिपी नहीं है.
नेता भी घटिया हैं: विधायक रामबाई ने कहा कि "जितने घटिया मेरे क्षेत्र के नेता हैं, उनके संबंध उनसे भी अधिक घटिया नेताओं से हैं. मैंने सागर श्री हॉस्पिटल के संचालक असाटी से बात की, उन्होंने भी माइनर चोट आने और किसी अन्य डॉक्टर से जांच कराने की बात कही है."
रेपिस्ट मंत्रियों को बचाएगी सरकार: रामबाई यहीं पर नहीं रुकी, उन्होंने यह भी कहा कि "आखिर सरकार कर क्या रही है, यदि कोई मंत्री किसी के साथ दुष्कर्म करता है तो क्या ऐसे हॉस्पिटल के जरिए सरकार अपने ही दोषी मंत्री को बचाएगी. आखिर सरकार ऐसे हॉस्पिटल को मान्यता देती ही क्यों है, जहां पर आयुष्मान और अन्य योजनाओं के तहत सरकारी खर्चे पर इलाज होता है."
हॉस्पिटल के खिलाफ केस करेंगी रामबाई: रामबाई का कहना है कि "इस हॉस्पिटल में मरीजों का खून चूसा जाता है, यहां के संचालक का कहना है कि वह ₹50000 का इलाज ₹20000 के खर्च में कर देते हैं. इस हॉस्पिटल की कई शिकायतें मेरे पास पहले भी आ चुकी हैं और यदि मेरे क्षेत्र के मरीज को न्याय नहीं मिला, तो मैं हॉस्पिटल के खिलाफ केस करूंगी और न्यायालय का दरवाजा खटखटाऊंगी."