छिंदवाड़ा। प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार के मामले थमने के नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला छिंदवाड़ा के चौरई विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुजीत सिंह चौधरी के ग्राम पंचायत थांवरी गांव का है. जहां पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों के नाम से राशि निकाली गई जबकि हितग्राहियों को पता भी नहीं है कि उनके नाम से पैसा निकाला गया और मकान बनना तो दूर की बात.
ऐसे हुआ मामले का खुलासा: चौरई विधायक सुजीत सिंह चौधरी की ग्रह ग्राम पंचायत थांवरी में लगातार अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थी जिसके बाद जनपद पंचायत अध्यक्ष सरोज राधेश्याम रघुवंशी ने ग्राम पंचायत पहुंचकर निरीक्षण किया और आमजनों से मुलाकात की. इस दौरान ग्रामीणों ने शिकायत में बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली राशि में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है कागजों में आवास योजना के मकान बने हुए दिखा दिए गए लेकिन हकीकत में मकान बने ही नहीं हैं.
कागजों में बना मकान: ग्राम पंचायत की सरपंच अल्पना सनत वेलवंशी में जनपद पंचायत अध्यक्ष सरोज राधेश्याम रघुवंशी को लिखित शिकायत में बताया कि रेखा बाई पति मिश्रीलाल ऊइके पिछले 12 सालों से जबलपुर में रहती है उनके नाम से कागजों प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बना हुआ दिखाया गया है जबकि उसका मकान बना ही नहीं है. उस मकान के स्थान पर पुराने कच्चे मकान की फोटो अपलोड की गई है जो आज भी वैसे ही है लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली पूरी राशि निकाल ली गई.
दूसरा मामला नरेश पिता लखन वर्मा के टीन शेट के मकान के सामने बीम कॉलम खड़ा करके दूसरे मकान का पोर्टल में फोटो अपलोड करके पूरी राशि निकाली गई. इस मामले में अब जनपद पंचायत अध्यक्ष सरोज राधेश्याम रघुवंशी ने सीईओ जिला पंचायत को पत्र लिखकर जांच करने के लिए मांग की है.
पीएम आवास योजना में पहले भी हो चुके हैं भ्रष्टाचार: प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का यह कोई पहला मामला नहीं है पहले भी साल 2020 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार के मामले सामने आए थे. छिंदवाड़ा नगर निगम ने पीएम आवास योजना के तहत मकान की जगह दुकान बना दी थी. छिंदवाड़ा के वार्ड नंबर 14 में यह मामला उजागर हुआ था.
देवास में भी पीएम आवास योजना में करोड़ों रुपए की हेराफेरी का मामला सामने आया था जिसमें 32 कर्मचारी और अधिकारी शामिल पाए गए थे. इस मामले में लोकायुक्त ने जांच की थी जिसमें देवास जिले की नगर परिषद लोहारदा नगर परिषद सतवास और नगर परिषद कांटाफोड़ के अधिकारी कर्मचारी शामिल थे. ऐसे ही कई मामले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आए थे जिसमें लोगों के नाम पर पैसे निकाल लिए गए और हकीकत में उनके मकान ही नहीं बनाए गए थे.
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गरीबों को अपने घर का इंतजार: जिला पंचायत छिंदवाड़ा के प्रधानमंत्री आवास योजना के परियोजना अधिकारी बघेल ने बताया कि छिंदवाड़ा जिले के ग्रामीण इलाकों में साल 2016-17 से 2022- 23 तक 93 हजार 269 मकानों का लक्ष्य रखा गया था. जिसमें से 92 हजार 994 आवास स्वीकृत हो चुके हैं जिसमें से जिले भर में 86 हजार 505 आवास बनकर तैयार हैं तो वहीं 6 हजार 489 आवास का काम प्रगति पर हैं. अगर साल 2022 और 23 की बात करें तो जिले को 19 हजार 741 प्रधानमंत्री आवास का लक्ष्य प्राप्त हुआ था जिसमें से 19 हजार 466 मकान स्वीकृत हुए हैं जिसमें से 15 हजार 860 आवास बनकर तैयार हो चुके हैं और 3 हजार 881 प्रधानमंत्री आवास का कार्य प्रगति पर है.
मामले में जनपद अध्यक्ष का बयान: चौरई जनपद पंचायत की अध्यक्ष सरोज राधेश्याम रघुवंशी ने बताया कि "उन्हें थांवरी ग्राम पंचायत की सरपंच ने लिखित शिकायत की थी कि उनके गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा हुआ है. इसके बाद मैंने खुद मौके का मुआयना किया और देखा कि 2 हितग्राहियों के नाम से फर्जीवाड़ा हुआ है. जिसमें 1 हितग्राही तो वर्तमान में गांव में रहती भी नहीं है. उनके नाम से प्रधानमंत्री आवास राशि निकाल ली गई. जबकि उसे पता भी नहीं था. इसकी मैंने जिला पंचायत सीईओ से लिखित शिकायत की है. निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई करने के लिए मांग की गई है."
क्या बोले पंचायत सीईओ: वहीं जनपद पंचायत अध्यक्ष की शिकायत पर जिला पंचायत सीईओ पार्थ जैसवाल ने कहा है कि "उनके पास शिकायत अभी पहुंची नहीं है. जैसे ही कोई लिखित शिकायत आएगी, उसकी जांच कराई जाएगी.