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उत्तर प्रदेश : छात्रा से दुराचार मामले में चिन्मयानंद बरी

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने शाहजहांपुर के एक कॉलेज से एलएलएम करने वाली छात्रा के साथ यौन संबंध के मामले मे अभियुक्त चिन्मयानंद उर्फ कृष्णपाल सिंह को बरी कर दिया है.

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Published : Mar 27, 2021, 10:21 AM IST

चिन्मयानंद बरी
चिन्मयानंद बरी

लखनऊः एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने शाहजहांपुर के एक कॉलेज से एलएलएम करने वाली छात्रा के साथ यौन संबंध बनाने और उसे कैद रखने के मामले मे अभियुक्त चिन्मयानंद उर्फ कृष्णपाल सिंह को बरी कर दिया है. साथ ही रंगदारी व जानमाल की धमकी के मामले में छात्रा और पांच अन्य अभियुक्त संजय सिंह, डीपीएस राठौर, विक्रम सिंह, सचिन सिंह और अजीत सिंह को भी साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. विशेष अदालत में फैसला सुनाए जाते वक्त सभी अभियुक्त उपस्थित रहे.

यह है मामला
27 अगस्त, 2019 को इस बहुचर्चित मामले की एफआईआर छात्रा के पिता ने कोतवाली थाना शाहजहांपुर में दर्ज कराई थी. उन्होंने तहरीर में बताया कि उनकी पुत्री एलएलएम कर रही थी. वह काॅलेज के ही हॉस्टल में रहती थी. उन्होंने बताया कि 23 अगस्त से उसका मोबाइल बंद जा रहा था. इसी बीच उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो देखा, जिसमें स्वामी चिन्मयानंद और कुछ अन्य लोगों द्वारा उसकी व अन्य लड़कियों का शारीरिक शोषण व दुष्कर्म कर उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही थी.

छात्रा के पिता ने लगाए थे आरोप
छात्रा के पिता ने बताया कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनकी पुत्री के साथ कोई अप्रिय घटना करके कहीं गायब कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में जब मैंने स्वामी जी से मोबाइल पर सम्पर्क किया, तो उन्होंने सीधे मुंह बात नहीं की और मोबाइल बंद कर दिया. यही नहीं जब हॉस्टल जाकर देखा तो उनकी पुत्री के कमरे में ताला बंद था. वीडियो के मुताबिक उसमें साक्ष्य व सबूत होने की बात कही गई है. उन्होंने कहा कि अभियुक्तगण राजनैतिक व सत्ता पक्ष के दंबग तथा गुंडा किस्म के लोग हैं. वह साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं.

पढ़ें :यूपी के एमपी-एमएलए कोर्ट से चिन्मयानंद बरी, आरोपी छात्रा को भी नहीं मिली सजा

20 सिंतबर 2019 को किया था गिरफ्तार
छात्रा के पिता की तहरीर पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 20 सितंबर 2019 को चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर लिया था. चार नवंबर, 2019 को इस मामले में चिन्मयानंद के खिलाफ आईपीसी की धारा 376(सी), 354(डी), 342 व 506 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

फोन कर मांगी थी पांच करोड़ की रंगदारी
25 अगस्त 2019 को रंगदारी मामले की एफआईआर एडवोकेट ओम सिंह ने थाना कोतवाली शाहजहांपुर में दर्ज कराई थी. जिसके मुताबिक किसी अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल से पांच करोड़ की मांग की. इस दौरान अज्ञात व्यक्ति ने धमकी देते हुए कहा कि यदि रुपयों का इंतजाम नहीं किया तो समाज में बदनाम कर दूंगा. यह भी धमकी दी गई कि मेरे पास एक वीडियो है, जिसे वायरल कर दूंगा. उन्होंने कहा कि मुझे आशंका है कि एक साजिश के तहत कुछ लोगों द्वारा धन उगाही व चरित्र हनन का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही डर का माहौल पैदा कर शिक्षण संस्थान को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

यह भी पढ़ेंः शाहजहांपुर जेल से स्वामी चिन्मयानंद रिहा

चार नवंबर 2019 को इस मामले में छात्रा व अन्य अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 385, 506, 507, 201 व 34 तथा आईटी एक्ट की धारा 67ए के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया. छह नवंबर 2019 को अदालत ने इस आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था.

