इंदौर। मध्य प्रदेश में सबसे कम उम्र में हायर सेकेंडरी की परीक्षा पास करने वाली इंदौर की जिस होनहार बेटी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने की शुभकामनाएं दी थी, वह तनिष्का सुजीत आज स्कॉलरशिप नहीं मिलने के कारण अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं. स्थिति यह है कि 23 सितंबर को तनिष्का को अपनी पढ़ाई शुरू करने के लिए फीस जमा करने के बाद लंदन जाना है, लेकिन राज्य शासन की ओर से अब तक स्कॉलरशिप की राशि ही जारी नहीं हुई है. लिहाजा तनिष्का सुजीत का भविष्य अब अधर में है, फिलहाल मां बेटी स्कॉलरशिप मिलने की उम्मीद में भगवान से प्रार्थना करती नजर आ रही हैं.
पीएम ने दी थी चीफ जस्टिस बनने की शुभकामनाएं: दरअसल इंदौर की तनिष्का सुजीत ने कक्षा आठवीं और 12वीं सबसे कम उम्र में उत्तीर्ण की थी, इसके साथ ही बीए साइकोलॉजी में एडमिशन लेने वाली भी वह सबसे कम उम्र की कॉलेज छात्र रही हैं. तनिष्का को राज्यपाल और राज्य सरकार की ओर से अनुमति मिलने के बाद सबसे कम उम्र में हायर सेकंडरी और ग्रेजुएशन करने का मौका मिला था, हाल ही में तनिष्का ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर एलएलबी करने के बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने की इच्छा जताई थी. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उसे चीफ जस्टिस बनने की शुभकामनाएं देते हुए दिल्ली में चीफ जस्टिस की कुर्सी देखकर जाने की सलाह दी थी, इसके बाद से ही तनिष्का एलएलबी की पढ़ाई के साथ लंदन के रसल यूनिवर्सिटी से एलएलबी करने की तैयारी कर रही है.
मां ने लगाई पीएम और सीएम से मदद की गुहार: अब जबकि तनिष्का को कुछ दिनों बाद लंदन पहुंचकर यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना है, तब भी राज्य सरकार अपनी तमाम घोषणाओं के बावजूद तनिष्का सुजीत के लिए स्कॉलरशिप की राशि जारी नहीं कर सकी है. इस स्थिति के चलते मां बेटी दोनों परेशान हैं, लिहाजा तनिष्का के भविष्य के लिए अब उनकी मां नए सिरे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से स्कॉलरशिप जारी करने और फीस की राशि जल्द से जल्द स्वीकृत करने की गुहार लगा रही है.
लंदन का सपना अधर में: दरअसल तनिष्का को एलएलबी सीनियर स्टेटस का कोर्स करने के लिए 55 लख रुपए की जरूरत है, जो यूके की रसल यूनिवर्सिटी में 23 सितंबर तक जमा करना है. इसके बाद 26 सितंबर को तनिष्का को लंदन के लिए रवाना होना है, यह बात और है कि अब तक तनिष्का के एडमिशन के लिए राज्य शासन की ओर से उसे फीस की राशि ही प्राप्त नहीं हुई है. लिहाजा उसका लंदन पहुंचना ही अधर में दिख रहा है, लिहाजा मां बेटी अब अपने भविष्य को लेकर राज्य सरकार और मोदी सरकार के आश्वासन के इंतजार में स्कॉलरशिप मिलने की पल-पल प्रतीक्षा कर रही हैं.