ग्वालियर। मध्य प्रदेश में BJP ने विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियां शुरू कर दी है. (mp assembly election 2023) 2018 में MP में कांग्रेस ने BJP को झटका देते हुए 15 साल बाद वापसी हुई थी, लेकिन 2020 में सिंधिया की कांग्रेस से बगावत के बाद BJP फिर से काबिज हो गई. यही वजह है कि 2023 में BJP के लिए चुनाव बड़ी चुनौती है. इस बीच गुजरात में 40 फीसदी पुराने चेहरों के टिकट काटकर बीजेपी के केंद्रीय संगठन ने सभी राज्यों को मैसेज दिया है. इसके बाद MP में बीजेपी के नेताओं में भी यह चर्चा छिड़ गई है. माना जा रहा है कि MP में पार्टी की अंदरूनी खींचतान के बीच BJP गुजरात फॉर्मूला अपना सकती है. संगठन की बैठकों में नेतृत्त्व ने मौजूदा मंत्री विधायकों को ये मैसेज भी दे दिया है.
ग्वालियर चंबल के डेंजर जोन वाले जनप्रतिनिधि: मध्य प्रदेश में अगर गुजरात की तर्ज पर चुनाव लड़ा जाता है तो BJP 40 फीसदी टिकट बदल सकता है. ऐसे में मौजूदा 122 विधायक मंत्रियों में से 48 के टिकट पर तलवार लटक जाएगी. 111 सीट पर हारे हुए चेहरे भी बदले जा सकते हैं. गुजरात फॉमूले के चलते सिंधिया समर्थक मौजदा मंत्री विधायक और उपचुनाव में हारे हुए लोगों के टिकट पर तलवार लटक जाएगी. डबरा से इमरती देवी, ग्वालियर से मुन्ना लाल गोयल, करैरा से जसवंत जाटव, मुरैना से एदल सिंह कंसाना, रघुराज कंसाना, गिरिराज दंडौतिया, भिंड गोहद से रणवीर जाटव के टिकट पर तलवार लटकेगी. गुजरात में टिकिट कटने के बाद बंपर जीत से सिंधिया समर्थक भी मानसिक रूप से तैयार हैं. सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों का कहना है कि BJP नेतृत्व जो फैसला करेगा उसके लिए वो तैयार है. तो वहीं कांग्रेस इस पर चुटकी ले रही है. कांग्रेस विधायक सिकरवार का कहना है कि MP में BJP खेमे में बंटी हुई है. लिहाजा चुनाव के दौरान टिकटों के लिए भी मारामारी होगी. BJP की टूटफूट से कांग्रेस को फायदा मिलेगा.
इसलिए खास है ग्वालियर-चंबल:
- अंचल में कुल विधानसभा सीटें 34
- 2018 विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद
- BJP - 07 सीट
- CON- 26 सीट
- BSP- 01 सीट
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दावेदारों को संगठन का सबक: 2020 के विधानसभा उपचुनाव में BJP को 16 में से 9 सीटों पर जीत मिली थी. आंकड़ा BJP 07 से बढ़कर 16 हुई. कांग्रेस 26 से घटकर 17 पर आ गई. इसी साल भिंड के BSP विधायक संजीव सिंह ने BJP का दामन थामा. अब BJP- CONG बराबर हो गई. वैसे मध्यप्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में BJP की चुनावी कमान केंद्रीय नेतृत्व के हाथों में रहेगी. 2018 में मिली हार से सबक लेते हुए BJP अब एमपी में गुजरात फॉर्मूले पर चुनाव में उतरेगी. इसके लिए MP BJP ने सभी विधायक मंत्रियों और टिकट के दावेदारों को संगठन का सबक पढ़ाया रहा है.