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MP में किसी मंत्री की शपथ नहीं, आलाकमान के सामने कैबिनेट गठन बड़ी चुनौती, ये चेहरे बड़े दावेदार - कैबिनेट गठन की बड़ी चुनौती

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के साथ ही दो उप मुख्यमंत्री शपथ ले चुके हैं. अब सबकी नजरें मंत्रिमंडल गठन को लेकर हैं. कैबिनेट में किसे शामिल किया जाएगा, इसको लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष के साथ दिल्ली जाकर आलाकमान से चर्चा करेंगे. लेकिन पार्टी हाईकमान के सामने बड़ी चिंता उन दिग्गजों का पुर्नवास है, जो सीएम पद की रेस में टॉप 5 में जगह बनाए हुए थे.

These faces  big contenders for Mohan Yadav cabinet
MP में अब बीजेपी आलाकमान के सामने कैबिनेट गठन की बड़ी चुनौती
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 13, 2023, 1:04 PM IST

Updated : Dec 13, 2023, 1:11 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. मोहन यादव के साथ ही डिप्टी सीएम के रूप में राजेंद्र शुक्ल व जगदीश देवड़ा ने भोपाल में पीएम की मौजूदगी में शपथ ग्रहण की. माना जा रहा था कि इस मौके पर कम से 12 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जा सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. क्योंकि इसमें एक नहीं बहुत सारे पेच फंसे हैं. किसे मंत्री बनाया जाए, किस पुराने चेहरे को ड्रॉप किया जाए और सबसे बड़ी बात जिन दिग्गजों को केंद्र की राजनीति से लाकर विधानसभा चुनाव में उतारा, उन्हें कहां एडजस्ट किया जाए. माना जा रहा है कि पार्टी पहले इन्हें सम्मानजनक स्थान देने की कवायद करेगी. इनमें कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह आदि हैं. ये बड़ी चुनौतियां बीजेपी आलाकमान के सामने हैं.

क्षेत्र के साथ ही जातिगत समीकरण पर फोकस : कैबिनेट में कौन-कौन शामिल होगा, इसके लिए क्षेत्रवाद के साथ जातिवाद के समीकरण भी साधना हैं. नई कैबिनेट में जिनकी जगह मजबूत बताई जा रही है. इनमें ज्यादातर नए चेहरे हैं. जातिगत समीकरण, जीत का बड़ा अंतर और संघ की पसंद इन्हें कैबिनेट में जगह दिला सकती है. संघ की मजबूत जमीन वाले इस इलाके से और कौन से चेहरे आ सकते हैं. इनमें उषा ठाकुर, चिंतामणि मालवीय, अर्चना चिटणीस, चेतन कश्यप, रमेश मेंदोला, तुलसी सिलावट, बालकृष्ण पाटीदार के नाम मजबूत माने जा रहे हैं.

ग्वालियर चंबल व विंध्य से कौन-कौन : ग्वालियर चंबल इलाके से मंत्री पद के लिए चुने जाने वाले विधायकों में सिंधिया की च्वाइस तो रहेगी ही लेकिन जिन विधायकों ने दिग्गजों को मात दी है, उन पर भी फोकस होगा. इस लिहाज से प्रियंका मीणा, अमरीश शर्मा का नाम मजबूत बताया जा रहा है. इनके अलावा एंदल सिंह कंसाना, प्रदुम्न सिंह तोमर, राकेश शुक्ला, देवेन्द्र जैन, सरला रावत, प्रीतम लोधी और बृजेन्द्र सिंह यादव के नाम मंत्री पद की दौड़ में आगे बताए जा रहे हैं. वहीं, विध्य से राजेन्द्र शुक्ल के डिप्टी सीएम बन जाने के बाद भी कैबिनेट में दबदबा बरकरार रहने की उम्मीद है. विंध्य से एक मजबूत नाम रीति पाठक का है. इसके अलावा जय सिंह मरावी, दिव्य राज सिंह, सुरेन्द्र सिंह गहरवार, प्रदीप पटेल, कुंवर सिंह टेकाम, विक्रम सिंह, शरद कोल और मीना सिंह के नाम संभावितों में हैं.

