राजगढ़। मध्यप्रदेश के कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे है, जहां आज भी सड़क के लिए लोग तरसते हैं. हर 5 साल में आने वाले चुनाव के दौरान स्थानीय जनप्रतीनिधि ग्रामीणों से कई तरह के वादे और दावे करते हैं लेकिन हकीकत में वे सब खोखले नज़र आते हैं. ऐसी वादाखिलाफी से रुष्ट होकर लोग मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी देते हैं. ऐसा ही हाल राजगढ़ जिले के कड़ीखेड़ा गांव का है. जहां आजादी के 77 साल बीतने के बाद सड़क नहीं बन पाई. विधानसभा चुनाव से पहले ग्रामीणों की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन ने आचार संहिता लगने से पहले यहां सड़क निर्माण को मंजूरी दी. अब यहां सड़क बनने लगी. इससे ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नही है.
ग्रामीणों के लिए सपना थी सड़क : राजगढ़ जिले की खिलचीपुर जनपद पंचायत के तहत आने वाले कड़ीखेड़ा गांव के लोग सड़क नहीं होने से परेशान थे. पहाड़ीनुमा इलाका होने के चलते गांव सड़कविहीन था. ग्रामीणों के अनुसार वे अपने वाहन पास के एक गांव में रखकर पैदल गांव पहुंचते थे. ऐसे में सबसे ज्यादा समस्या उस वक़्त होती जब गांव में कोई बीमार होता और उसे अस्पताल ले जाना होता था. या फिर गांव के किसी व्यक्ति को अन्य किसी जरूरी काम से गांव के बाहर जाना होता था.
रंग लाई ग्रामीणों की मुहिम : ग्रामीणो ने कुछ माह पूर्व ही उक्त समस्या की शिकायत जिला पंचायत सीईओ अक्षय तेम्रवाल से की, जिनके द्वारा शिकायत को संज्ञान में लेते हुए गांव का निरीक्षण किया गया. उस दौरान जिला पंचायत सीईओ को भी गांव में पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी और उन्होंने ग्रामीणो को सड़क निर्माण का आश्वासन दिया. उन्होंने जिला पंचायत के कोष मनरेगा सुदूर सड़क निर्माण के लिए 24.67 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की और अब गांव में सड़क निर्माण का कार्य भी प्रारंभ करवा दिया.
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मनरेगा के तहत बनने लगी सड़क : जिला पंचायत सीईओ अक्षय तेम्रवाल सड़क निर्माण कार्य का ज़ायज़ा लेने भी पहुंचे और लंबा वक्त वहां गुजारा. स्वयं की देखरेख में सड़क के निर्माण कार्य का कार्य प्रारंभ कराया. सोमवार को जिला पंचायत सीईओ अक्षय तेम्रवाल से बात की गई तो उन्होने कहा कि इस गांव में आज तक सड़क नहीं बनी थी. खेतों के रास्ते से होकर गांव में मैं खुद पहुंचा. हमने मनरेगा सुदूर सड़क के माध्यम से राशि स्वीकृत की और अब वहां सड़क बन रही है.