लखनऊः एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने शाहजहांपुर के एक कॉलेज से एलएलएम करने वाली छात्रा के साथ यौन संबंध बनाने और उसे कैद रखने के मामले मे अभियुक्त चिन्मयानंद उर्फ कृष्णपाल सिंह को बरी कर दिया है. साथ ही रंगदारी व जानमाल की धमकी के मामले में छात्रा और पांच अन्य अभियुक्त संजय सिंह, डीपीएस राठौर, विक्रम सिंह, सचिन सिंह और अजीत सिंह को भी साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. विशेष अदालत में फैसला सुनाए जाते वक्त सभी अभियुक्त उपस्थित रहे.

यह है मामला
27 अगस्त, 2019 को इस बहुचर्चित मामले की एफआईआर छात्रा के पिता ने कोतवाली थाना शाहजहांपुर में दर्ज कराई थी. उन्होंने तहरीर में बताया कि उनकी पुत्री एलएलएम कर रही थी. वह काॅलेज के ही हॉस्टल में रहती थी. उन्होंने बताया कि 23 अगस्त से उसका मोबाइल बंद जा रहा था. इसी बीच उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो देखा, जिसमें स्वामी चिन्मयानंद और कुछ अन्य लोगों द्वारा उसकी व अन्य लड़कियों का शारीरिक शोषण व दुष्कर्म कर उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही थी.

छात्रा के पिता ने लगाए थे आरोप
छात्रा के पिता ने बताया कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनकी पुत्री के साथ कोई अप्रिय घटना करके कहीं गायब कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में जब मैंने स्वामी जी से मोबाइल पर सम्पर्क किया, तो उन्होंने सीधे मुंह बात नहीं की और मोबाइल बंद कर दिया. यही नहीं जब हॉस्टल जाकर देखा तो उनकी पुत्री के कमरे में ताला बंद था. वीडियो के मुताबिक उसमें साक्ष्य व सबूत होने की बात कही गई है. उन्होंने कहा कि अभियुक्तगण राजनैतिक व सत्ता पक्ष के दंबग तथा गुंडा किस्म के लोग हैं. वह साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं.

पढ़ें :यूपी के एमपी-एमएलए कोर्ट से चिन्मयानंद बरी, आरोपी छात्रा को भी नहीं मिली सजा

20 सिंतबर 2019 को किया था गिरफ्तार
छात्रा के पिता की तहरीर पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 20 सितंबर 2019 को चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर लिया था. चार नवंबर, 2019 को इस मामले में चिन्मयानंद के खिलाफ आईपीसी की धारा 376(सी), 354(डी), 342 व 506 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

फोन कर मांगी थी पांच करोड़ की रंगदारी
25 अगस्त 2019 को रंगदारी मामले की एफआईआर एडवोकेट ओम सिंह ने थाना कोतवाली शाहजहांपुर में दर्ज कराई थी. जिसके मुताबिक किसी अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल से पांच करोड़ की मांग की. इस दौरान अज्ञात व्यक्ति ने धमकी देते हुए कहा कि यदि रुपयों का इंतजाम नहीं किया तो समाज में बदनाम कर दूंगा. यह भी धमकी दी गई कि मेरे पास एक वीडियो है, जिसे वायरल कर दूंगा. उन्होंने कहा कि मुझे आशंका है कि एक साजिश के तहत कुछ लोगों द्वारा धन उगाही व चरित्र हनन का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही डर का माहौल पैदा कर शिक्षण संस्थान को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

यह भी पढ़ेंः शाहजहांपुर जेल से स्वामी चिन्मयानंद रिहा

चार नवंबर 2019 को इस मामले में छात्रा व अन्य अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 385, 506, 507, 201 व 34 तथा आईटी एक्ट की धारा 67ए के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया. छह नवंबर 2019 को अदालत ने इस आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था.

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