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बुंदेलखंड भी लगी कतार : वहीं, इस बार मालवा के बाद बुंदेलखंड इलाका ऐसा है, जहां से मंत्री पद के लिए कतार लंबी है. सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत के अलावा शैलेन्द्र जैन, लखन पटेल, प्रहलाद लोधी, ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह, उमा देवी खटीक, हरिशंकर खटीक, प्रदीप लारिया के नाम मजबूत बताए जा रहे हैं. तो भोपाल रीजन से इस बार रामेश्वर शर्मा सबसे ज्यादा बड़ी जीत के साथ ओबीसी चेहरा कृष्णा गौर के नाम बेहद मजबूत बताए जा रहे हैं. इनके अलावा विष्णु खत्री, ठाकुरदास नागवंशी, डॉ. प्रभुराम चौधरी के नाम भी संभावितों में हैं.

भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. मोहन यादव के साथ ही डिप्टी सीएम के रूप में राजेंद्र शुक्ल व जगदीश देवड़ा ने भोपाल में पीएम की मौजूदगी में शपथ ग्रहण की. माना जा रहा था कि इस मौके पर कम से 12 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जा सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. क्योंकि इसमें एक नहीं बहुत सारे पेच फंसे हैं. किसे मंत्री बनाया जाए, किस पुराने चेहरे को ड्रॉप किया जाए और सबसे बड़ी बात जिन दिग्गजों को केंद्र की राजनीति से लाकर विधानसभा चुनाव में उतारा, उन्हें कहां एडजस्ट किया जाए. माना जा रहा है कि पार्टी पहले इन्हें सम्मानजनक स्थान देने की कवायद करेगी. इनमें कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह आदि हैं. ये बड़ी चुनौतियां बीजेपी आलाकमान के सामने हैं.

क्षेत्र के साथ ही जातिगत समीकरण पर फोकस : कैबिनेट में कौन-कौन शामिल होगा, इसके लिए क्षेत्रवाद के साथ जातिवाद के समीकरण भी साधना हैं. नई कैबिनेट में जिनकी जगह मजबूत बताई जा रही है. इनमें ज्यादातर नए चेहरे हैं. जातिगत समीकरण, जीत का बड़ा अंतर और संघ की पसंद इन्हें कैबिनेट में जगह दिला सकती है. संघ की मजबूत जमीन वाले इस इलाके से और कौन से चेहरे आ सकते हैं. इनमें उषा ठाकुर, चिंतामणि मालवीय, अर्चना चिटणीस, चेतन कश्यप, रमेश मेंदोला, तुलसी सिलावट, बालकृष्ण पाटीदार के नाम मजबूत माने जा रहे हैं.

ग्वालियर चंबल व विंध्य से कौन-कौन : ग्वालियर चंबल इलाके से मंत्री पद के लिए चुने जाने वाले विधायकों में सिंधिया की च्वाइस तो रहेगी ही लेकिन जिन विधायकों ने दिग्गजों को मात दी है, उन पर भी फोकस होगा. इस लिहाज से प्रियंका मीणा, अमरीश शर्मा का नाम मजबूत बताया जा रहा है. इनके अलावा एंदल सिंह कंसाना, प्रदुम्न सिंह तोमर, राकेश शुक्ला, देवेन्द्र जैन, सरला रावत, प्रीतम लोधी और बृजेन्द्र सिंह यादव के नाम मंत्री पद की दौड़ में आगे बताए जा रहे हैं. वहीं, विध्य से राजेन्द्र शुक्ल के डिप्टी सीएम बन जाने के बाद भी कैबिनेट में दबदबा बरकरार रहने की उम्मीद है. विंध्य से एक मजबूत नाम रीति पाठक का है. इसके अलावा जय सिंह मरावी, दिव्य राज सिंह, सुरेन्द्र सिंह गहरवार, प्रदीप पटेल, कुंवर सिंह टेकाम, विक्रम सिंह, शरद कोल और मीना सिंह के नाम संभावितों में हैं.

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बुंदेलखंड भी लगी कतार : वहीं, इस बार मालवा के बाद बुंदेलखंड इलाका ऐसा है, जहां से मंत्री पद के लिए कतार लंबी है. सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत के अलावा शैलेन्द्र जैन, लखन पटेल, प्रहलाद लोधी, ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह, उमा देवी खटीक, हरिशंकर खटीक, प्रदीप लारिया के नाम मजबूत बताए जा रहे हैं. तो भोपाल रीजन से इस बार रामेश्वर शर्मा सबसे ज्यादा बड़ी जीत के साथ ओबीसी चेहरा कृष्णा गौर के नाम बेहद मजबूत बताए जा रहे हैं. इनके अलावा विष्णु खत्री, ठाकुरदास नागवंशी, डॉ. प्रभुराम चौधरी के नाम भी संभावितों में हैं.

Last Updated : Dec 13, 2023, 1:11 PM IST
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